सरगुजा में किसान आत्महत्या
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने सरगुजा में दो दिन पहले एक किसान, खजुरी गांव निवासी ठाकुरराम मझवार द्वारा आत्महत्या के लिए केन्द्र और राज्य सरकार की किसानविरोधी-आदिवासीविरोधी नीतियों को जिम्मेदार ठहराया है तथा कहा है कि इससे भाजपा सरकार के ' किसान आत्महत्याविहीन राज्य ' होने के दावे की पोल खुल गई है. कल ही सरगुजा से एक आदिवासी बच्चे की मौत का मामला सामने आया था.
आज यहां जारी एक बयान में माकपा राज्य सचिव संजय पराते ने कहा है कि रमन-मोदी सरकार जिन नवउदारवादी और कार्पोरेटपरस्त नीतियों पर चल रही है, उसके दुष्परिणाम सामने आने शुरू हो चुके हैं. इन नीतियों का सार यही है कि अमीरों की तिजोरियों को भरा जाएं और इसके लिए आम जनता पर भार लादा जाएं. यही कारण हैं कि हर साल धनिकों को लाखों करोड़ रुपयों की टैक्स में छूट और माफ़ी दी जा रही है और दूसरी ओर गरीबों को कुर्की की धमकी और उनसे बची-खुची राहत छीनने की कोशिश हो रही है.
माकपा ने कहा है कि न केवल पीड़ित परिवार का क़र्ज़ माफ़ करने और उसे पर्याप्त सहायता देने की जरूरी है, बल्कि भाजपा सरकार को ऋणग्रस्त किसानों को सरकारी और महाजनी क़र्ज़ से मुक्त करने और अपनी कृषि नीति को गरीबों के पक्ष में बनाने की भी जरूरत है. पराते ने मांग की है कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बदहाली से उबारने के लिए मनरेगा, वनाधिकार, लाभकारी मूल्य पर धान खरीदी, बैंकिंग सहायता जैसे कदमों को दृढ़तापूर्वक उठाया जाएं.