हत्याओं की एक पूरी श्रंखला है जज लोया की हत्या का मामला

अरुण माहेश्वरी

हत्याओं की एक पूरी श्रंखला का मामला है जज लोया की हत्या का मामला

जज लोया की हत्या के मूल में सोहराबुद्दीन की हत्या का मामला था जिसमें अमित शाह को जेल तक जाना पड़ा था। सोहराबुद्दीन की हत्या के बाद उसके चश्मदीद गवाह सोहराबुद्दीन की बीबी कौसर बी की हत्या हुई। फिर दूसरे चश्मदीद गवाह तुलसी प्रजापति को जेल से निकाल कर मार डाला गया। फिर इस मामले की सुनवाई कर रहे जज लोया की हत्या हुई। और जज लोया की हत्या के बाद वक़ील श्रीकांत खंडालकर और सेवानिवृत ज़िला जज प्रकाश थोंबरे की हत्याएं हुईं, जिन्हें जज लोया ने एक वीडियो कांफ्रेंसिंग में अपने ऊपर भारी दबाव के बारे में बताया था। इस कांफ्रेंसिंग में एक और वक़ील श्रीकांत उके भी शामिल थे। उन पर भी जानलेवा हमला किया गया जिसमें वे बाल-बाल बच गये।

जज लोया की हत्या के पहले और बाद में हुई हत्याओं की इस पूरी श्रृंखला को सिलसिलेवार जानने के लिये आज के ‘टेलिग्राफ़’ में मानिनि चटर्जी का यह लेख पढ़ें। गौर करने की बात है कि सोहराबुद्दीन मामले के अब तक के 49 गवाहों में से 33 गवाह भी अपनी गवाही से मुकर चुके हैं।

Amiasma of menace swirls around the Loya controversy

https://epaper.telegraphindia.com/details/169113-131538732.html

Amiasma of menace swirls around the Loya controversy