कई चुनौैतियों से जूझ रहा अरब स्प्रिंग का देश
कई चुनौैतियों से जूझ रहा अरब स्प्रिंग का देश
त्यूनिस में वर्ल्ड सोशल फोरम की बैक अरब स्प्रिंग के देश के समक्ष कई चुनौतियाँ हाल ही में सामाजीकरण कार्यकर्ता एडवोकेट इरफान इंजीनियर वर्ल्ड सोशल फोरम की बैक में भाग लेने त्यूनिसिया गए। त्यूनिसिया 2011 के अरब वसंत- अरब स्प्रिंग के चलते सारी दुनिया में सुरक्षितों आया। त्यूनिसिया से लौटकर इरफान की रिपोर्ट...
‘वसुधेव कुटुम्बकम’ व ‘साऊथ एशियन डायलाग्स ऑन इकोलॉजिकल डेमोक्रेसी’ के सौजन्य से मुझे त्यूनिस में आयोजित ‘वर्ल्ड सोशल फोरम’ की हालिया बैक का हिस्सा लेने का अवसर मिला। इसके पहले मैं इस फोरम की मुंहबाई और नेटवर्क में आयोजित बैक को में हिस्सेदारी कर चुका था। इन बैक को मेरा अनुभव मिश्रित था।
वर्ल्ड सोशल फोरम, दुनियाभर के नागरिक समाज संगठनों का साझा मंच है। ये संगठनों अलग-अलग देशों में व अलग-अलग क्षेत्रों में कार्यरत हैं। इनमें शामिल हैं पर्यावरण और मूलनिवासियों, दलितों व श्रमिकों के अधिकारों के लिए काम करने वाले संगठनों; इनके अलावा, इस फोरम में ऐसे संगठनों भी शामिल हैं जिनका उद्देश्य बड़ी औद्योगिक कंपनियों को जवाबदेह बनाना, तीसरी दुनिया के देशों के देश के कर्ज मामले का समाधान करना, सीमित प्रकृतिक संसाधनों का न्यायपूर्ण उपयोग सुनिश्चित करना, दुनिया में चल रही अत्याचारों का विरोध, दुनिया से उपनिवेशवाद का खात्मा, बहुवाद व विविधता को स्वीकृति दिलवाना, जवाबदारी पूर्ण शासन सुनिश्चित करना, नागरिकों का संघर्ष, प्रजातंत्र को मजबूती देना आदि हैं। फोरम की बैक में विभिन देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया, जिनमें प्रतिष्ठित सामाजीकरण कार्यकर्ता, शोधकर्ता व प्रख्यात लोग शामिल थे। इतनी बड़ी संख्या में विद्वान और अनुभवी लोगों को सुनना और उनसे सीखना अपने आप में एक अत्यंत रमणीय अनुभव था।


