बॉलीवुड को सांप्रदायिक आधार पर बांटना चाहती है भाजपा, फिल्म उद्योग को इसका विरोध करना चाहिए

साप्ताहिक स्पीक अप कार्यक्रम की 167 वीं कड़ी में बोले कांग्रेस नेता

कांग्रेस नेता शाहनवाज़ आलम ने भाजपा और बॉलीवुड के संबंधों पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि भाजपा बॉलीवुड को सांप्रदायिक आधार पर बांटने की साज़िश कर रही है, जिसमें लॉरेंस बिश्नोई जैसे अपराधियों का उपयोग किया जा रहा है। उन्होंने गृहमंत्री अमित शाह और अजीत डोभाल की भूमिका की जांच की मांग की है। शाहनवाज़ का यह भी कहना है कि बॉलीवुड को इस सांप्रदायिक विभाजन का विरोध करना चाहिए और अपनी समावेशी पहचान को बचाना चाहिए। जानिए इस विवाद का पूरा सच और कांग्रेस के दावों की गहराई से जानकारी।

नई दिल्ली, 5 नवंबर 2024. बॉलीवुड हमेशा से समावेशी भारत का संदेश देता रहा है। भाजपा इसे सांप्रदायिक आधार पर बाँटने की साज़िश करती रही है। इसके लिए लॉरेंस बिश्नोई जैसे अपराधियों का मोहरे की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके पीछे गृहमंत्री अमित शाह और अजीत डोभाल की भूमिका की जांच होनी चाहिए।

ये बातें कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने साप्ताहिक स्पीक अप कार्यक्रम की 167 वीं कड़ी में कहीं।

बॉलीवुड को भाजपा सांप्रदायिक आधार पर बांटने की साज़िश क्यों करती है ?

शाहनवाज़ आलम ने कहा कि हिंदी सिनेमा उद्योग अपने समावेशी और सेकुलर चरित्र के कारण लम्बे समय से आरएसएस के निशाने पर रहा है। क्योंकि जब भी आरएसएस द्वारा देश में सांप्रदायिक हिंसा और तनाव उत्पन्न किया गया फिल्मी कलाकारों ने इसके खिलाफ़ एकता और सद्भाव का संदेश दिया। 1992 में जब मुंबई सांप्रदायिक हिंसा की चपेट में थी तब भी सुनील दत्त के नेतृत्व में फिल्मी सितारे रातभर धरने पर बैठे थे। उन्होंने कहा कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार भी फिल्मी कलाकारों का इस्तेमाल शांति और सद्भाव के प्रचार के लिए करती थी, इसलिए भाजपा हमेशा से बॉलीवुड को सांप्रदायिक आधार पर बांटने की साज़िश रचती रही है।

उन्होंने कहा कि सन् 2000 में ऋतिक रोशन की फिल्म कहो ना प्यार है, के हिट होने पर आरएसएस के मुखपत्र पांचजन्य में उसके संपादक तरुण विजय ने एक लेख के माध्यम से कहा था कि अब हिंदू समाज के लोगों का अपना हिंदू फिल्मी हीरो आ गया है इसलिए अब उन्हें खान सरनेम वाले कलाकारों की फिल्में नही देखनी चाहिए। उसी दौर में आरएसएस ने कथित हिंदू माफिया रवि पुजारी से बॉलीवुड से जुड़े सेकुलर और मुस्लिम व्यक्तियों को धमकी दिलवाना शुरू किया तो दूसरी तरह दिलीप कुमार जैसे प्रतिष्ठित अभिनेता का विरोध भी करवाना शुरू किया। लेकिन उसे बहुत सफलता नहीं मिली। अब सत्ता में आने के बाद भाजपा का शीर्ष नेतृत्व एक मोहरे के बतौर लॉरेंस बिश्नोई को भी अपने मॉडल राज्य गुजरात की जेल में रखकर इस्तेमाल कर रहा है।

शाहनवाज़ आलम ने कहा कि पिछले दिनों मिथुन चक्रवर्ती ने अपने बेटे को शारदा स्कैम से बचाने के लिए जिस तरह गृहमंत्री अमित शाह की मौजूदगी में मुसलमानों की हत्या कराने की धमकी दी उससे पूरे बॉलीवुड की समावेशी और सेकुलर छवि खराब हुई है और बॉलीवुड और समाज को देश के इस सबसे सशक्त उद्योग को बचाने के लिए आगे आना चाहिए।

शाहनवाज़ आलम ने कहा कि इस पूरे षड्यंत्र में अमित शाह और अजीत डोभाल की भूमिका संदिग्ध रही है जिसकी जाँच होनी चाहिए।

Web title : Lawrence Bishnoi's relationship with Amit Shah and Ajit Doval should be investigated - Shahnawaz Alam