चीन का सामान जरूर खरीदें, सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है ये संदेश

सोशल मीडिया पर वायरल संदेश चीन के सामान के बहिष्कार की सच्चाई उजागर करता है—छोटे व्यापारियों को नुकसान और बड़े उद्योगपतियों को फायदा।;

By :  Hastakshep
Update: 2019-03-22 13:00 GMT

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सोशल मीडिया पर वायरल संदेश: “चीन का सामान जरूर खरीदें” देशभक्ति या बाज़ारवाद?

असली मंशा पर सवाल छोटे व्यापारियों के खिलाफ साजिश या जनभावना?

चीन के बहिष्कार की हकीकत और राजनीतिक लाभ बड़े ब्रांड्स और स्वदेशी का खेल:

पतंजलि का उदाहरण क्या आम जनता सिर्फ एक उपभोक्ता बन कर रह गई है? सरकार, व्यापारी और ग्राहक: किसकी ज़िम्मेदारी ज़्यादा?

“जागो ग्राहक जागो” का नया संदर्भ और प्रासंगिकता सोशल मीडिया पर वायरल संदेश चीन के सामान के बहिष्कार की सच्चाई उजागर करता है—छोटे व्यापारियों को नुकसान और बड़े उद्योगपतियों को फायदा।

चीन का सामान जरूर खरीदें, सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है ये संदेश नई दिल्ली। सोशल मीडिया पर इन दिनों एक संदेश तेजी से वायरल हो रहा है।

इस संदेश में कहा गया है कि चीन का सामान जरूर खरीदें और एक आम छोटे व्यापारी के घर चूल्हा जलने दें। इसके पीछे तर्क दिया गया है कि क्योंकि यह सिर्फ छोटे व्यापारियों का व्यापार बंद करने की साजिश और बड़े उद्योगपतियों को लाभ पहुँचाने की नियत है, यह झूठा देशप्रेम का अलाप है।

वाट्सएप समूहों में इस संदेश की बहार आई हुई है। आप खुद ही पढ़ें पूरा संदेश

चीन का सामान जरूर खरीदें और एक आम छोटे व्यापारी के घर चूल्हा जलने दें, ये सब क़ुरबानी त्याग की आम आदमी से क्यों उम्मीद

सरकार चाहे तो चीन से सामान मंगाना ही बंद कर दे । व्यापार नीति बंद कर दे ।

बड़े व्यापारी चीन से सामान आयात करना बंद कर दें पर नहीं हो सकता ?

क्योंकि यह सिर्फ छोटे व्यापारियों का व्यापार बंद करने की साजिश और बड़े उद्योगपतियों को लाभ पहुँचाने की नियत है यह झूठा देशप्रेम का अलाप।

विदेशी का विरोध करके स्वदेशी का हल्ला मचाकर कोई बाबा रामदेव अपना माल बेच जाता है इस भोली भाली जनता को ।

मैग्गी और कोल्ड ड्रिंक्स इसका जीता जागता उदाहरण है

इनका मुद्दा उछला क्योंकि पतंजलि की मैग्गी और कोल्डड्रिंक जो बाजार में आनी थी ।

ये सिर्फ बाजार में विज्ञापन का एक अलग माध्यम है । किसी का विरोध करो फिर धीरे से अपना माल स्वदेशी बताकर बेच दो ।

भाई सब भलाई का ठेका ये आम नागरिक ने ही तो ले रखा है।

बेचारा जो लघु व्यापारी हाथठेला और फूटपाथ पर अपनी दुकान सजाता है उसके पास 1000 रु का सामान लाने के लिए पैसे है । वो लाकर 1200 में बेच देता है फिर उसी 200 रुपये से शाम को उसके घर का चूल्हा जलता है।

और लोग कह रहे है कि उससे सामान न खरीदो । किसी बड़ी दूकान पर जाकर स्वदेशी के नाम पर वहां बड़े व्यापारी को फायदा पहुंचा दो।

ये सब साजिश एक आम छोटे गरीब का व्यापार बंद करने की है । किसी अमीर को फायदा पहुँचाने की है । इस विदेशी और स्वदेशी के राग का देशप्रेम से कोई लेना देना नहीं है। ये सिर्फ बाजार है । और आम भोली भली जनता उनके लिए उपभोक्ता ।

जागो ग्राहक जागो

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