नई दिल्ली,11 अगस्त (शेष नारायण सिंह)। लोकसभा में सदन के नेता प्रणब मुखर्जी (Leader of the House in Lok Sabha Pranab Mukherjee) ने कहा कि जातिवार जनगणना (caste wise census) उसी तरीके से होगी जैसा कि सभी राजनीतिक पार्टियों के नेताओं की सहमति से तय किया गया था। भाजपा की नेता सुषमा स्वराज के उस बयान के बाद कि आज सदन की कार्यवाही चलने दी जायेगी, सबको मालूम था कि लोक सभा में आज हल्लागुल्ला नहीं होगा।

शरद यादव ने उठाया जातिवार जनगणना का मुद्दा

लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही समता पार्टी के संसद सदस्य शरद यादव ने जातिवार जनगणना का मुद्दा उठाया। उन्होंने सरकार से जानना चाहा कि जब लोकसभा में यह तय हो चुका था कि 2001 की जनगणना जाति के आधार पर की जायगी तो सरकार उसमें परिवर्तन क्यों कर रही है।

उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार की कोशिश है कि वह इस गम्भीर मुद्दे को हल्का कर दे।

श्री यादव ने इस बात पर भी ताज्जुब जताया कि केन्द्र सरकार ने आदेश दिया है कि कुछ इलाकों में राज्य सरकारें जातिवार जनगणना करेंगी। जब कि कुछ विषय नगरपालिकाओं को दे दिये गये हैं।

इस मुद्दे पर बहुजन समाज पार्टी के दारा सिंह चौहान ने कहा कि अपने देश में जाति एक सच्चाई है, देश उसे जानना चाहता है, सरकार को चाहिये कि उसे सामने लाये।

इस विषय पर समाजवादी पार्टी के मुलायम सिंह यादव, भाजपा के गोपीनाथ मुंडे और डीएमके केटीआर बालू ने अपने विचार रखे।

वित्त मन्त्री प्रणब मुखर्जी ने कहा कि सरकार ने विपक्षी पार्टियों के साथ जो फार्मूला बनाया था उसे लागू करने में कुछ दिक्क़तें आ रही हैं। लेकिन उन्होंने भरोसा जताया कि उसे ठीक कर लिया जायेगा और जनगणना बाकायदा जाति के आधार पर की जायेगी।

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