पहलगाम हमले के बाद राजनीति हावी, राष्ट्रीय सुरक्षा दरकिनार : उद्धव ठाकरे का तीखा हमला

शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि राजनीति को राष्ट्रीय सुरक्षा से ऊपर रखा गया;

By :  Hastakshep
Update: 2025-07-20 12:09 GMT

After Pahalgam attack, politics dominates, national security sidelined: Uddhav Thackeray's scathing attack

सरकार सुरक्षा में विफल, कश्मीर में स्थायित्व के दावों पर सवाल - शिवसेना (UBT) प्रमुख का साक्षात्कार

शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि राजनीति को राष्ट्रीय सुरक्षा से ऊपर रखा गया

नई दिल्ली, 20 जुलाई 2025। शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने इस वर्ष 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले को लेकर सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने पर्यटकों सुरक्षा की विफलता पर सवाल उठाए और सरकार पर राष्ट्रीय सुरक्षा की बजाय राजनीति और कूटनीति को प्राथमिकता देने का आरोप लगाया।

'सामना' को दिए "मुंबई का सातबारा अडानी के नाम पर करना है…इसलिए शिवसेना तोड़ दी!..ठाकरे बंधु एक साथ ही हैं…किसी को कोई प्रॉब्लम?" शीर्षक से  एक साक्षात्कार में उद्धव ठाकरे ने कहा, "पहलगाम हमला चौंकाने और आक्रोशित करने वाला था। हमें बताया गया था कि कश्मीर में सामान्य स्थिति लौट आई है। फिर यह हमला कैसे हुआ?"

कभी अनुच्छेद 370 को निरस्त करने का भाजपा के समर्थन करने वाले ठाकरे ने इस बात पर निराशा व्यक्त की कि बड़े-बड़े दावों के बावजूद कश्मीर में जमीनी हालात अभी भी अस्थिर हैं। उन्होंने कहा, "पर्यटन फिर से शुरू हो गया है, लेकिन सुरक्षा की अनदेखी की गई है। आप किसी पूर्व अशांत क्षेत्र के साथ ऐसा व्यवहार नहीं कर सकते जैसे सब कुछ 'ठीक' हो और अपनी सुरक्षा कम कर दें।"

हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की जान जाने का जिक्र करते हुए ठाकरे ने पूछा, "छब्बीस महिलाओं ने अपना सिंदूर खो दिया। हमारी माताओं और बहनों की इज्जत को तार-तार करने के लिए कौन जिम्मेदार है?"

उन्होंने इस बात पर भी चिंता जताई कि आतंकवादी भारतीय क्षेत्र में इतनी अंदर तक कैसे घुसपैठ करने में कामयाब रहे। उन्होंने कहा कि "हमले के तीन महीने बाद भी, आतंकवादियों का पता नहीं चल पाया है। पहले उनकी तस्वीरें जारी की गईं, फिर उन्हें खारिज कर दिया गया। वे आए, हमला किया और गायब हो गए। वे कहां गए?"

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा बार-बार सीज़फायर कराने के दावे को लेकर भी ठाकरे ने सरकार को घेरा। ट्रंप का दावा है कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान युद्ध को रोकने के लिए हस्तक्षेप किया था। इस पर ठाकरे ने पूछा, "ट्रंप 27 बार कह चुके हैं कि उन्होंने युद्ध रोका। हमारे '56 इंच के सीने' वाले प्रधानमंत्री इस पर चुप क्यों हैं?"

पहलगाम हमले के बाद शुरू किए गए 'ऑपरेशन सिंदूर' अभियान पर निशाना साधते हुए शिवसेना प्रमुख ने कहा कि सेना के पराक्रम का राजनीतिकरण किया गया। हमारी सेना सीमा पार कर गई, लेकिन उन्हें वापस क्यों बुलाया गया? सरकार को पीछे हटने के लिए क्यों मजबूर होना पड़ा? यह अभी भी एक रहस्य है।"

क्या राज और उद्धव ठाकरे साथ आएंगे? क्या दोनों के बीच राजनीतिक गठबंधन होगा? यह सवाल इस समय महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल मचा रहा है। इस पर उद्धव ठाकरे ने कहा, ‘क्या हम दोनों भाइयों के साथ आने से किसी को कोई प्रॉब्लम है? अपने पेट की पीड़ा वे खुद ही संभालें। हम दोनों मिलकर महाराष्ट्र के स्वप्न को साकार करेंगे। सही वक्त पर सही फैसला लेंगे।

भाजपा की आंतरिक आयु नीति पर कटाक्ष करते हुए उद्धव ने सवाल किया कि क्या प्रधानमंत्री मोदी 75 साल की उम्र में सेवानिवृत्त होंगे। उन्होंने कहा कि लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी जैसे नेताओं को 75 साल की उम्र में पद छोड़ने के लिए मजबूर किया था। क्या पीएम मोदी अपने ही बनाए नियमों का पालन करेंगे?"

ठाकरे ने भाजपा पर शिवसेना को तोड़ने का आरोप लगाया और कहा कि सत्ता में बैठे लोग अब संविधान का सम्मान करने को भी तैयार नहीं हैं।

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