प्रताप सिंह बाजवा का बीजेपी पर वार- यह भाजपा ही है जिसने बार-बार सिख भावनाओं को ठेस पहुंचाई
भारतीय राजनीति में सिख समुदाय की भावनाओं के प्रति भाजपा का असंवेदनशील रुख : प्रताप सिंह बाजवा का -लेख। केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी के दावे के विपरीत, अल्पसंख्यक समुदायों को ‘अन्य’ बताना भाजपा की डिफ़ॉल्ट राजनीतिक रणनीति है, जिसके तहत पीड़ित होने की झूठी भावना फैलाई जाती है और एक समुदाय को दूसरे के खिलाफ खड़ा किया जाता है।

भारतीय राजनीति में सिख समुदाय की भावनाओं के प्रति भाजपा का असंवेदनशील रुख : प्रताप सिंह बाजवा का लेख
कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा (Pratap Singh Bajwa) ने भाजपा की राजनीति पर टिप्पणी की है, जिसमें उन्होंने सिख समुदाय की भावनाओं को चोट पहुँचाने वाले भाजपा के कदमों की आलोचना की है।
नई दिल्ली, 21 सितंबर 2024: पंजाब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रताप सिंह बाजवा ने भाजपा पर आरोप लगाया है कि यह भाजपा ही है जिसने बार-बार सिख भावनाओं को ठेस पहुंचाई है।
प्रताप सिंह बाजवा पंजाब से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं. वह पंजाब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हैं।
भाजपा की राजनीति और सिख समुदाय की भावनाएँ
सिख समुदाय का महत्त्व
द इंडियन एक्सप्रेस में अंग्रेज़ी में लिखे एक लेख में प्रताप सिंह बाजवा ने कहा है कि सिख समुदाय ने भारतीय सेना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और देश की कृषि अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में योगदान दिया है। अपने लेख में उन्होंने इस बात को स्पष्ट किया है कि सिख समुदाय मानवाधिकारों और कानून के शासन के प्रति समर्पित रहा है।
भाजपा की "अन्यकरण" की नीति
बाजवा का कहना है कि भाजपा की राजनीतिक रणनीति में अल्पसंख्यक समुदायों को अलग-थलग करने का चलन है। उन्होंने लिखा कि यह केवल एक राजनीतिक रणनीति है, जिसके माध्यम से भाजपा एक झूठी पीड़ित मानसिकता को बढ़ावा देती है और विभिन्न समुदायों को आपस में भिड़ाने की कोशिश करती है।
लखीमपुरी खीरी की घटना का उल्लेख
बाजवा ने लखीमपुरी खीरी में सिख किसानों की हत्या का उदाहरण दिया, जिसमें भाजपा के एक पूर्व मंत्री अजय मिश्र टेनी का बेटा आरोपी था। उन्होंने कहा कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप ने कुछ निष्पक्षता लाई थी, लेकिन भाजपा ने इस आरोपी को फिर से चुनाव में खड़ा किया, जो सिख परिवारों के लिए एक घाव था।
किसानों के खिलाफ हिंसा
बाजवा ने अपने लेख में यह भी उल्लेख किया है कि पिछले कुछ वर्षों में किसानों के खिलाफ हिंसा और दमन की घटनाएँ बढ़ी हैं। 700 से अधिक किसान अपनी आवाज उठाने के लिए शहीद हो चुके हैं, लेकिन भाजपा ने उन्हें केवल "विघटनकारी" और "आतंकवादी" के रूप में देखा।
पुलिस की बर्बरता
अपने लेख में बाजवा ने यह भी उल्लेख किया है कि किसानों की धरना स्थलों पर पुलिस द्वारा की गई बर्बरता ने समुदाय के बीच असंतोष को बढ़ावा दिया है। यहाँ तक कि एक युवा सिख आईपीएस अधिकारी को भी भाजपा के कार्यकर्ताओं द्वारा अपमानित किया गया।
कांग्रेस का समर्थन और भाजपा की विभाजनकारी राजनीति
अपने लेख में श्री बाजवा ने कहा है कि राहुल गांधी ने अमेरिका में भाजपा की विभाजनकारी विचारधारा पर जोर दिया है। बाजवा का कहना है कि कांग्रेस का बढ़ता हुआ जन समर्थन भाजपा को परेशान कर रहा है। भाजपा की विभाजनकारी राजनीति समाज में असमानता और कलंक का माहौल पैदा कर रही है।
निष्कर्ष
प्रताप सिंह बाजवा ने अपने लेख में भाजपा की राजनीति पर गहरी सोच प्रदान की है, जिसमें सिख समुदाय की भावनाओं को चोट पहुँचाने वाले कई पहलुओं पर ध्यान दिया गया है। उनका कहना है कि यह समय है कि समाज के विभिन्न वर्गों के बीच सद्भावना को बढ़ावा देने की आवश्यकता है, न कि विभाजन की।
अंत में
अपने लेख में प्रताप सिंह बाजवा ने कहा है कि सिख समुदाय की आवाज़ को सुनना और उनकी भावनाओं का सम्मान करना भारतीय लोकतंत्र के लिए आवश्यक है। यह न केवल न्याय के लिए बल्कि एक समृद्ध और समरस समाज के निर्माण के लिए भी महत्वपूर्ण है।
बाजवा ने यह लेख आदिल सिंह बोपाराय के साथ मिलकर लिखा है। बाजवा पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता हैं और बोपाराय कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता और वकील हैं।


