सपा, संघ परिवार की बी टीम
सपा, संघ परिवार की बी टीम
रिहाई मंच के जागरुकता अभियान को पुलिस ने की रोकने की कोशिश।
सपा ने वोट तो धर्मनिरपेक्षता के नाम पर लिया लेकिन काम वह संघ परिवार का कर रही है। सपा संघ परिवार की बी टीम है
हिवेट रोड और मकबूलगंज में रिहाई मंच ने की नुक्कड़ सभाएं
लखनऊ 14 दिसम्बर 2015। प्रदेश की सपा सरकार और केंद्र की भाजपा सरकार के बीच साम्प्रदायिक एजेंडे पर गुप्त समझौता है। इसी वजह से विधानसभा का शीतकालीन सत्र टाल दिया गया है क्योंकि उसे इस सत्र में जस्टिस सहाय कमीशन की रिपोर्ट को पटल पर रखना पड़ता।
ये बातें रिहाई मंच के नेता शकील कुरैशी ने रिहाई मंच के ‘सपा-भाजपा के साम्प्रदायिक गठजोड़’ के खिलाफ चलाए जा रहे जनजागरुकता अभियान के तहत मकबूलगंज में हुई नुक्कड़ सभा जिसे पुलिस ने रोकने की कोशिश की, में कही। रिहाई मंच ने आरोप लगाया है कि इसी गठजोड़ के कारण उसके द्वारा चलाए जा रहे जनजागरुकता अभियान को पुलिस के जरिए बाधित कराने का काम सरकार कर रही है।
शकील कुरैशी ने कहा कि भाजपा और सपा ने 2017 के विधानसभा चुनावों के लिए गुप्त साम्प्रदायिक गठजोड़ बना लिया है। जिसके तहत उनमें आम सहमति बनी है कि हिंदुत्ववादी दंगाईयों के खिलाफ सपा सिर्फ जुबानी बयानबाजी करेगी कोई ठोस कानूनी कार्रवाई नहीं करेगी। जैसा कि सपा राज में हुई तमाम मुस्लिम विरोधी साम्प्रदायिक हिंसा की घटनाओं में हुआ है। जहां आज तक एक भी आरोपी को पुलिस ने पकड़ा तक नहीं। वहीं रिहाई मंच अगर सपा और भाजपा के गठजोड़ को बेनकाब करता है तो उसकी सभाओं को रोकने की कोशिश की जाती है।
वहीं हिवेट रोड पर हुई नुक्कड़ सभा को सम्बोधित करते हुए इंसाफ अभियान के प्रदेश महासचिव और इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्रनेता दिनेश चौधरी ने कहा कि असली दंगाई बाहर घूम रहे हैं और इंसाफ की मांग करने वाले रिहाई मंच के लोगों पर कहीं पुलिस दंगा भड़काने का झूठा मुकदमा दर्ज करती है तो कहीं उनकी सभाओं को रोकने की कोशिश करती है। जो साबित करता है कि सपा ने वोट तो धर्मनिरपेक्षता के नाम पर लिया लेकिन काम वह संघ परिवार का कर रही है। सपा संघ परिवार की बी टीम है।
रिहाई मंच नेता शबरोज मोहम्मदी ने कहा कि सपा ने अपने चुनावी घोषणापत्र में वादा किया था कि मुसलमानों को आरक्षण दिया जाएगा और आतंकवाद के नाम पर कैद बेगुनाहों पर से मुकदमे हटा लिए जाएंगे। लेकिन न तो आरक्षण मिला और ना ही बेगुनाह छूटे। सबसे शर्मनाक कि सपा के मुस्लिम मंत्रियों और विधायकों तक ने मुलायम सिंह और अखिलेश यादव से आज तक नहीं पूछा कि मुसलमानों से किए गए वादों से सरकार क्यों मुकर गई।
रिहाई मंच नेता अनिल यादव ने कहा कि प्रदेश को सभी पार्टियों ने लूटा है। किसी ने परिवार के नाम पर तो किसी ने जातिवाद और धर्म के नाम पर। अब प्रदेश को नया राजनीतिक विकल्प ही बचा सकता है। उन्होंने कहा कि पूरे सूबे में अराकजकता का माहौल है, दलित, मुस्लिम और महिलाएं असुरक्षित हैं, किसान आत्महत्या करने पर मजबूर हैं। लेकिन विपक्ष कहीं पर भी अपनी भूमिका में नहीं दिखता। ऐसे में जनता को अब अपना राजनीतिक विकल्प बनाना होगा।


