दिनांक 2 जुलाई 2011 को सोनभद्र जनपद में दुद्धी तहसील के मझौली ग्राम में सैंकड़ों आदिवासीयों ने जंगल में जनसंगठन कैमूर क्षेत्र महिला मज़दूर किसान संघर्ष समिति के माध्यम से वृक्षारोपण करने का संकल्प लिया। इस कार्यक्रम में जनपद के सैंकड़ों गांवो से महिला व पुरूषों ने भाग लिया जो कि बोम, जोरूखाड़, बसौली, तिलौली, अमौली, कोदवनीयां, झारोकलां, आदि गांवो से मौजूद थी। इस मौके पर महिलाओं गीत गाए कि हरा फसल बिना धरती न सोहेे, बगिया बिना आंगन न सोहे बहना, बिना सवतंत्र हमर भारत न सोहे, बगिया बिना कोयल न सोहे , आम अमरूदिया लगबइ बगिया बिना देसवा न सोवे ऐ बहना, एकता हो बिना देसवा न सोहे, भाई बहन मिल एकता बनावो स्वराज बिना गाउवां न सोहे बहिना, आमवां लगाइबा आंवला लगइबा, बाग लगइबा बगियचा लगइबो बगिइचा नीचे मिटिंग करइबो़ बिना, इसी तरह के गीत गाते हुए कई प्रकार के पौधे लगाये जिसमें आम, अमरूद, नींबू, सहजन, धृतकुमारी व अन्य कई प्रकार के पौधे लगाये। इस मौके पर दुद्धी थाना से आए सिपाहीयों ने भी इस वृक्षारोपण कार्यक्रम में भाग लिया। जनपद सोनभद्र में पिछले एक वर्ष से आदिवासीयों और वनविभाग के बीच में वृक्षारोपण को लेकर काफी विवाद पनप रहा है। वनविभाग द्वारा जापान द्वारा वित सहायता जाईका कम्पनी के तहत वृक्षारोपण का कार्यक्रम लागू कर आदिवासीयों के अधिकार छीनने में लगा हुआ है। जाईका परियोजना के तहत आदिवासीयों को वनाधिकार कानून के तहत प्राप्त भूमि पर ही यह वृक्षारोपण किया जा रहा है जिससे आदिवासीयों में गहरा तनाव व्याप्त है। व वनविभाग द्वारा गांव में दबंगों की समिति बना कर पैसे के बल पर इस समिति को वनाधिकार समिति के खिलाफ खड़े करने की कोशिश कर रहे है। आदिवासी महिलाओं द्वारा जाईका परियोजना का विरोध किया जा रहा है कि यह परियोजना आदिवासी और वनविरोधी है क्योंकि इस समिति में चुगला और दलाल लोग जुड़े हुए हैं जो कि सिर्फ पैसा के बलबूते पर गांवों में वर्ग संघर्ष को खड़ा किया जा रहा है न कि वृक्षारोपण किया जा रहा है। आदिवासीयों द्वारा यह ऐलान किया गया है कि इस वृक्षारोपण के लिए विदेश के पैसे की जरूरत नहीं है जंगल की सुरक्षा महिलाए करेगी और आदिवासी करेगें। वनविभाग द्वारा जाईका कम्पनी के तहत दबंगों और सांमतों की समितियों का गठन किया जा रहा है। वनविभाग द्वारा सीधे सीधे वनाधिकार कानून के विरोध में कार्य किया जा रहा है व वनभूमि पर आदिवासीयों और अन्यवन परम्परागत समुदाय को अधिकार प्राप्त न हो सके इसलिए यह कार्यक्रम लागू किया जा रहा है।
इसी कार्यक्रम के तहत कैमूर क्षेत्र महिला मज़दूर किसान संघर्ष समिति व राष्ट्रीय वनजन श्रमजीवी मंच ने आगामी 4 जुलाई को संगठन ने यह तय किया है हजारों की संख्या में आदिवासी महिला व पुरूष जिला मुख्यालय राबर्टसगंज में जंगल को लगाने का कार्यक्रम तहसील से शुरू करेेेगें। जिससे जनपद में 10000 से भी ज्यादा पौधा लगाया जाएगा। यह पौधे तमाम गांव जैसे धूमा, बोम, सोनगर, कोदवनीयां,हर्रा, दरमा, बसौली, केतार, आदि के गांवो के लोगों द्वारा लगाया जाएगा।