वर्धा, 03 जनवरी 2017: क्रांतिज्‍योति सावित्रीबाई फुले ने स्‍त्री शिक्षा के लिए संघर्ष किया। उनकी ऐतिहासिक पहल से स्‍त्री शिक्षा का आरंभ हुआ और आज लडकियां बड़ी संख्‍या में शिक्षित हो रही है। परंतु भारत के कुछ इलाकों में अभी भी स्‍त्री शिक्षा के प्रति समाज का रवैया सकारात्‍मक नहीं दिख रहा है। ऐसे में हमें सावित्रीबाई के कार्यों से प्रेरणा लेकर लडकियों को शिक्षित कराने का अभियान और तेज करना होगा। जागरूकता लाने से शिक्षा से वंचित लडकियों को शिक्षा का अधिकार प्राप्‍त हो सकेगा।

उक्‍त विचार महात्‍मा गांधी अंतरराष्‍ट्रीय हिंदी विश्‍वविद्यालय के प्रतिकुलपति प्रो. आनंद वर्धन शर्मा ने व्‍यक्‍त किये। वे विश्‍वविद्यालय के सावित्रीबाई फुले महिला छात्रावास में आयोजित सावित्रीबाई जयंती कार्यक्रम में विद्यार्थियों को संबोधित कर रहे थे।

कार्यक्रम में कुलसचिव डॉ. राजेंद्र प्रसाद मिश्र, कुलानुशासक प्रो. गोपाल ठाकुर, मुख्‍य वक्‍ता के रूप में निमंत्रित आचार्य श्रीमन्‍नारायण तंत्रनिकेतन पिपरी, वर्धा के अध्‍यापक प्रा. मनोज लोहे, छात्रावास की अधीक्षक डॉ. अवंतिका शुक्‍ला, स्‍त्री अध्‍ययन विभाग की प्रभारी अध्‍यक्ष डॉ. सुप्रिया पाठक प्रमुखता से उपस्थित थे। कार्यक्रम का प्रारंभ सावित्रीबाई फुले की प्रतिमा पर माल्‍यार्पण कर हुआ।

प्रो. शर्मा ने कहा कि स्‍वतंत्रता आंदोलन संग्राम के काल में सावित्रीबाई और उनके ज्‍योतिबा फुले ने महाराष्‍ट्र में महिला शिक्षा और कुप्रथाओं का विरोध कर सामाजिक जागरूकता का जो काम किया वह ऐतिहासिक है। उन्‍होंने कहा कि सावित्रीबाई एक कवयित्री भी थी, उनकी कविताओं को पढ़कर उनकी महिला शिक्षा के प्रति व्‍यापक दृष्टि को देखना चाहिए। इस अवसर पर मुख्‍य अतिथि प्रा. मनोज लोहे ने सावित्रीबाई फुले के विचार एवं कार्यों पर अमल करने का आग्रह किया।

डॉ. सुप्रिया पाठक ने महाराष्‍ट्र महिला क्रांतिकारियों की भूमि है और यहां शिक्षा के प्रति काफी जागरूकता है। उन्‍होंने शिक्षा की यह की मशाल भारत के अन्‍य स्‍थानों पर ले जाने की अपील छात्राओं से की। प्रो. गोपाल ठाकुर ने वर्तमान व्‍यवस्‍था और सावित्रीबाई फुले के शिक्षा के प्रति कार्यों पर प्रकाश डाला।

डॉ. अवंतिका शुक्‍ला ने प्रास्‍ताविक वक्‍तव्‍य में कहा कि सावित्रीबाई फुले का कार्य हमें हमेशा प्रेरणा देते रहेंगे और समाज को शिक्षित करने की दिशा में प्रोत्‍साहित करते रहेंगे। इस अवसर पर प्रियंका ने ‘वह सुबह कभी तो आएगी’ तथा कवि उदय प्रकाश की कविता ताना-बाना प्रस्‍तुत की। पूर्व छात्रा भारती कुमारी के नेतृत्‍व में लक्ष्‍मी आश्रम, उत्तराखंड से आयी लडकियों ने समूह पहाड़ी गीत प्रस्‍तुत किया। कार्यक्रम का संचालन आरती कुमारी ने किया। इस अवसर पर बड़ी संख्‍या में विद्यार्थी उपस्थित थे।