कांग्रेस (Congress) फिर से उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में अपने को पूर्ववत खड़ा करना चाहती है। अपने पक्ष में जन-आलोड़न पैदा करने के लिये वह प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) का प्रयोग तुरूप के पत्ते के तौर पर कर रही है। मोदी के ख़िलाफ़ लड़ाई में राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की नेतृत्वकारी जुझारू भूमिका से कांग्रेस के पक्ष में एक विचारधारात्मक माहौल (ideological atmosphere) भी इसी बीच तैयार हो चुका है।

लेकिन किसी भी डूबे हुए दल के पुनरोदय के लिये अनुकूल राजनीतिक माहौल या नेता का करिश्मा ही यथेष्ट नहीं माना जाता है। पार्टी के कार्यकर्ता और उसका सांगठनिक ताना-बाना सबसे ज़रूरी माने जाते हैं।

कांग्रेस के सांगठनिक ताने-बाने में हर जगह एक प्रकार के बिखराव को देख कर ही मोदी-शाह ने कांग्रेस-मुक्त भारत का सपना देखना शुरू कर दिया था। इसके अलावा भाजपा के संगठन-बल पर अतिरिक्त भरोसे ने उनमें अगले पचासों साल तक के लिये बाक़ी सभी दलों का सफ़ाया कर के मोदी के एकछत्र हिटलरी शासन का उन्माद पैदा कर दिया था।

लेकिन देखते-देखते, भाजपा की एक के बाद एक पराजय ने राजनीतिक वर्चस्व के औज़ारों के बारे में सारी धारणाओं और आकलनों पर गहरे सवाल पैदा कर दिये हैं।

संगठन की शक्ति गौण प्रतीत होती है, अनुकूल राजनीतिक परिवेश अर्थात पक्ष में किंचित हवा ही बूथ पर भारी साबित हो रही है।

यह एक बिल्कुल नई परिघटना दिखाई देती है। जब पार्टी का कैडर सामान्य तौर पर एक संदेशवाही पुतले से ज़्यादा अहमियत नहीं रखता है, तब अधुनातन तकनीक से लैस भाड़े के लोग कैडरों की भीड़ को क्यों नहीं स्थानांतरित कर सकते है ?

अब यही हो रहा है। पाँच राज्यों के पिछले चुनावों में अमित शाह बूथ स्तर के अपने संगठन की ख़ुमारी में डूबे रहे और कांग्रेस ने रातों-रात हर बूथ तक अपने संगठन के ताने-बाने को फैला लिया।

राजनीति की इस नई परिघटना की पृष्ठभूमि में जब हम उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की महत्वाकांक्षाओं पर विचार करते हैं, तो सचमुच हमें उनके इस मिशन में असंभव कुछ भी नहीं लगता है। मायावती, सपा, भाजपा के कैडरों के विरुद्ध कांग्रेस का यह नये प्रकार का जन-कैडर अगर करिश्माई साबित हो जाए तो इसमें अचरज की बात नहीं होगी।

लखनऊ में प्रियंका गांधी की पहली रैली से भी इसके कुछ संकेत ज़रूर मिलते हैं।

Cadre and party and Priyanka Gandhi in the era of communication technology

* अरुण माहेश्वरी

क्या यह ख़बर/ लेख आपको पसंद आया ? कृपया कमेंट बॉक्स में कमेंट भी करें और शेयर भी करें ताकि ज्यादा लोगों तक बात पहुंचे