स्माइली सूरी ला रही हैं ‘शक्ति पोल कैम्प v1.0’ - ऐसा कैम्प जो शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य कोस्थिरता देगा
स्माइली सूरी ला रही हैं ‘शक्ति पोल कैम्प v1.0’ - ऐसा कैम्प जो शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य कोस्थिरता देगा
न्यूज़ हेल्पलाइन
कलयुग से फिल्म जगत में अपना नाम कमाने वाली कलाकारा स्माइली सूरी भारत में पोल फिट की क्रांति लारही है| एक ऐसी क्रांति जो हर भारतीय की आंतरिक शक्तिको जागृत कर देगी| 3 मई 2018 से 6 मई 2018तक स्माइली सूरी व उनका पोल स्टार मुंबई में खार पश्चिममें स्थित 'आर्ट इन मोशन' में "शक्ति पोल कैम्प v1.0 " लारहे हैं| यह कैम्प स्माइली सूरी अंतर्राष्ट्रीय पोल गुरु मिल्लाटेनोरिओ ( कैफ़े डे ला डांस ) के साथ कर रही हैं|
इस कैम्प का उद्देश्य शारीरिक स्वास्थ्य के साथ साथ मानसिक व इमोशनल स्वास्थ्य को भी स्थिरता व दृढ़ता प्रदान करना है| इसीलिए इस कैम्प में पिछले जीवन केप्रभाव से मुक्त करने वाली हीलर मोनिशा चौधरी हैं,बैली डांस टीचर चैताली सोपारकर जो गर्भवती महिलाओंको प्राकृतिक तरिके से जनन में सहायता करती हैं,क्लीनिकल मनोवैज्ञानिक डॉ कानन खटाउ, कलारिपट्टूएक्सपर्ट अर्पित सिंह , एम्पोवेरिस्ट डॉ जैमिनी धर, योगिक शुभलक्ष्मी चेट्टियार व मल्लखंभ इंडिया के संकेत परब के अतिरिक्त बहुत सारे हीलर,जिमनास्टिक व योग विद्या केजानकार होंगे| इस कैम्प की सबसे बड़ी उपलब्धिहै स्माइली सूरी के मल्लखंभ के गुरु उदय देशपांडे जी |
"मेरे लिए पोल मेरी मुक्ति का मार्ग है| जब मै अत्यंत निराशावाद का शिकार हो गई थी तब संयोगवशमेरा परिचय एक नए डांस फॉर्म पोल फिटनेस हुआ| बादमें मैंने ४ महीने सिंगापुर में पोल की कला को सीखा|उसके बाद मैं उसमें कुछ और नए मूव्स व ट्रिक्स सीखने केलिए दुबई गई| जब मैने उदय देशपांडे सर से मल्लखंभ सीखा तब मुझे अहसास हुआ कि मल्लखंभ भारतीय पोल है| मैं एरियल आर्ट, एरियल सिल्क, जाज़, मॉडर्न सालसा, बॉलरूम डांस और मल्लखंभ सीख चुकी थी और उसके बाद मैंने पोल सीखा| पोल करने के बाद मुझे पता लगा किइसके शारीरिक फायदे के साथ साथ मनोवैज्ञनिक लाभ भीहैं| जब आप कोई ट्रिक ठीक से कर लेते हो और उससेएम्पावरमेंट एड्रेनलीन का शरीर में तेजी से रिसाव होता है वसाथ ही जमीन पर योग करने के लिए आपके शरीरको कार्डीओवैस्क्युलर शक्ति की भी जरूरत होती है , तबमुझे लगा कि ये शारीर और मन:स्थिति दोनों का सम्पूर्णव्यायाम है| #शक्ति v 1.0 कैम्प में हम यही सब दे रहे हैं| "
मल्लखंभ के गुरु उदय देशपांडजी जी का कहना है, "पोल या रस्सी पर किया जाने वाला मलखम्भ का अभ्यास मई २०१८ को मुंबई में होने वाले #शक्ति v 1.0 कैम्प का एकअंतरंग हिस्सा है | मैं वहां पर पोल मलखम्भ व रोप मलखम्भ सिखाऊंगा| ये स्त्रियों की आंतरिक शक्तिको जगाकर उनके एम्पावरमेंट, उनकी शक्ति का साधन है| स्माइली जब पिछले साल मेरे पास आई थी तब उस पर अक्सर निराशा का प्रभाव रहता था| उसे थाइरोइड की व अन्य भी स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां थी| मैने उसे पोलफिटनेस के लिए सिंगापुर जाने के लिए प्रोत्साहन दिया| अब वह पहले से बहुत बेहतर है| उसे खुद पर आत्मविश्वास भी है और उसका स्वाथ्य भी पहले से बहुत अच्छा है| उसको अब डिप्रेशन बिलकुल भी नहीं हैऔर थाइरोइड भी बहुत कम हो गया है|"
पोल के माध्यम से मानसिक शक्ति का मेल शारीरिक मर्म से होता है जो किसी भी व्यक्ति को एम्पॉवर करता है| इससे शरीर लचीला होता है, शरीर का ऊपरी हिस्सा मजबूत होता है और मर्म (कोर) शक्तिमान बनता है| इसमें योग भी है और ये मांसपेशियों को डिफाइन करता है | मानसिक फायदे ज्यादा हैं क्योंकि इससे डिप्रेशन और घबराहट हटते है| पोल दिमाग में अच्छे रसायन सेरोटोनिन और डोपामाइन को बढ़ाता है| पोल नृत्य एक मनोवैज्ञानिक साधन है जो हमारे रोज मर्रा के तनाव व आवेश को नियंत्रण में रखने में सहायक है | इससे मूड अच्छा रहता है और पोल को पकड़ने व उसपर चढ़ने से हमारे हाथ पैर की मांसपेशियां मजबूत होती हैं| भारतीय स्त्रियों के लिए तो ये विशेषकर लाभदायक है क्योंकि पोल उनका उनकी आंतरिक शक्ति से परिचय कराकर उनको एम्पोवेर करता है|


