संघी भाइयों हम आपके और हिटलर के प्रचार तंत्र को सलाम करते हैं

टी वी चैनलों पर उत्तराखण्ड की तबाही का आँखों देखा हाल देख रहे हैं। राहत- बचाव और पुनर्वास के बारे में हमें पल-पल की जानकारी तस्वीरों सहित मिल रही है। सभी समाचार पत्रों के पन्ने तबाही और उससे जुड़ी खबरों से भरे हैं;

By :  Hastakshep
Update: 2019-03-22 13:00 GMT

opinion, विचार

गोपाल राठी

सभी टी वी चैनलों पर उत्तराखण्ड की तबाही का आँखों देखा हाल देख रहे हैं। राहत- बचाव और पुनर्वास के बारे में हमें पल-पल की जानकारी तस्वीरों सहित मिल रही है। सभी समाचार पत्रों के पन्ने तबाही और उससे जुड़ी खबरों से भरे हैं।

मेरे संज्ञान में मुझे ऐसी कोई खबर या तस्वीर देखने में नहीं आयी जिसमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ राहत और बचाव के कार्य में कोई भूमिका निभा रहा हो परन्तु फेसबुक पर ऐसे ऐसे नए पुराने फोटो डाले जा रहे हैं जिसमें दिखाया जा रहा है कि संघ के गणवेशधारी बचाव और राहत काम में लगे हैं और सेकुलर कुत्ते, भेड़िये (यह सम्बोधन उनकी संस्कृति को दर्शाते हैं, जिन्हें आप इनकी पोस्ट पर देख सकते हैं ) षड्यन्त्र में लगे हैं। अगर आप वाकई किसी क्षेत्र में सेवा कर रहे हैं तो मीडिया और जनता खुद कहेगी, आप थोड़ा धैर्य तो रखें।

आपकी इतनी बड़ी सेना है (पथ संचलन में सब जगह दिखती है) अगर वह राहत और बचाव कार्य का जिम्मा सम्हाल लेती तो भारतीय सेना को दुश्मनों से घिरी संवेदनशील सीमाओं को छोड़कर यहाँ आने की ज़रुरत नहीं पड़ती।

ऊँगली कटाकर शहीदों में शामिल होने की संघियों यह अदा आपकी बहुत पुरानी है। आज़ादी के संघर्ष में हिस्सा लिये बगैर आज ये सबसे बड़े राष्ट्रवादी हैं। है न कमाल की बात।

कल इसी तरह कि एक फोटो फेसबुक पर लगायी गयी थीं। मैंने उस फोटो को ध्यान से देखा वह फोटो पहाड़ी नहीं मैदानी इलाके की थी। मैंने फोटो चिपकाने वाले संघी भाई से कमेन्ट के माध्यम से आग्रह किया कि यह फोटो कहाँ का है? कब का है ? परन्तु उस राष्ट्रवादी भाई ने अब तक कोई जवाब नहीं दिया।

हिटलर के प्रचारमन्त्री गोयबेल्स का कहना था कि झूठ को जोर-जोर से बार-बार बोला जाय तो लोग सच मानने लगते हैं। संघी भाइयो, हम आपके और हिटलर के प्रचार तन्त्र को सलाम करते हैं।

... नमो - नमो - नमो ...

(गोपाल राठी के फेसबुक टाइमलाइन से साभार)

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