स्मृति ईरानी ने जिंदगी में कोई चुनाव नहीं जीता, थोड़ा पढ़-लिख लेतीं तो अच्छा होता
स्मृति ईरानी ने जिंदगी में कोई चुनाव नहीं जीता, थोड़ा पढ़-लिख लेतीं तो अच्छा होता
स्मृति ईरानी ने जिंदगी में कोई चुनाव नहीं जीता, थोड़ा पढ़-लिख लेतीं तो अच्छा होता
नई दिल्ली, 12 सितंबर। ‘नेशनल हेराल्ड’ से जुड़े एक मामले को लेकर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी द्वारा कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर हमले किए जाने पर कांग्रेस ने भी पलटवार करते हुए आरोप लगाया है कि अपनी खोई हुई प्रासंगिकता पाने के लिए वह आधारहीन बातें कर रही हैं.
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कल यहां संवाददाताओं से कहा,
‘‘स्मृति ईरानी जी राजनीतिक प्रासंगिकता खो चुकी हैं. उन्होंने जिंदगी में कोई चुनाव नहीं जीता है, हमेशा राज्यसभा के रास्ते आती हैं. कभी वो खुद को 9वीं पास बताती हैं, कभी 12वीं पास तो कभी 10वीं पास बताती हैं. अच्छा होता कि वो थोड़ा पढ़-लिख लेतीं, क्योंकि पढ़-लिख लेने से व्यक्ति का नुकसान नहीं हो जाता है. इस तरह के बेबुनियाद, बचकाना और बगैर तथ्यों के इल्जाम लगाने से अच्छा है पढ़ लिख लेना.
उन्होंने दावा किया कि ‘अपनी खोई हुई प्रासंगिकता पाने’ के लिए ईरानी ने कांग्रेस नेतृत्व पर आरोप लगाए.
बता दें, भाजपा नेता ईरानी ने ‘नेशनल हेराल्ड’ से जुड़े मामले में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर निशाना साधा था. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से गले लगने में आगे रहते हैं लेकिन आयकर अधिकारियों से दूर भागते हैं.
ईरानी ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी एवं उनकी मां यूपीए चेयरपर्सन श्रीमती सोनिया गांधी के वर्ष 2011-2012 के कर आकलन को दोबारा खोले जाने के आयकर (आईटी) विभाग के फैसले को चुनौती देने के मामले में यह हमला किया था.
नेशनल हेरल्ड केस का ब्यौरा देते हुए सुरजेवाला ने कहा,
‘‘कांग्रेस नेतृत्व को आयकर नोटिस दिया गया जिसमें कहा गया है कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से जुड़े अखबार ‘नेशनल हेराल्ड’ और ‘नवजीवन’ जब कर्मचारियों को 1980 और 1990 के दशक से पैसे नहीं दे पा रहे थे और तब 10 साल की अवधि में कांग्रेस ने अखबारों को 90 करोड़ रुपये का कर्जा दिया. नेशनल हेराल्ड और नवजीवन कर्ज चुकाने की स्थिति में नहीं थे, इसलिए इसे छोड़ दिया गया.’’
कांग्रेस नेता ने कहा,
‘‘मोदी सरकार का आयकर विभाग आठ साल बाद कह रहा है कि वो 90 करोड़ रुपये का कर्ज कांग्रेस नेतृत्व की आय होगी. यह पहली बार हो रहा है कि किसी कंपनी पर कर्ज हो तो यह उसके शेयरधरकों की आय बन जाएगी. ऐसा तो किसी देश के कानून में नहीं है.’’
उन्होंने कहा, ‘
‘अगर मान भी लिया जाए कि यह आय है तो फिर मोदी जी की सरकर 90 करोड़ रुपये पर 357 करोड़ रुपये का कर क्यों मांग कर रही है. ऐसा आपने कभी सुना है? यह अजीबो-गरीब बात है.’’
श्री सुरजेवाला ने कहा कि
‘‘अदालत ने सिर्फ इतना कहा है कि आप आयकर विभाग के पास अपनी बात रखिए और वो नहीं सुनते हैं तो फिर हमारे पास आइए.’
Dear @smritiirani, you are obviously misinformed, here are some facts on National Herald. #thread 1/7https://t.co/ICHf6BgluT
— Congress (@INCIndia) September 11, 2018
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The Congress Party wanted to retain Pandit Nehru's legacy, the National Herald, by relieving the debt held by AJL. 2/7
— Congress (@INCIndia) September 11, 2018
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There is no restriction in law preventing political parties from giving loans. Infact the Election Commission issued a clear order in this regard in November 2012. 3/7
— Congress (@INCIndia) September 11, 2018
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Young Indian is a section 25 not-for-profit company. This prevents directors and shareholders of Young Indian from deriving any benefit whatsoever. 4/7
— Congress (@INCIndia) September 11, 2018
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Majority of AJL's properties are on lease from the Govt. and cannot be sold. 5/7
— Congress (@INCIndia) September 11, 2018
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Congress President @RahulGandhi sought a direction from the court to media houses to prevent them from misrepresenting the facts. 6/7
— Congress (@INCIndia) September 11, 2018
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Finally, @smritiirani ji, the Enforcement Directorate under PM Modi, had closed the National Herald case in 2015, because they found no evidence of wrongdoing. 7/7
— Congress (@INCIndia) September 11, 2018
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