सम्मान वापसी का शौरी ने किया समर्थन, कहा ये लेखक और कलाकार देश की अंतरात्मा के रखवाले
सम्मान वापसी का शौरी ने किया समर्थन, कहा ये लेखक और कलाकार देश की अंतरात्मा के रखवाले
अरुण शौरी ने फिर साधा प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना
लेखकों और कलाकारों के सम्मान वापसी का किया समर्थन,
कहा ये लेखक और कलाकार देश की अंतरात्मा के रखवाले
कलाम का आवास महेश शर्मा को रहने के लिए आवंटित किया जाना "लोगों के चेहरे पर थूकने" की तरह
नई दिल्ली। कभी भाजपा के प्रमुख सिद्धांतकार रहे वरिष्ठ पत्रकार व अटल सरकार में विनिवेश मंत्री रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री अरूण शौरी ने देश में बढ़ रही असहिष्णुता को लेकर एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है और सम्मान वापसी करने वाले लेखकों, कलाकारों का समर्थन करते हुए उन्हें देश की अंतरात्मा का रखवाला बताया है।
शौरी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केवल बिहार विधानसभा चुनाव जीतने के लिए जानबूझकर चुप्पी साधे हुए हैं जबकि उनके मंत्रिमंडलीय सहयोगी और पार्टी नेता इन मुद्दों को जिंदा रखे हुए हैं।
एक अंग्रेजी अखबार की खबर के मुताबिक इंडिया टुडे टीवी पर एक साक्षात्कार में शौरी ने भाजपा के प्रधानमंत्री के बचाव में इस तर्क प्रधानमंत्री से हर मुद्दे पर बात करने की उम्मीद नहीं की जा सकती है, को खारिज करते हुए कहा कि, "प्रधानमंत्री होम्योपैथी विभाग के एक अनुभाग अधिकारी नहीं है। न ही किसी एक विभाग के प्रमुख हैं। वह देश के प्रधानमंत्री हैं।“
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री देश को नैतिक रास्ता दिखाने के लिए हैं और उन्हें अपने नैतिक मानकों को स्थापित करना चाहिए।
अरूण शौरी ने साक्षात्कार में कहा, प्रधानमंत्री मोदी जैसे ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरून के जन्मदिन पर ट्वीट करने के लिए समय निकाल लेते हैं उसी तरह देश में बढ़ रही घटनाओं पर बात करने के लिए समय निकालें।
शौरी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जानबूझकर दादरी जैसी घटनाओं पर चुप्पी साधे हुए हैं, जबकि उनके मंत्रिमंडलीय सहयोगी और पार्टी नेता केवल बिहार विधानसभा चुनाव जीतने के लिए इन मुद्दों को जिंदा रखे हुए हैं। प्रधानमंत्री (हरियाणा) में दो दलित बच्चों की हत्या और दादरी जैसी घटनाओं पर चुप हैं।
एक सवाल क्या मोदी की चुप्पी राजनीतिक थी, पूछे जाने पर शौरी ने कहा, "मुझे ऐसा लगता है ... आप दोनों तरीके से सही नहीं हो सकते। आपको एक बहुत मजबूत नेता बनना पड़ेगा, लेकिन अपने सदस्यों को नियंत्रित नहीं कर सकते।“
शौरी ने कहा कि जेटली का मोदी के बचाव में यह कहना है कि वह असहिष्णुता के सबसे बड़े शिकार रहे हैं, सबसे खराब बचाव है। "एक शासक का मानना है कि वह शिकार है तो वह बदला लेने के लिए पूरे औचित्य से तैयार हो जाता है। यह भयानक है। यह तामसिक होने के लिए उसे इस आधार दे देंगे।"
कभी भाजपा के प्रमुख सिद्धांतकार रहे वरिष्ठ पत्रकार व अटल सरकार में विनिवेश मंत्री रहे शौरी अब किसी पार्टी के सदस्य नहीं हैं।
भाजपा के इस दावे के बारे में पूछे जाने पर शौरी ने कहा कि उन्हें पार्टी की आलोचना करने के लिए निष्कासित नहीं किया जा सकता है, पूर्व केंद्रीय मंत्री ने पार्टी की सदस्यता का नवीकरण नहीं होने का संकेत दिया।
पर्यटन व संस्कृति मंत्री महेश शर्मा के पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम के विषय में दिए वक्तव्य "कलाम एक मुस्लिम होने के बावजूद एक राष्ट्रवादी थे” की कड़ी आलोचना करते हुए शौरी ने कहा कलाम का आवास महेश शर्मा को रहने के लिए आवंटित किया जाना "लोगों के चेहरे पर थूकने" की तरह है। यह प्रतीकात्मक भी है।
शौरी ने इस बात से भी सहमति जताई कि मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह बिहार में एक समुदाय को दूसरे के खिलाफ खड़ा कर रहे हैं। एक पाकिस्तानी विश्लेषक के हवाले से उन्होंने कहा कि पड़ोसी मुल्क विवादों से बाहर निकलने की कोशिश कर रहा है, जबकि भारत धीरे-धीरे उसके रास्ते पर बढ़ रहा है।
शौरी ने शाह के बयान "भाजपा बिहार में हारी तो, पटाखे पाकिस्तान में फूटेंगे" की आलोचना करते हुए कहा कि नेता बिना परवाह किए एक मात्र चुनाव जीतने के लिए कुछ भी और सब कुछ के सहारा ले रहे हैं। शौरी ने उन लोगों की आलोचना भी कि जिन्होंने मोदी को "पागल" और "असहिष्णु" कहा था। शौरी ने कहा कि उन लोगों ने "20 साल में एक भी किताब नहीं पढ़ी होगी।"
देश में बढ़ती असहिष्णुता के खिलाफ लेखकों और कलाकारों के सम्मान वापसी का समर्थन करते हुए शौरी ने कहा कि ये लोग देश की अंतरात्मा के रखवाले हैं और इनके इरादे पर सवाल नहीं उठाना चाहिए। उन्होंने कहा कि देश का मौजूदा माहौल निवेशकों के लिए चिंता का विषय बना हुआ है।
Former Union Minister Arun Shourie said on Monday that Prime Minister Narendra Modi’s silence on key issues amid growing intolerance in the country was a political decision aimed at winning the Bihar elections.


