सोशलिस्ट पार्टी की जस्टिस सच्चर और कुलदीप नैय्यर से नवउदारवाद विरोधी मोर्चे के गठन की अपील
वित्त मन्त्री की महिला बैंक स्थापित करने की घोषणा गुमराह करने वाली है
जवानों को अफसरों का निजी सहायक बनाने की उपनिवेशवादी परम्परा खत्म की जानी चाहिये
लखनऊ। सोशलिस्ट पार्टी जस्टिस राजेन्द्र सच्चर और वरिष्ठ पत्रकार कुलदीप नैय्यर से अपील करेगी कि वे देश के अन्य गणमान्य लोगों के साथ मिलकर देश को नवउदारवादी हमले से बचाने के लिये राजनीतिक पहल करें। पार्टी की कार्यकारिणी की बैठक में यह प्रस्ताव पारित किया गया कि ये महानुभाव कांग्रेस, भाजपा और उनके साथ जुटे दलों से अलग नवउदारवादी विरोधी राजनीतिक पार्टियों, मसलन, सी.पी.आई. (एम.एल.), समाजवादी जनपरिषद, भाकपा, माकपा, लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी, सोशलिस्ट पार्टी (लोहिया) तथा अन्य सहमना संगठनों और व्यक्तियों को एकजुट करने की पहल करें ताकि अगले आम चुनाव में एक सशक्त नवउदारवाद विरोधी मोर्चा बनाया जा सके।

सोशलिस्ट पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक आज लखनऊ में गोमती होटल में सम्पन्न हुयी। सोशलिस्ट पार्टी उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष गिरीश पांडे ने पूरे देश से आये राष्ट्रीय पदाधिकारियों और राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्यों का स्वागत किया।

पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष भाई वैद्य ने अपने उद्बोधन में कहा कि देश के किसान, मजदूर, आदिवासी, कारीगर, छोटे व्यापारी, नौजवान और सभी वंचित तबके नवउदारवादी नीतियों के चलते तबाह होते जा रहे हैं। सोशलिस्ट पार्टी देश में अकेली ऐसी पार्टी है जो देश की विशाल मेहनतकश आबादी के हित में नवउदारवादी नीतियों का पूरी तरह से विरोध करती है। पार्टी भारत के संविधान और समाजवादी विचारधारा पर आधारित वैकल्पिक आर्थिक नीतियों की वकालत करती है।

राष्ट्रीय महासचिव डॉ. प्रेम सिंह ने कहा कि दो साल पहले सोशलिस्ट पार्टी की पुनर्स्थापना हैदराबाद में इसीलिये की गयी थी कि नवउदारवादी-नवसाम्राज्यवादी शक्तियों को मुकममल चुनौती दी जाये और उन्हें निर्णायक रूप से परास्त किया जाये।

इस अवसर पर पारित पार्टी के आर्थिक प्रस्ताव में कहा गया है कि सोशलिस्ट पार्टी, विश्व बैंक, आई.एम.एफ., विश्व व्यापार संगठन और बहुराष्ट्रीय कम्पनियों द्वारा पूँजीपतियों और अमीर तबकों के हित के लिये देश के संसाधनों को लूटने वाली नवउदारवादियों आर्थिक नीतियों के स्थान पर गांधीवादी-समाजवादी विकास के मॉडल पर आधारित विकेन्द्रित और आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था की वकालत करती है। बड़ी पूँजी और बड़ी टेक्नालॉजी पर आधारित औद्योगिकरण की जगह कृषि आधारित उद्योग, लघु उद्योग और स्वरोजगार को बढ़ावा देकर ही समता और सम्पन्नता का लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। प्रस्ताव में कहा गया कि वित्त मन्त्री की महिला बैंक स्थापित करने की घोषणा गुमराह करने वाली है। केवल एक हजार करोड़ पूँजी से शुरू होने वाला यह नया बैंक देश की करोड़ों महिलाओं की जरूरत पूरी नहीं कर सकता। महिलाओं के सशक्तिकरण के लिये यह जरूरी है कि उन्हें अपना काम/ व्यापार करने के लिये मौजूदा बैंक शाखाओं से ऋण देने की उचित व्यवस्था की जाये। एक अन्य प्रस्ताव में माँग की गयी कि फौज में जवानों के साथ अफसरों का बर्ताव सम्मानजनक हो। कुछ महीने पहले लद्दाख में अनुशासन भंग की घटना पर 168 जवानों तथा अफसरों का कोर्ट मार्शल करने का रक्षामन्त्री का फैसला अधूरा है। उसमें केवल जवानों को ही टारगेट किया गया है। यह चिन्ता की बात है कि जवानों में खुदकशी के मामले बढ़ रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है ऐसा इसलिये हो रहा है क्योंकि वरिष्ठ अफसर जवानों के साथ आम तौर पर अपमानजनक बर्ताव करते हैं। प्रशिक्षित जवानों को अफसरों का अर्दली बनाकर उनसे घरेलू नौकर जैसा काम लिया जाता है और वे बेगार करने पर मजबूर होते हैं। पार्टी ने माँग है कि जवानों को अफसरों का निजी सहायक बनाने की उपनिवेशवादी परम्परा खत्म की जानी चाहिये ताकि जवान भी अफसरों की तरह सम्मानपूर्ण जीवन बिता सकें। प्रस्ताव में कुछ महीने पहले सीमा पर पाकिस्तानी सेना द्वारा भारतीय जवानों का सिर काटने, अंग-भंग करने की खौफनाक वारदात और भारत सरकार के उदासीन रैवये की निन्दा की गयी। पार्टी के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष पन्नाला सुराना ने आह्वान किया कि त्रिवेंद्रम (केरल) में 17-18 मई 2013 को होने वाले दूसरे राष्ट्रीय अधिवेशन में पूरे देश से ज्यादा से ज्यादा प्रतिनिधि पहुँचें।

इस मौके पर पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष संदीप पाण्डेय ने उत्तर प्रदेश की सरकार पर आरोप लगाया कि वह किसानों, मजदूरों, बेरोजगारों, छोटे दुकानदरों और फर्जी मामलों में फँसाये गये मुस्लिम नौजवानों के मामलों में तालमटोल का रवैया अपनाती है। उन्होंने कहा कि सोशलिस्ट पार्टी द्वारा असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिये की गयी 440 रूपये की न्यूनतम मजदूरी की माँग प्रदेश सरकार ने आश्वासन देने के बावजूद अभी तक नहीं मानी है। प्रदेश सरकार ने सोशलिस्ट पार्टी से किया गया किसान आयोग के गठन का वादा भी पूरा नहीं किया है। संसद में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने बयान दिया है कि उन्होंनें फर्जी मामलों में फँसाये गये 400 मुस्लिम नौजवानों को रिहा किया है। सोशलिस्ट पार्टी मुलायम सिंह यादव से पूछना चाहती है कि वे किसी एक ऐसे नौजवान का नाम बताये जो रिहा किया गया हो।

बैठक में दिवंगत समाजवादी साथियों श्री सहदेव सिंह, प्रो. विनोद प्रसाद सिंह, श्री किशोर पवार, श्री अजय कुमार, महाशय देवराज, डॉ. मेहरचंद भुमला और भानुप्रसाद शर्मा को श्रद्धांजलि दी गयी।

गिरीश कुमार पाण्डेय की रिपोर्ट