30 जून 2025 – स्कूल असेम्बली हेडलाइंस बुलेटिन

June 30th, 2025 School Assembly - Headline Bulletin. 30 जून 2025 –दिन भर की बड़ी ख़बरों का विशेष बुलेटिन. 30 जून 2025 की टॉप हेडलाइंस और आज की सबसे बड़ी खबरों के लाइव अपडेट्स;

By :  Hastakshep
Update: 2025-06-29 19:30 GMT

दिन भर की बड़ी ख़बरों का विशेष बुलेटिन

आज की तारीख है – 30 जून 2025, दिन – सोमवार।

कल देश और दुनिया में कई मोर्चों पर हलचल रही –

सियासत गरमाई, श्रद्धा पर हादसे की छाया पड़ी, और अंतरराष्ट्रीय मंच पर तनाव बढ़ा।

आइए डालते हैं एक नजर आज की अब तक की प्रमुख खबरों पर — साफ़ शब्दों में, तथ्यों के साथ।

राजनीति की बड़ी खबर – संविधान बचाओ का नारा पटना से

बिहार की राजधानी पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में 'वक्फ बचाओ – दस्तूर बचाओ' सम्मेलन में विपक्षी दलों ने अभूतपूर्व एकजुटता दिखाई।

तेजस्वी यादव ने ऐलान किया कि बिहार में सरकार बनने पर वक्फ संशोधन कानून 2025 को रद्द कर दिया जाएगा।

उन्होंने कहा – "ये देश किसी एक का नहीं, हम सबका है।"

कई बड़े नेता, जैसे सलमान खुर्शीद, पप्पू यादव, इमरान प्रतापगढ़ी भी मंच पर मौजूद थे।

चुनाव आयोग पर भी विपक्ष के सवाल

कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

उन्होंने कहा कि विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान अव्यावहारिक है और शिक्षा व्यवस्था बदहाल होती जा रही है।

उन्होंने बिहार में पेपर लीक को "घोटालों की इंडस्ट्री" करार दिया।

पुरी की रथ यात्रा में हादसा – श्रद्धा पर साया

ओडिशा के पुरी में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा के दौरान भगदड़ में तीन श्रद्धालुओं की मौत हो गई और कई घायल हुए।

भीड़ नियंत्रण में चूक के चलते यह हादसा हुआ।

मुख्यमंत्री ने शोक जताया और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया।

राहुल गांधी ने कहा – “जीवन सर्वोपरि है, जिम्मेदारी में कोई चूक स्वीकार्य नहीं।”

संविधान पर विवाद – ‘धर्मनिरपेक्षता’ और ‘समाजवाद’ शब्दों पर बहस

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने फिर छेड़ी बहस –

क्या 1976 में आपातकाल के दौरान जोड़े गए ‘धर्मनिरपेक्ष’ और ‘समाजवाद’ जैसे शब्द संविधान की आत्मा के अनुरूप हैं?

सरमा ने इन्हें हटाने की वकालत की, जिसे विपक्ष ने लोकतंत्र पर हमला बताया।

ईरान बनाम अमेरिका – तनाव चरम पर

ईरान के विदेश मंत्री अराक्ची ने अमेरिका और इज़रायल पर हमले का आरोप लगाते हुए कहा –

ईरान अपना खून देगा, लेकिन ज़मीन नहीं देगा।

तेहरान में हुए श्रद्धांजलि समारोह में, हालिया हमलों में मारे गए 60 से ज्यादा वैज्ञानिकों को सम्मानित किया गया।

ईरान की मांग – जर्मनी स्वीकार करे सरदाश्त रासायनिक हमले की ज़िम्मेदारी

ईरान ने 1987 के उस हमले के लिए जर्मनी को जिम्मेदार ठहराया, जिसमें हजारों लोग मारे गए थे।

ईरान का आरोप – जर्मन कंपनियों ने इराक को रासायनिक हथियार दिए और अब उन्हें जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।

और अंत में – आज का प्रेरणादायक संदेश:

"विवेक और साहस, दोनों की परीक्षा समय लेता है। खबरों को समझिए, सोचिए और समाज को बेहतर बनाने की दिशा में अपने हिस्से की भूमिका निभाइए।"

धन्यवाद!

अगले बुलेटिन तक के लिए नमस्कार।

जय हिंद।

Full View
Tags:    

Similar News