आसा योजना : मोदी सरकार की किसानों के साथ नई धोखाधड़ी
AASA Yojana slammed as betrayal of farmers by Modi govt; private entry in grain procurement may threaten food security and farmer income;
आसा योजना : किसानों के साथ मोदी सरकार की नई धोखाधड़ी
- अनाज खरीदी में निजी क्षेत्र के प्रवेश से किसानों की बढ़ेगी लूट – किसान सभा
- खतरे में पड़ जायेगी हमारे देश की खाद्य सुरक्षा और आत्मनिर्भरता
रायपुर, 14 सितंबर। छत्तीसगढ़ किसान सभा ने कल घोषित 'अन्नदाता आय संरक्षण अभियान' योजना को मोदी सरकार की किसानों के साथ नई धोखाधड़ी करार दिया है और कहा है कि इससे हमारे देश की खाद्य सुरक्षा और आत्मनिर्भरता ही खतरे में पड़ जायेगी.
आज यहां जारी एक बयान में छग किसान सभा के महासचिव ऋषि गुप्ता ने कहा है कि स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के अनुसार न्यूनतम समर्थन मूल्य देने के वादे से मुकरने के बाद अब यह सरकार किसानों का अनाज खरीदने की न्यूनतम जिम्मेदारी से ही हाथ खींच रही है. खरीदी व मूल्य गारंटी के नाम पर निजी और कॉर्पोरेट क्षेत्र के प्रवेश से किसानों की लूट और बढ़ेगी. इसके ऊपर से, अब समर्थन मूल्य से वंचित किसानों से 15% जीएसटी भी वसूला जाएगा.
किसान नेता ने कहा है कि चुनाव के दौरान भाजपा का वादा था कि किसानों के अनाज का एक-एक दाना समथन मूल्य पर खरीदेंगे. इस वादे को पूरा करने के लिए हमारे देश का किसान आंदोलन कानून बनाने की मांग कर रहा है. लेकिन अब यह योजना भाजपाई वादे के विपरीत है. इस योजना के अमल में आने से किसानों की आय दुगुनी तो होगी नहीं, घटकर आधी रह जायेगी और कृषि छोड़ने वाले किसानों की रफ़्तार और ज्यादा तेज हो जायेगी.
किसान सभा ने सभी फसलों को लागत के डेढ़ गुना मूल्य पर सरकारी एजेंसियों द्वारा खरीदे जाने को सुनिश्चित करने, क्रिसाही उपज मंदी में खरीदी की व्यवस्था को दुरूस्त करने तथा घोषित समर्थन मूल्य से कम कीमत पर खरीदने वालों को दंडित करने, अनाज व्यापार में सट्टा-बाज़ार पर रोक लगाने और सार्वजानिक वितरण प्रणाली को सार्वभौमिक बनाकर उसे सुदृढ़ करने की मांग की है.
किसान सभा ने इस मुद्दे पर सभी किसान संगठनों से बातचीत कर अभियान/आंदोलन छेड़ने का फैसला किया है.
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