सरकार सेना और शहीदों का राजनीतिक इस्‍तेमाल बंद करे
नई दिल्ली। सोशलिस्‍ट पार्टी ने केंद्र सरकार की निंदा करते हुए कहा है कि यह अत्‍यंत दुर्भाग्‍यपूर्ण है कि उरी हमले के बाद 29 सितंबर को भारतीय सेना द्वारा की गई सर्जिकल स्‍ट्राइक को लेकर मौजूदा सरकार सुनियोजित ढंग से युद्धोन्‍माद पैदा करने की कोशिशें कर रही है।
सोशलिस्‍ट पार्टी का कहना है कि सरकार को गरिमा और जिम्‍मेदारी का निर्वाह करते हुए मीडिया और उन्‍मादी तत्‍वों को युद्धोन्‍माद फैलाने से बाज आने को कहना चाहिए था। लेकिन वह खुद मीडिया और उन्‍मादी तत्‍वों के साथ मिल कर युद्धोन्‍माद पैदा करने में लगी है। वोट की राजनीति के लिए किसी सरकार द्वारा सेना और शहीदों के इस्‍तेमाल की यह पहली नजीर है।
पार्टी प्रवक्‍ता व महासचिव डॉ. प्रेम सिंह ने कहा कि सोशलिस्‍ट पार्टी का मानना है कि सरकार अपनी नाकामियों से जनता का ध्‍यान हटाने और उत्‍तर प्रदेश सहित चार राज्‍यों में होने वाले चुनावों में जीत दर्ज करने की नीयत से यह कर रही है।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा एक सच्‍चाई यह भी है कि आजादी के आंदोलन में उपनिवेशवादी अंग्रेजों का साथ देने वाले आरएसएस/भाजपा अब सेना और शहीदों की कीमत पर अपने को देशभक्‍त दिखाना चाहते हैं। वरना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारतीय सेना के बारे में आपत्तिजनक टिप्‍पणियां करते रहे हैं। उनके पिछले दो सालों के कार्यकाल में यह स्‍पष्‍ट हो चुका है कि वे मूलत: बड़े बिजनेस घरानों और उन्‍मादी तत्‍वों के ‘प्रधान सेवक’ हैं।
डॉ. प्रेम सिंह ने कहा इस पूरे प्रकरण में सरकार और मीडिया ने मिल कर अंतर्राष्‍ट्रीय स्‍तर पर भारत की स्थिति को पाकिस्‍तान के मुकाबले कमजोर बना दिया है।
उन्होंने कहा कि सेना की सर्जिकल स्‍ट्राइक पर सवाल उठाने वाले कुछ विपक्षी नेताओं और सिविल सोसायटी एक्टिविस्‍टों के गैर-जिम्‍मेदाराना बर्ताव ने भी भारत की स्थिति को कमजोर बनाने और युद्धोन्‍माद भड़काने में भूमिका निभाई है। ऐसे हालात बना दिए दिए गए हैं कि इस पूरे प्रकरण पर राजनीति से हट कर वाजिब सवाल पूछना भी ‘देशद्रोह’ करार दिया जा रहा है। यह स्थिति लोकतंत्र के लिए खतरनाक है।

सेना के काम करने का अपना तरीका होता है।
सोशलिस्‍ट पार्टी का मानना है कि सेना को उसका काम करने दिया जाए। सरकार, नेता तथा सिविल सोसायटी एक्टिविस्‍ट अपना काम करें। उनका काम स्‍वतंत्र व स्‍वावलंबी आर्थिक नीतियों के आधार पर गरीबी, बीमारी, कुपोषण, अशिक्षा, बेरोजगारी जैसी जड़ जमा कर बैठी समस्‍याओं को मिटाना है। युद्ध में एक तरफ अनेक सैनिक हताहत होंगे, दूसरी तरफ देश की अर्थव्‍यवस्‍था को गहरा नुकसान होगा।
सोशलिस्‍ट पार्टी ने देश के जागरूक नागरिकों का आहवान किया है कि वे सरकार समेत समस्‍त उन्‍मादी तत्वों के युद्धोन्‍मादी प्रचार को अपने विवेक से निष्‍प्रभावी बनाएं।