साहित्यकारों और सामाजिक कार्यों से जुड़े लोगों ने की मांग- वी के सिंह को तुरंत बर्खास्त करो
साहित्यकारों और सामाजिक कार्यों से जुड़े लोगों ने की मांग- वी के सिंह को तुरंत बर्खास्त करो
प्रधानमंत्री केन्द्रीय विदेश राज्य मंत्री वी के सिंह को तुरंत बर्खास्त करें-
साहित्यकारों और सामाजिक कार्यों से जुड़े लोगों ने की मांग
रायपुर। साहित्य और सामाजिक कार्यों से जुड़े 15 से अधिक लोगों ने केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री वी के सिंह के गुरूवार को दिए गए उस बयान की घोर भर्त्सना की है, जिसमें केंद्रीय राज्यमंत्री ने हरियाणा के सुनपेड़ गाँव में दलितों को ज़िंदा जलाने की घटना का हवाला देते हुए दलितों की ह्त्या की तुलना कथित तौर पर कुत्तों को पत्थर मारने से की है।
बता दें कि सुनपेड़ में दलितों के एक पूरे परिवार को ज़िंदा जलाकर मारने की साजिश भरी कोशिश में दलित परिवार के दो मासूम बच्चे ज़िंदा जल गए थे। इस घटना ने जहां पूरे देश के बुद्धिजीवियों तथा विचारशील लोगों के मानस को झकझोरा तो दूसरी ओर केंद्रीय राज्यमंत्री ने यह कहकर कि कोई कहीं कुत्ते को पत्थर मारे तो सरकार जिम्मेदार नहीं हो सकती है, देश के बुद्धिजीवियों, संवेदनशील लोगों तथा पूरे दलित समुदाय के लोगों की भावनाओं और संवेदनाओं पर कठोर आघात किया है।
अरुण कान्त शुक्ला ने बताया कि सर्व/श्री प्रभाकर चौबे, ललित सुरजन, एडवोकेट एम बी चौरपगार, नथमल शर्मा, वेदप्रकाश, विनोद शंकर शुक्ल, तेजिंदर गगन, लोकबाबू, सत्यभामा अवस्थी, एडवोकेट निरुपमा बाजपेई, संजय शर्मा(शाम), संतोष ढांढी, अरुण कान्त शुक्ला, जीवेश प्रभाकर, डी के चटर्जी ने बयान जारी करते हुए प्रधानमंत्री से मांग की है कि ऐसी सामंती सोच रखने वाले मंत्री को प्रधानमंत्री केन्द्रीय मंत्रीमंडल से तुरंत बर्खास्त करें।
सभी ने विदेश राज्यमंत्री के इस कथन की भी घोर निंदा की है, जिसमें राज्यमंत्री ने पत्रकारों द्वारा मामले की रिपोर्टिंग करने पर नाराजी जताते हुए पत्रकारों को आगरा में भरती होने के लिए कहा है।
प्रदेश के इन जाने माने वरिष्ठ साहित्यकारों और सामाजिक कार्यों से जुड़े लोगों ने कहा है कि एक केंद्रीय मंत्री का इस तरह का बयान और कथन देश की प्रतिष्ठता और स्वाभिमान पर तमाचा है, इसके लिए प्रधानमंत्री को देश से माफी मांगना चाहिए।


