सर्वोच्च न्यायालय में सिलिकोसिस की सुनवाई-सरकारों से मांगा छह सप्ताह में जवाब
सर्वोच्च न्यायालय में सिलिकोसिस की सुनवाई-सरकारों से मांगा छह सप्ताह में जवाब
Silicosis hearing in Supreme Court - sought response from governments in six weeks
नई दिल्ली, 21 फरवरी 2016। सिलिकोसिस की सुनवाई करते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने मध्य प्रदेश व गुजरात की सरकारों को नोटिस जारी करते हुए छह सप्ताह के अंदर जवाब मांगा है।
खेतूड मजदूर संगठन की तरफ से लगी जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायाधीश कुरियन जोसेफ और रोहिन्टन फेलिनेरिमन ने यह नोटिस जारी किए हैं।
संगठन की तरफ से बहस करते हुए वकील प्रशांत भूषण ने कांच के कारखाने में काम करने वाले मजदूरों की स्थिति का जिक्र किया। उन्होंने कहा, कि इस बीमारी में फेंफड़े धूल से भर जाते हैं और एक बार बीमार होने पर इसका इलाज संभव नहीं है, मौत निश्चित होती है। उन्होंने मानवाधिकार आयोग के पुराने आदेशों की भी जिक्र किया, जिसमें इस बीमारी में मारे गए सभी 238 लाख रुपए मुआवजे के तौर पर देने के आदेश दिए थे, जो आज तक उन पीड़ितों को नहीं मिले हैं।
भूषण ने कांच के कारखानों को भी इसके लिए दोषी मानने की अपील की।
मानवाधिकार आयोग की वकील अनीता शिनोए ने भी आयोग के आदेशों की जिक्र किया, जिन पर अभी तक सरकारों ने पहल नहीं की है।
उल्लेखनीय है, कि मध्य प्रदेश के आदिवासी जिलों अलीराज पुर, धार और झाबुआ में तमाम आदिवासी इस बीमारी से पीड़ित हैं। शिल्पी केन्द्र की तरफ से लिए गए एक अध्ययन में 2005 से 2012 के बीच इन तीन जिलों में 102 गांवों के 1701 मरीजों की पहचान की गई है, जिसमें से 503 मरीजों की अभी तक मौत हो चुकी है। हालांकि मानवाधिकार आयोग ने 238 मरीजों के लिए ही आदेश जारी किए हैं। संगठन की तरफ से इस रिपोर्ट को भी अदालत में पेश किया गया।
Web title : While hearing the silicosis, the Supreme Court has issued notices to the governments of Madhya Pradesh and Gujarat, seeking their response within six weeks.


