पलाश विश्वास

आम लोगों की अपनी पार्टी बन गयी है। ज्यादातर खास लोग इस पार्टी में दाखिल हो रहे हैं। पेशेवर दुनिया के प्रबंधकीय दक्ष तमाम लोग। राजनीति तेजी से प्रबंधन का मामला बनता जा रहा है। नि-संदेह पहल और बढ़त आम आदमी पार्टी की है। जनादेश और विकल्प बनाने वाली तमाम शक्तियाँ, आईटी कंपनियाँ, पेशेवर दुनिया, सरकारी कर्मचारी, एनजीओ संसार, फिक्की, सीईई, चैंबर्स, रेटिंग एजेंसियाँ, अर्थशास्त्री, मीडिया विशेषज्ञ, सोशल मीडिया के लोग और तमाम वैश्विक तंत्र की कॉरपोरेट और बाजार की शक्तियाँ आप को नये सुनामी विकल्प बतौर पेश कर रहे हैं। लालबहादुर शास्त्री के पोते, मीरा सान्याल, इंफोसिस बालाकृष्णण और राजनीति और प्रशासन के तमाम ईमानदार छवि वाले हुजूम का समर्थन आप को है। उन सबको नव वर्ष की शुभकामनाएं।

दिल्ली में, देश के सबसे ज्यादा प्रतिव्यक्ति आय वाले राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में मुफ्त पानी मिल रहा है। बधाई। बिजली की दरों में पचास फीसदी कटौती भी हो गयी। बधाई। बाकी देश में पेयजल वंचित लोगों को, तमाम बिजली उपकरणों के साथ नत्थी उपभोक्ता जीवन में बढ़ते बिजली बिल के सरदर्द से निजात दिलाने की पहल के लिए भी आपको बधाई।

नया साल का जश्न अभी जारी है। कल रात छुट्टियों से लौटते हुए सोदपुर स्टेशन में उतरते वक्त ट्रेन में चढ़ने वालों के धक्के से मैं नीचे पलटकर गिरते गिरते बाल बाल बचा। मुँह पर मुक्का मारने की तरह धक्का मार रहे थे लोग। आपाधापी में चश्मा तो बच गया लेकिन टोपी पता नहीं, कहां गुम हो गयी। मैं सुंदरवन इलाके में वकखाली समुद्रतट गया हुआ था। वह इलाका अस्पृश्यों और मुसलमानों की मिली जुली आबादी है। सारी कारपोरेट कंपनियाँ उधर गाँव-गाँव में दाखिल है और वहाँ के मूल निवासी बेदखल हो रहे हैं। सारा का सारा समुद्रतट बाजार में तब्दील है।

अखबार तो पढ़ रहा था, लेकिन सूचनाएं थीं नहीं। घर लौटकर टोपी खोने और निजी असुरक्षा और अनिश्चितताओं से घिरे रहने की वजह से कंप्यूटर पर रात को बैठने का मन ही नहीं हुआ। सुबह इकोनॉमिक टाइम्स पढ़ने पर नये साल की सौगातों के बारे में थोड़ी धारणा बन सकी है। सुबह टीवी खोलते ही एलपीजी गैस की कीमतों के खिलाफ कोलकाता में ऑटो रिक्शा वालों का प्रदर्शन देखने को मिला। लेकिन पंक्तिबद्ध होकर सीआईए को आँखों की पुतलियाँ और उंगलियों की छाप देने के लिए बेताब, दिल्ली में मुफ्त पानी और आधी कीमत पर बिजली का जश्न मनाने वाले लोग देश भर में कहीं भी रातों रात एलपीजी सिलिंडर की कीमत में एकमुश्त 219 रुपये की वृद्धि के खिलाफ सड़क पर नहीं दीखे। कोलकाता के ऑटोवाले एलपीजी कीमतों में वृद्धि के लिए सड़कों पर नहीं हैं हालाँकि, वे तो ऑटोरिक्शा के किराये में वद्धि के लिए आंदोलन कर रहे हैं।

अब रिलायंस के फायदे के लिए गैस की कीमतों को पहली अपैल से दो गुणा वृद्धि की जा रही है, उससे सब्सिडी तो खत्म होनी ही है। आम चुनाव निपट जाने के बाद सब्सिडी का सारा खेल खत्म होने वाला है। इसी बीच तेलक्षेत्रों की नीलामी का नेल्प बंदोबस्त खत्म करके निजी कंपनियों को टैक्स होली डे देने के लिए नया बंदोबस्त भी किया जा रहा है। आप इन चीजों का विरोध करते नहीं हैं और न आपको मुकम्मल सूचनाएं ही होती है तो गैस या पेट्रोल डीजल जो दरअसल पहले से विनियंत्रित हैं, उसमें किश्त दर किश्त रुक-रुक कर बारिश की तरह हो रही वृद्धि को कैसे रोकेंगे आप।

जनादेश का निर्माण जारी है। केंद्र में अल्पमत सरकार है। जिसका जाना तय है। लेकिन आर्थिक नरमेध अभियान में तेजी रोज बढ़ती ही जा रही है। पेशेवर लोगों के राजनीति की कमान थाम लेने से परंपरागत राजनेताओं की रोजी रोटी संकट में हैं, अब बालाकृष्णन, मीरा सान्याल, एपल शास्त्री, नंदन निलेकणि जैसे लोग ही देश के कर्णधार होंगे, जिनकी प्रबंधकीय दक्षता लाजवाब है। आप की ओर से टीवी के परदे पर अवतरित होने वाले चेहरों के आंकड़ेबाज चामत्कारिक बयान की चकाचौंध ही अब राजनीति है। जाहिर है कि तिलिस्म टूट नहीं रहा कहीं से, और अभेद्य हो रहा है राजनीति के कॉरपोरेट कायाकल्प से। प्रबंधकीय कला कौशल और तकनीक से। जनपक्षधरता को मोर्चा तो है ही नहीं, जो है वह आपसे के घामासान से लहूलुहान है।

खास खबर तो यह है कि विनिवेश और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के कुछ धमाकेदार फैसले हो गये हैं। सबसे बड़ा फैसला देश की सबसे बड़ी लाइफलाइन रेलवे को लेकर है। रेलवे में एफडीआई के बहाने रेलवे के विनिवेश का रास्ता भी खुल गया है।

इसी बीच हमारे मित्र गोपाल कृष्ण जी ने बाकायदा एक प्रेस बयान जारी करके अरविंद केजरीवाल और आप की सरकार से माँग की है कि असंवैधानिक आधारकार्ड योजना को वे खारिज कर दें। ममता बनर्जी ने रसोई गैस जैसी जरूरी सेवाओं से आधार को नत्थी करवाने के खिलाफ बंगाल विधानसभा में सर्वदलीय प्रस्ताव पास किया है, लेकिन ममता दीदी ने गैरकानूनी आधार योजना को खारिज करने की माँग अभी उठायी ही नहीं है। हम उम्मीद करते हैं कि भ्रष्टाचारमुक्त भारत बनाने की दिशा में तेजी से जनविकल्प बनती जा रही आप सिर्फ बिजली कंपनियों की ऑडिट करवाने तक सामित न रहकर कॉरपोरेट भ्रष्टाचार के सफाये के लिए भी काम करेगी। इसके लिये जरूरी है कि कारपोरेट राज और सीआईए की असंवैधानिक आधार योजना को सबसे पहले खारिज करें आप।