अंधविश्वास, कट्टरता, जातिवाद, साम्प्रदायिकता और जनता के हितों के खिलाफ खड़ी शक्तियों पर लगातार व मजबूती से चोट करने वाली दीवार पत्रिकाओं ‘संवेग’ व ‘प्रतिरोध’ को एबीवीपी व बजरंग दल द्वारा फाड़ने व शहीद भगत सिंह विचार मंच व स्त्री मुक्ति लीग के कार्यकर्ताओं को ‘गुजरात के मुसलमानों की तरह काटकर फेंक देने’ की ‘‘अलोकतांत्रिक कार्रवाई’’ के विरूद्ध प्रगतिशील छात्रों­युवाओं, बुद्धिजीवियों और नागरिकों से एक अपील....

साथियो,

ज्ञात हो कि पिछले माह जुलाई से शहीद भगत सिंह विचार मंच तथा स्त्री मुक्ति लीग के कार्यकर्ताओं को ‘अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद’ व ‘बजरंग दल’ के तथाकथित कार्यकर्ताओं द्वारा धमकी दी जा रही है। जुलाई माह में मेडिकल कालेज के एक छात्र ने फोन किया और गाली­गलौज की। उस समय यह लगा कि ऐसे ही किसी शरारती तत्व की करतूत होगी। इस महीने (अगस्त) ‘संवेग’ में गुजरात के विकास के दावों को गलत साबित करते तथा ऐसे दावों पर सवाल खड़े करते हुयॆ कुछ आँकड़े दिये गये थे। इसके अलावा ‘प्रतिरोध’ दीवार­पत्रिका में मोदी के संदर्भ में अमर्त्य सेन द्वारा दिये गये बयान, के बाद तथाकथित मोदी समर्थकों द्वारा अमर्त्य सेन की बेटी की अर्ध­नग्न तस्वीर फेसबुक पर डालने के स्त्री­विरोधी कृत्य पर विरोध प्रकट किया गया। यह दीवार पत्रिका लगने के बाद उसी दिन रात में मेडिकल कालेज से पुनः उसी नम्बर से फोन आया कि दोनों दीवार­पत्रिकाओं को फाड़ दिया हूँ। फिर उसके बाद फ़ोन पर लगातार धमकी देने का सिलसिला शुरू हुआ। फोन पर गाली­गलौज भरे मैसेज़ किये। जो मैसेज किये गये उनमें से एक इस तरह है-‘‘मादरचोद तुम्हारा संवेग फाड़ दिया हूँ। साले दिख गये तो तुम्हारी माँ बहन चोद दूँगा -मेडिकल कालेज।’’ नाम और कमरा नम्बर पूछने पर मेडिकल कॉलेज का वह छात्र अपना नाम कभी पंकज तो कभी राजेश बताया और अपना रूम नं. कभी 161 तो कभी 170 बताया। फिर उसने 9415651857, 8574380116 फोन नम्बरों से दो अन्य छात्रों से भी गाली और धमकी दिलवाई। हमारे तीन साथी फिर से दीवार पत्रिका लगाने गये तो वह उसको भी फाड़ने लगा। इसका विरोध करने पर वह एबीवीपी व बजरंग दल के लोगों को बुलाकर मारपीट की धमकी देने लगा। इसके बाद इन लोगों द्वारा (जिसमें कोई अपने को एबीवीपी का, कोई बजरंग दल का, कोई हिन्दू हास्टल का बता रहा था।) शाम 7 बजे से लेकर रात के 12 बजे तक लगातार फोन करके सबक सिखाने, काटकर फेंक देने की धमकी दी जाती रही। फोन पर ये लोग कह रहे थे कि जैसे मोदी ने गुजरात में मुसलमानों को कटवाया था उसी तरह तुम लोग भी काटे जाओगे। शहीद भगत सिंह विचार मंच के कार्यकर्ताओं द्वारा यह कहने पर कि एक लोकतांत्रिक समाज में हर व्यक्ति को अभिव्यक्ति की आज़ादी है और अगर आपको हमारी बातें ठीक नहीं लगती हैं तो हम लोग मिलकर इन बातों पर बातचीत व बहस कर सकते हैं, या आप हमारे तर्कों को खारिज करते हुयॆ अपनी दीवार­पत्रिका तैयार कीजिए। इस पर उनका कहना था कि मोदी को कोई कुछ भी कहेगा, तो हम उसे फाड़ देंगे और दीवार­पत्रिका मेडिकल कॉलेज में नहीं लगने देंगे और कहा कि अपना पता बताओ, तो तुम लोगों को सबक सिखाएं।

इन अलोकतांत्रिक, फासीवादी व निरंकुश तौर­तरीकों का हम पुरज़ोर विरोध करते हैं। हम ऐसी शक्तियों की धमकियों से जनता के हितों के बारें में लिखना व सच्चाई बयां करना कत्तई बन्द नहीं करेंगे और हर तरह के संघर्ष के लिये तैयार रहेंगे। तमाम प्रगतिशील छात्रों­युवाओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं, बुद्धिजीवियों एवं नागरिकों से हमारी अपील है कि वह इस संघर्ष में हमारा साथ दें।

‘शहीद भगत सिंह विचार मंच’ एवं ‘स्त्री मुक्ति लीग’ की तरफ से क्रमशः दो दीवार पत्रिकाएं ‘संवेग’ तथा ‘प्रतिरोध’ के नाम से इलाहाबाद में निकाली जाती हैं। ये पत्रिकायें पिछले दो सालों से निकाली जा रही हैं। ‘संवेग’ दीवार­पत्रिका को निकालने का मकसद मौजूदा दौर में टीवी चैनलों व अखबारों के माध्यम से जो मानवद्रोही कुसंस्कृति नौजवानों के बीच परोसी जा रही है; उसके समानान्तर भगतसिंह, चन्द्रशेखर आजाद, राहुल सांकृत्यायन, प्रेमचंद, निराला, मुक्तिबोध, गोर्की, चेखव, तोल्स्ताय आदि की क्रान्तिकारी व साहित्यिक विरासत को पहुँचाने व इनका आदर्श नौजवानों के सामने रखने का विनम्र प्रयास है। हर माह निकलने वाली इस दीवार­पत्रिका में तत्कालीन ज्वलंत मुद्दों और महत्वपूर्ण घटनाओं पर बेबाकी से अपनी जनपक्षधर राय रखी जाती है। यह पत्रिका अंधविश्वास, कट्टरता, जातिवाद, साम्प्रदायिकता और जनता के हितों के खिलाफ खड़ी शक्तियों पर लगातार और मजबूती से चोट करती रही है। इलाहाबाद के इंजीनियरिंग कालेज, मेडिकल कालेज, विश्वविद्यालय के छात्रावासों, बस­स्टैण्ड, रेलवे स्टेशन, चन्द्रशेख़र आजाद पार्क जैसी जगहों पर यह दीवार­पत्रिका लगायी जाती है। इस प्रयास को छात्रों, पत्रकारों, बुद्धिजीवियों द्वारा बहुत सराहा गया। हजारों की संख्या में इसके नियमित पाठक हैं। इलाहाबाद विश्वविद्यालय कैम्पस में ‘संवेग’ लगने के बाद अन्य दीवार पत्रिकायें निकलना शुरू हुई। इसके माध्यम से कैम्पस के माहौल में यह एक सकारात्मक परिवर्तन आया। यह दीवार पत्रिका पूरी तरह से छात्रों के वित्तीय सहयोग तथा शारीरिक व मानसिक प्रयास द्वारा तैयार की जाती है तथा वर्तमान में इसकी 100 से 150 प्रतियां पूरे शहर में दीवारों पर चस्पा की जाती हैं।

‘प्रतिरोध’ दीवार­पत्रिका स्त्री मुक्ति लीग की तरफ से इस मकसद से शुरू की गई कि स्त्रियों का अपना एक वैचारिक मंच बनाया जाय; जिसके माध्यम से स्त्रियाँ अपनी भावनाओं को अपनी अन्य बहनों व संवेदनशील पुरूषों तक पहुँचा सकें। साथ ही स्त्री उत्पीड़न के विविध रूपों की शिनाख़्त की जा सके तथा उसके ख़िलाफ सशक्त प्रतिरोध खड़ा किया जा सके। यह दीवार­पत्रिका भी पूरी तरह से विश्वविद्यालय की छात्राओं के सहयोग से तैयार की जाती है।

शहीद भगत सिंह विचार मंच, स्त्री मुक्ति लीग

फोन नं. 8115491369, 8303889357