बीएसपी की राज्य स्तरीय बैठक: संगठन विस्तार, कांशीराम पुण्यतिथि और मायावती का आह्वान

बीएसपी की बैठक में बूथ स्तर तक संगठन पर चर्चा हुई। मायावती ने विरोधियों के षड्यंत्र और कांशीराम पुण्यतिथि कार्यक्रम पर बड़ा संदेश दिया...;

By :  Hastakshep
Update: 2025-09-07 07:46 GMT

Mayawati, the leader of the Bahujan Samaj Party (BSP) and former Chief Minister of Uttar Pradesh

मायावती ने विरोधियों के षड्यंत्र पर जताई चिंता

  • धार्मिक स्थलों के निरादर पर कड़ा रुख अपनाने की मांग
  • संगठन विस्तार और बूथ स्तर की कमेटियां

कांशीराम स्मारक स्थल पर पुण्यतिथि कार्यक्रम की तैयारी

लखनऊ में बीएसपी की बैठक में बूथ स्तर तक संगठन पर चर्चा हुई। मायावती ने विरोधियों के षड्यंत्र और कांशीराम पुण्यतिथि कार्यक्रम पर बड़ा संदेश दिया...

लखनऊ, 7 सितंबर 2025। बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की राज्य स्तरीय बैठक रविवार को राजधानी लखनऊ में हुई। बैठक में पार्टी संगठन के बूथ स्तर तक विस्तार, जनाधार मजबूत करने और आने वाली राजनीतिक चुनौतियों पर गहन चर्चा हुई। इस दौरान लगभग 80 प्रतिशत लक्ष्य हासिल होने पर संतोष जताया गया और आगे के काम कांशीराम की पुण्यतिथि के बाद शुरू करने का निर्णय लिया गया।

इस बैठक में पार्टी संगठन के गठन और जनाधार को बढ़ाने के लिए जिला से लेकर बूथ स्तर तक कमेटी के गठन पर चर्चा हुई। लगभग 80% लक्ष्य प्राप्ति पर संतोष व्यक्त किया गया और आगे के कार्यों के लिए निर्देश दिए गए। ये कार्य 9 अक्टूबर को कांशीराम की पुण्यतिथि के बाद शुरू होंगे। यह पुण्यतिथि कार्यक्रम लखनऊ के वीआईपी रोड पर स्थित 'मान्यवर श्री कांशीराम स्मारक स्थल' में आयोजित होगा, जिसमें मायावती खुद शामिल होंगी और आगे की राजनीतिक चुनौतियों पर चर्चा करेंगी। यह कार्यक्रम स्मारक स्थल के जीर्णोद्धार के बाद लंबे समय बाद आयोजित हो रहा है। इससे पहले, लोग उनकी प्रतिमा के बजाय उनके चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करते थे।

बैठक में, मायावती ने विरोधी दलों द्वारा बीएसपी को कमजोर करने के षड्यंत्र पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि यह षड्यंत्र दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों, मुसलमानों और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों के अधिकारों से वंचित करने के लिए है। उन्होंने विभिन्न धर्मों के पूजास्थलों और उनके संतों, गुरुओं और महापुरुषों का निरादर करने के षड्यंत्र पर भी गंभीर चिंता व्यक्त की और सभी सरकारों से कड़ा कानूनी रवैया अपनाने का आह्वान किया।

अमेरिका द्वारा लगाए गए 50 प्रतिशत 'ट्रम्प टैरिफ' की चुनौतियों का भी उल्लेख करते हुए, मायावती ने भारत और भाजपा से अपनी नीतियों में सुधार करने का आग्रह किया ताकि देश के मान-सम्मान को बनाए रखा जा सके। उन्होंने कहा कि यदि ऐसा नहीं किया गया तो गरीबी, महंगाई, बेरोजगारी और पलायन जैसी समस्याएं और जटिल हो जाएंगी। बैठक में पार्टी के सभी स्तर के पदाधिकारियों ने भाग लिया और अपनी प्रगति रिपोर्ट दी। यह यूपी स्टेट यूनिट और अखिल भारतीय स्तर पर पार्टी के पुनर्गठन के बाद राज्य स्तर पर होने वाला पहला बड़ा कार्यक्रम था। लखनऊ आने वाले कार्यकर्ताओं के लिए समुचित व्यवस्था की गई थी।

बैठक के अंत में मायावती ने कार्यकर्ताओं से संगठन को और मज़बूत बनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि कांशीराम की पुण्यतिथि के बाद शुरू होने वाला कार्यक्रम न केवल बीएसपी के लिए बल्कि पूरे देश की राजनीति के लिए अहम संकेत देगा।

FAQs

कांशीराम की आगामी पुण्यतिथि के संबंध में मायावती ने क्या घोषणाएं कीं?

मायावती ने कांशीराम की पुण्यतिथि (9 अक्टूबर) पर लखनऊ के वीआईपी रोड पर स्थित 'मान्यवर श्री कांशीराम स्मारक स्थल' में एक राज्यव्यापी कार्यक्रम आयोजित करने की घोषणा की। वे स्वयं इस कार्यक्रम में शामिल होंगी और आगे की राजनीतिक चुनौतियों से निपटने की रूपरेखा पर चर्चा करेंगी। यह कार्यक्रम स्मारक स्थल के जीर्णोद्धार के बाद लंबे समय बाद आयोजित हो रहा है; इससे पहले, लोग उनकी प्रतिमा के बजाय उनके चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करते थे। इस कार्यक्रम के बाद पार्टी के बाकी बचे कार्यों को शुरू किया जाएगा।

भारत और अन्य राज्यों में वर्तमान सामाजिक-राजनीतिक माहौल के बारे में मायावती ने क्या चिंताएं व्यक्त कीं?

मायावती ने चिंता व्यक्त की कि विरोधी दल बीएसपी को कमजोर करने की साज़िश रच रहे हैं ताकि दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों, मुसलमानों और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों को उनके संवैधानिक और कानूनी अधिकारों से वंचित किया जा सके। उन्होंने विभिन्न धर्मों के पूजा स्थलों और उनके संतों, गुरुओं और महापुरुषों का अपमान करके सामाजिक, साम्प्रदायिक और राजनीतिक स्थिति को बिगाड़ने की साज़िश पर भी गंभीर चिंता व्यक्त की।

मायावती ने किस विशिष्ट आर्थिक चुनौती का उल्लेख किया और इसके लिए उनकी सुझाई गई प्रतिक्रिया क्या थी?

मायावती ने अमेरिका द्वारा लगाए गए 50 प्रतिशत "ट्रम्प टैरिफ" की चुनौतियों का उल्लेख किया। उन्होंने सुझाव दिया कि भारत और भाजपा को अपनी नीतियों और कार्यक्रमों में ठोस सुधारवादी रवैया अपनाना चाहिए ताकि देश का मान-सम्मान बना रहे और गरीबी, महंगाई, बेरोजगारी, अशिक्षा और पलायन जैसी समस्याएँ और जटिल न हों।

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