समाजवादियों के निशाने पर आए रामगोपाल
समाजवादियों के निशाने पर आए रामगोपाल
लखनऊ, 21 मार्च। योगी आदित्यनाथ के शपथग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कान में खुसुर-फुसुर करते मुलायम सिंह यादव की तस्वीर सोशल माडिया में वायरल हो रही है तो सपा महासचिव और अखिलेश यादव के दिल्ली वाले चाचा रामगोपाल यादव सपा कार्यकर्ताओं के निशाने पर आ गए हैं।
दरअसल टेलीग्राफ अखबार में ये खबर छपी है कि मुलायम ने मोदी के कान में कहा कि अखिलेश का ख्याल रखिए। यही नहीं मुलायम ने ये भी कहा कि इनको सिखाइये यानी अखिलेश को सिखाइये।
टेलीग्राफ अखबार ने शपथग्रहण समारोह में मौजूद बीजेपी के एक बड़े नेता के हवाले से ये खबर छापी है।
फेसबुक पर Bahujan Samaj Party – BSP नाम से एकाउंट पर लिखा गया
“सपा ने अपना कोर वोट बीजेपी को ट्रांसफर किया और कांग्रेस को साथ लेकर मुस्लिमों को गुमराह किया।“
दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता रामगोपाल यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री को छह महीने का वक्त मिलना चाहिए।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रामगोपाल यादव ने कहा कि वो अगले छह महीने कुछ नहीं बोलेंगे। इसके साथ उन्होंने ये भी कहा कि आदित्यनाथ जो वस्त्र पहनते हैं वो उसका बहुत ही सम्मान करते हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक योगी आदित्यनाथ की छवि पर पूछे गए सवाल के जबाव में रामगोपाल ने कहा, “अब वो हमारे मुख्यमंत्री हैं और मुख्यमंत्री पर एक दिन में ही सवाल उठने लगें सही नहीं है। मैं छह महीने कुछ नहीं कहूंगा। वो जो वस्त्र पहनते हैं इस देश में उसका बहुत ही सम्मान है और इस दृष्टि से मैं भी उनका बहुत सम्मान करता हूं।”
इसके बाद रामगोपाल सपा कार्यकर्ताओं के निशाने पर आ गए। एक सपा कार्यकर्ता ने फेसबुक पर पहले कमेंट किया था -
“रामगोपाल जी ने आखिर बीजेपी की सरकार बनवा ही दिया।।। बिहार में तो कामयाब नहीं हुए पर उत्तर प्रदेश में हो ही गये।“
तो सपा के समर्थक समाजवादी लेखक अरविन्द विद्रोही ने फेसबुक पर एक लंबी पोस्ट लिख मारी, जो वाट्सएप पर भी खूब शेयर हो रही है।
अरविन्द विद्रोही ने फेसबुक पर लिखा
समाजवादी साथियों — जय समाजवाद ...
किसी भी सरकार का प्रत्येक दिन एवं प्रत्येक कदम जनहित में होना चाहिए यह उसका संवैधानिक दायित्व है। विपक्षी राजनैतिक दल का यह दायित्व होता है कि वो सरकार के प्रत्येक कार्य योजना एवं गतिविधियों पर निरन्तर प्रति दिन प्रति पल नजर रखे। सरकार द्वारा किये जाने वाले जनहित के कार्यों की प्रशंसा विपक्ष समेत सभी सामाजिक संगठनों को करनी चाहिए और सरकार एवं सरकार के मंत्रियों - सत्ताधारी दल के नेताओं के गलत जनहित विरोधी कार्य आचरण का त्वरित जमकर विरोध .......
तात्कालिक अन्याय के विरोध करने का सिद्धांत डॉ राममनोहर लोहिया ने हम समाजवादियों को दिया। क्या हम पूरी तरह से डॉ लोहिया के सिद्धांतों ,उनकी बातों को विस्मृत कर चुके हैं।
ये किस प्रवृति के समाजवादी पार्टी के स्वनामधन्य नेता गण हैं जिनका सपा का चुनावी बेड़ागर्क करने के पश्चात् भी अभी मन नही भरा है। समाजवादियों की पहचान अन्याय के खिलाफ संघर्ष की है।
6 महीना तक का वक़्त उप्र की भाजपा सरकार को देने सम्बंधित बयान के क्या निहितार्थ हैं ? भाजपा सरकार उप्र की अगर अभी कोई जनहित विरोधी कार्य करती है तो क्या हम 6 महीना तक इंतजार करेंगे ? एक बात का जवाब देंगे क्या बयानवीर नेता — अगर आपके या आपके परिजनों ,आपके चहेतों के विरुद्ध भाजपा सरकार कोई कार्यवाही करेगी तो आप तुरन्त उत्पीड़न उत्पीड़न चिल्लाने नही लगोगे ,आंदोलन आंदोलन की गुहार नही लगाने लगेंगे आप ?? इसलिए सविनय करबद्ध निवेदन है कि अब आप लोग रहम करिये और चलने दीजिये नव संग़ठन निर्माण एवं संघर्ष के मार्ग पर श्री अखिलेश यादव को .....
कसम से राष्ट्रीय पधाधिकारी ( बनते लिखते जिम्मेदारी लिए ) हैं आप सभी बयानवीर लोग और सिर्फ उप्र के मामलों पर ही बयान देते फिरते हैं ....दिल्ली में संग़ठन बनाइये , कुछ अन्य राज्यों की सरकारों ,केंद्र सरकार पर बोलिये और न बोल सकते हो तो इस्तीफा भेज दीजिये अब समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव को .....
तमाम वरिष्ठ एवं युवा संग़ठन कार्य को सार्थक तरीके से निष्पादित करने एवं मुद्दों पर भाजपा सरकारों को घेरने में सक्षम हैं। आप लोग स्वतः हटिये .... काम करने दीजिये अब श्री अखिलेश यादव को और बढ़ने दीजिये समाजवादी आंदोलन को ...
डॉ लोहिया अमर रहे - जय समाजवाद ——- अरविन्द विद्रोही


