हरियाणा विधानसभा चुनाव के दौरान भिवानी के सुरेंद्र सिंह पार्क में एक शाम राजनीतिशास्‍त्र के एक रिटायर्ड प्रोफेसर से मेरी संयोग से मुलाकात हुई थी। पहले घंटे तो वे समाजवादी चोला ओढ़े रहे। फिर धीरे-धीरे कार्ल मार्क्‍स को गरियाना शुरू किए। बोले कि मार्क्‍स को उस दौर के सबसे बड़े पूंजीपतियों ने अपना सिद्धांत आगे बढ़ाने के लिए 'हायर' किया था। संदर्भ के लिए उन्‍होंने Illuminati संगठन का नाम गिनवाया और एक किताब का हवाला दिया।
इसके बाद स्‍थानीय चुनाव पर आए तो बोले कि राज्‍य में भाजपा की सरकार बनने जा रही है। आखिरी आधे घंटे में वे अचानक उछलकर आर्य समाज पर आ गए। फिर उन्‍होंने खुलासा किया कि वे पुराने आर्य समाजी हैं। इसके बाद उन्‍होंने बताया कि चुनाव के बाद आर्य समाज ने एक बड़े अभियान की योजना बनाई है। देश भर में सामाजिक और राजनीतिक क्रांति की शुरुआत आर्य समाज हरियाणा की धरती से करेगा क्‍योंकि उसे यहां जबरदस्‍त समर्थन है। अंत में उन्‍होंने किसी 'सेना' का जि़क्र किया था जिसे आर्य समाजियों ने हरियाणा के हिसार में गठित किया है।
उस वक्‍त इन बातों का कोई खास मतलब नहीं था, इसलिए मैंने कुछ भी नोट नहीं किया। अब याद भी नहीं है। अचानक आज यह सब याद आ रहा है। पता नहीं रामपाल प्रकरण में ये बातें किसी काम की हैं या नहीं, लेकिन संजय तिवारी ने 'हिंदुओं के अरब' का जो कल जि़क्र किया था, वह मुझे कुछ-कुछ सोचने पर मजबूर करता है। आर्य समाज बनाम कबीर मठ की बातें कल से चैनलों पर चल ही रही हैं।
O- अभिषेक श्रीवास्तव
अभिषेक श्रीवास्तव, जनसरोकार से वास्ता रखने वाले खाँटी पत्रकार हैं। हस्तक्षेप के सहयोगी हैं।
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