संघियों जेल से तुम डरते हो। माफीनामा तक लिखते हो लेकिन यह कांग्रेस है, इसकी परवरिश ही जेल में हुयी है।
संघियों जेल से तुम डरते हो। माफीनामा तक लिखते हो लेकिन यह कांग्रेस है, इसकी परवरिश ही जेल में हुयी है।
जो काम अंग्रेज नहीं कर सके उसे देसी गिरोह करके दिखाना चाहता है
चंचल
वक्त गुलशन को पड़ा, तो लहू हमने दिया ।
बहार आयी तो कहते हो, तेरा काम नहीं ।।
नेशनल हेराल्ड कांग्रेस की पैत्रृक सम्पत्ति है। इसका इतिहास कांग्रेस के समान्तर खड़ा है। पंडित नेहरू इस अखबार को किस परिस्थिति से चलाते रहे, अपने आप में एक दास्ताँ है।
पूँजी की कमी, लेकिन पंडित नेहरू के साथ जुड़ी उनकी प्रतिबद्धता के कायल तमाम कर्मचारी आधे-अधूरे वेतन पर पूरे मन से अखबार निकालते रहे। श्रीमती इंदिरा गांधी ने उसी परम्परा का निर्वहन किया और हेराल्ड को ज़िंदा रखा। आज सोनिया गांधी उसी परम्परा के निर्वहन में जुड़ी हैं।
कांग्रेस समेत पूरी जनता आज सोनिया गांधी के साथ उनके संघर्ष में साझीदारी कर रही है। जो काम अंग्रेज नहीं कर सके उसे देसी गिरोह करके दिखाना चाहता है और जेल भेजने की बात करता है तो वह भ्रम में है। गिरोहियों जेल से तुम डरते हो। माफीनामा तक लिखते हो लेकिन यह कांग्रेस है, इसकी परवरिश ही जेल में हुयी है। इसके एक नेता का नाम बताओ जो जेल से तप कर नहीं निकला हो।
आज कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी जब सार्वजनिक रूप से गिरोह की चुनौती स्वीकारते हुए ऐलान करते हैं कि वे झुकेंगे नहीं बदले में जेल जाना पड़े या काला पानी तो उनके साथ पूरा देश खड़ा हो जाता है।


