दूतावास बार–बार कह रहा है कि यह एक प्रस्ताव है, न कि अंतिम मसौदा।
नेकपा माओवादी ने मोदी सरकार को साम्प्रदायिक करार देते हुए कहा है कि दक्षिण एशियाई क्षेत्र में भारतीय विस्तारवाद के कारण जो उत्पीड़न बढ़ रहा है उसका प्रभाव नेपाल पर भी पड़ेगा जिससे सतर्क होने की आवश्यकता है।
श्वेता दीप्ति
काठमान्डू। भारतीय राजदूत रणजीत राय ने भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की नेपाल यात्रा को, मोदी भ्रमण की पूर्वपीठिका बताया है।
रिपोर्टर्स क्लब में साक्षात्कार के क्रम में राजदूत रणजीत राय ने भारत के विदेश मंत्री के नेपाल भ्रमण की औपचारिक जानकारी देते हुए कहा कि यह आगामी दिनों में भारतीय प्रधानमंत्री के नेपाल भ्रमण की पूर्व तैयारी है। भारतीय प्रधानमंत्री की पड़ोसी देशों के साथ अच्छे सम्बन्धों की नीति के कारण ही भूटान यात्रा के पश्चात् नेपाल भ्रमण का कार्यक्रम निश्चित हुआ है। इस भ्रमण से दोनों देशों के रिश्ते में सुधार अवश्य होंगे। विदेश मंत्री की यात्रा में बातचीत और समझौते का एजेण्डा तय होगा। यह भ्रमण दोनों देशों की दूरियों को कम करेगा। मोदी भ्रमण को ध्यान में रखते हुए यहाँ तैयारी की जा रही है। अगर समझदारी से बढ़ा जाय तो इस भ्रमण का दोनों देशों को फायदा मिल सकता है। ऊर्जा नीति से सम्बन्धित विवादों की ओर भी उन्होंने ध्यान आकर्षण कराया।
प्रस्तावित नेपाल भारत ऊर्जा समझौता दोनों देशों के लिए एक सुनहरा अवसर है। जब भी किसी विषय पर समझौते की स्थिति आती है तो अपना पक्ष स्पष्ट रूप से रखने की स्वतंत्रता दोनों पक्षों को होती है। फिलहाल जो भी विरोध उभर कर सामने आ रहा है, उससे तो ऐसा ही लगता है कि उन्हें सिर्फ इस प्रस्ताव में कमियाँ ही नजर आ रही है। इन विरोधों के कारण ही भारतीय दूतावास और राजदूत महोदय को बार–बार स्पष्टीकरण देना पड़ रहा है। जबकि हालात तो ये है कि इस परियोजना से दोनों देश लाभान्वित होंगे। दूतावास बार–बार कह रहा है कि यह एक प्रस्ताव है, न कि अंतिम मसौदा।
प्रस्ताव मानना या ना मानना सामने वाले के ऊपर निर्भर करता है। सामान आपका है आप इसे कैसे बेचेंगे यह आप निर्धारण करेंगे। सहमति सुझाव और समाधान इन सभी के मार्ग खुले हैं। विरोध नहीं विचारों को रखें और मार्ग तलाश करें। नेपाल सरकार की कमजोर नीति के कारण विगत कई वर्षों से किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री का नेपाल आगमन नहीं हो पाया है और न ही कोई बड़ी परियोजना को कार्यान्वित किया जा सका है। इस बार भारत में एक मजबूत सरकार बनी है जो प्रारम्भ से ही अपनी पड़ोसी देशों के साथ के सम्बन्धों में सुधार की बात करती आ रही है। आज अगर भारतीय प्रधानमंत्री का नेपाल भ्रमण तय हो चुका है तो इस अवसर का नेपाल को पूरा उपयोग करना चाहिए।
साक्षात्कार के क्रम में राजदूत रणजीत राय ने इस बात पर बल दिया कि विद्युत व्यापार समझौता सार्वभौमिकता को ध्यान में रखकर ही किया जाना चाहिए।
एमाले उपाध्यक्ष भीम रावल ने माना कि भारतीय प्रधानमंत्री के नेपाल आगमन से नेपाल भारत के सम्बन्धों को एक नई ऊँचाई मिलेगी। यही समय है कि दोनों देश अपनी राजनीतिक दृष्टिकोण को स्पष्ट कर सकते हैं। और अपने अपने लाभ के अनुसार योजना तैयार कर सकते हैं।
एमाओवादी नेता रामकार्की ने सहमति के साथ आगे बढ़ने पर बल दिया।
राप्रपा के पार्टी अध्यक्ष पशुपति शमशेर राणा ने विश्वास जताया कि दोनों देशों के बीच प्रत्येक समस्या का समाधान टेबल वार्ता से सम्भव है। मोदी का भ्रमण एक नया आयाम लाएगा।
पूर्व पर राष्ट्रमंत्री भेषबहादुर थापा ने कहा कि नेपाल भारत सम्बन्ध में चुनौती से ज्यादा सम्भावनाओं के अवसर हैं जिससे फायदा लेना चाहिए।
इसी बीच नेकपा माओवादी ने मोदी सरकार को साम्प्रदायिक करार देते हुए कहा है कि दक्षिण एशियाली क्षेत्र में भारतीय विस्तारवाद के कारण जो उत्पीड़न बढ़ रहा है उसका प्रभाव नेपाल पर भी पड़ेगा जिससे सतर्क होने की आवश्यकता है। इस सन्दर्भ में तो यही कहा जा सकता है कि इस बेमौसमी राग का फिलहाल कोई असर नहीं दिख रहा है।
मोदी आगमन को मद्देनजर रखते हुए पशुपति क्षेत्र और जनकपुर दोनों तैयारी में लगे हुए हैं और उनकी भव्य स्वागत की भी तैयारी हो रही है।
साभार - हिमालिनी