अयोध्या। प्रमुख हिन्दू साधु संतों ने विश्व हिन्दू परिषद (Vishwa Hindu Parishad) की प्रस्तावित चौरासी कोसी परिक्रमा (Chaurasi kosi parikrama) को हिन्दू धर्म को बदनाम करने का षड़यंत्र (Conspiracy to defame Hinduism) करार दिया है।

चिश्ती हारमनी अवार्ड से सम्मानित युगलकिशोर शरण शास्त्री ने विहिप की 84 कोसी परिक्रमा पर हमला बोलते हुये कहा कि अयोध्या में भगवा गिरोह हिन्दू धर्म को बदनाम करने करने पर अमादा है। इस पर प्रतिबन्ध पूरी तरह जायज़ है।

शास्त्री ने कहा कि दरअसल यह विहिप का चुनावी स्टंट है। इसी की आड़ में वह यहाँ की साझी विरासत को तार-तार कर देश को दंगों की आग में झोकना चाहती है। उन्होंने कहा कि यहाँ की अमन पसंद जनता इनके नापाक मंसूबों को कामयाब नही होने देगी। यहाँ के लोग इनकी नफरत की सियासत से पूरी तरह वाकिफ हैं।

श्री शास्त्री ने जोर देते हुये कहा की संघ परिवार इस परिक्रमा के बहाने हिन्दू धर्म के रस्म रिवाजों पर कब्ज़ा करने की कुचेष्ठा कर रही है। जब तीन महीने पहले परम्परागत परिक्रमा हो चुकी है, तब नयी परम्परा की शुरुवात क्यों की जा रही है? इस लिहाज़ से इनके मंसूबों को परखा जा सकता है। इनका क्रिया कलाप कभी भरोसे लायक नही रहा है। उन्होंने कहा कि 6 दिसंबर 1992 को भीं सरयू नदी से बालू ला कर रखने की आड़ में बाबरी मस्जिद का विध्वँस कर दिया जिससे पूरे देश में दंगा-फसाद हुये, हजारों निर्दोषों को जानें गँवानी पड़ीं और देश को खरबों का नुक्सान हुआ।

अयोध्या की आवाज़ से जुड़े संत ने कहा कि 6 दिसंबर 1992 दुनिया की सबसे बड़ी आतंकवादी घटना थी, यदि उस घटना में इन लोगों को सजा मिली होती तो यह लोग गैर परम्परागत परिक्रमा करने का साहस नही जुटा पाते। उन्होंने का कि लाशों पर राजनीति करना विहिप की फितरत में है। अयोध्या दुनिया के साझी विरासत का सबसे बड़ा सन्देश वाहक है। यहाँ का अवाम हर हाल में इस विरासत को सुरक्षित रखना चाहता है। विहिप के कार्यक्रमों से आम जनता को भारी नुक्सान उठाना पड़ता है। एक प्रकार से यह परिक्रमा गरीबों पर हमला है।

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