अंबरीश कुमार
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के नौंवे राष्ट्रीय अधिवेशन में आज जब जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव मंच पर पहुंचे तो समाजवादी पार्टी कार्यकर्ताओं का उत्साह देखने वाला था जिन्होंने मुलायम सिंह के नारों से पंडाल गूंजा दिया। जलवा जिसका कायम है, उसका नाम मुलायम है से लेकर धरतीपुत्र मुलायम सिंह जिंदाबाद जिंदाबाद जैसे नारे गूंज रहे थे।
जनेश्वर मिश्र पार्क में हो रहा समाजवादी पार्टी का यह अधिवेशन समय के लिहाज से बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है। केंद्र में कांग्रेस के पद चिन्हों पर चलने वाली मोदी सरकार की नीतियों के खिलाफ वामपंथी समाजवादी गांधीवादी और तमाम मजदूर संगठन एकजुट हो रहे हैं। अब वह माहौल नहीं है जो मई में था। बिहार में लालू और नीतीश साथ-साथ हैं तो हरियाणा में पुराने समाजवादी धड़े एक हो रहे हैं। दिल्ली में इसी हफ्ते वामपंथी और समाजवादी साथ बैठने जा रहे हैं। पनवेल में देश भर के छोटे बड़े समाजवादी संगठनों के समागम के बाद से कई राज्यों में समाजवादी समागम की प्रक्रिया तेज हो चुकी है। समाजवादी नेता डा. सुनीलम इस अभियान के लिए लगातार दौरे कर रहे हैं। इस माहौल में मुलायम सिंह के मंच पर शरद यादव का आना बड़ी राजनैतिक घटना है।
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में जीत का ऐतिहासिक रिकार्ड बनाने वाले नरेंद्र मोदी को उत्तर प्रदेश में हाल में हुए उप चुनाव में तगड़ा झटका लग चुका है और समाजवादी पार्टी के कार्यकर्त्ता बम बम हैं। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव जो लगातार मीडिया के एक बड़े हिस्से के निशाने पर रहे, वे अब दबाव मुक्त हो चुके हैं और वह मीडिया जरूर घेरे में है जिसने लगातार एकतरफा ख़बरों से माहौल बनाने का प्रयास किया। समाजवादी नेता शरद यादव ने इस पर खुलकर निशाना भी साधा। बदायूं की घटना का हवाला देकर मीडिया के उस हिस्से को बेनकाब भी किया गया। यह समाजवादियों के बदलते तेवर को समझने के लिए काफी है।
मुलायम के मंच पर शरद यादव की मौजूदगी के बड़े राजनैतिक मायने हैं। समाजवादी पार्टी के इस अधिवेशन की मुख्य खबर भी यही है।
इससे पहले अधिवेशन में मुलायम सिंह यादव लगातार नौवीं बार समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने गए। सपा के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव ने आज शुरु हुए पार्टी के नौंवे राष्ट्रीय अधिवेशन में इस बात की घोषणा करते हुए बताया कि मुलायम को लगातार नौवीं बार सर्वसम्मति से पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया है। मुलायम अगले तीन साल तक पार्टी के अध्यक्ष बने रहेंगे। पार्टी के इस राष्ट्रीय अधिवेशन का तामझाम भी अत्याधुनिक है। ऐसा बड़ा और भव्य पांडाल पहली बार किसी राजनैतिक जलसे में दिखा, वह भी आधुनिक तकनीक के साथ। समाजवादी पार्टी ने अब यह दर्शा दिया है कि तकनीक के मामले में वह भी मोदी से पीछे नहीं रहने वाली। पर असली मुद्दा राजनैतिक है जिसका एजेंडा आज मुलायम सिंह ने तय किया। महंगाई से लेकर बेरोजगारी तक, देश की असुरक्षित होती सीमा तक।
मुलायम सिंह ने पकिस्तान की सीमा पर बढ़ती गोलीबारी पर कहा- पाकिस्तान पर हमला करने के लिए मोदी को सचमुच 56 इंच के सीने की जरूरत है। उन्होंने चीन का सवाल भी उठाया और कहा- घुसपैठ के बावजूद केंद्र सरकार शांत क्यों बैठी है? मुलायम ने केन्द्र सरकार को नसीहत देते हुए चीन से सावधान रहने की जरूरत बताई।
मुलायम ने जो छोड़ा उसे बाद में शरद यादव ने पूरा कर दिया। शरद यादव ने कहा यूपीए की आर्थिक नीतियों को ही यह मोदी सरकार लागू कर रही है। वह सास थी तो ये बहु है। सास बहु के इस खेल से देश को निकलना होगा। शरद यादव ने आगे कहा- समाजवादी संकट में ही एकजुट होते हैं और अब देश पर संकट मंडरा रहा है तो समाजवादी भी साथ खड़े हो रहे हैं।
दरअसल मुलायम सिंह ने एनडीए के अध्यक्ष रहे शरद यादव को साथ लाकर बड़े राजनैतिक ध्रुवीकरण का संकेत दिया है। देश में कांग्रेस के खिलाफ माहौल बना हुआ था। अब केंद्र की भाजपा सरकार के खिलाफ भी लोगों का मोहभंग होने लगा है। दरअसल जिस भ्रष्टाचार, महंगाई और बेरोजगारी के अच्छे दिन का वादा कर मोदी सत्ता में आए थे वह सब मुद्दे पीछे जा चुके हैं। मोदी रोज नए मन्त्र देते हैं और पुराने मंत्र भूल जाते हैं। वे नेपाल को भी मंत्र दे आए और जापान को भी। पर कहीं कोई ठोस पहल नहीं दिख रही। उनकी आर्थिक नीतियों के खिलाफ सबसे पहले विरोध होगा और यह काम मजदूर संगठनों ने शुरू कर दिया है। रेलवे से लेकर सेना तक में भारी विदेशी निवेश के खिलाफ माहौल बनने लगा है। ऐसे में समाजवादी ताकतों की बढ़ती सक्रियता और लामबंदी रंग ला सकती है। वर्ष 1942 के आंदोलन के झंडाबरदार समाजवादी ही थे तो चौहत्तर आंदोलन के प्रणेता भी समाजवादी ही थे। ऐसे में मोदी सरकार की कांग्रेसी आर्थिक नीतियों के खिलाफ अगर समाजवादी एकजुट हो रहे हैं, तो वामपंथी भी साथ आ रहे हैं। इसकी बड़ी शुरुआत आज मुलायम और शरद यादव के साथ आने से हो गई है।

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The ninth national convention of the Samajwadi Party, Sharad Yadav,