सोशल मीडिया पर सहज होती महिलाएं
This article by rural writer Jyoti from Delhi, written under the Sanjoy Ghose Media Awards 2023, explores how women like Pooja are becoming confident and self-reliant through social media and digital literacy, overcoming challenges of gender divide and economic struggles.;
Women & Social Media: A Journey Towards Empowerment
दिल्ली से चरखा फीचर्स की ग्रामीण लेखिका ज्योति का सोशल मीडिया पर सहज होती महिलाएं विषय पर लेख। यह लेख संजय घोष मीडिया अवार्ड्स 2023 के अंतर्गत लिखा गया है।
This article by rural writer Jyoti from Delhi, written under the Sanjoy Ghose Media Awards 2023, explores how women like Pooja are becoming confident and self-reliant through social media and digital literacy, overcoming challenges of gender divide and economic struggles.
पूजा, एक 31 वर्षीय महिला है. वह दिल्ली के उत्तम नगर इलाके में अपने पति और दो पुत्रों के साथ किराए के मकान में रहती है. उसकी इच्छा थी कि वह एक स्वतंत्र और आत्मनिर्भर महिला बने. उन्होंने 4 साल पहले सिलाई सीखी और अब वह इसे घर के कामों के साथ-साथ आत्मनिर्भरता की कमाई के लिए भी करती है. एक दिन उसने अपने फ़ोन पर YouTube में एक वीडियो देखा, जिसमें अपना खुद का YouTube चैनल बनाने की जानकारी दी गई थी. पूजा की भी यह इच्छा थी कि लोग उसकी सिलाई के हुनर और प्रतिभा को जानें. तीन साल पहले उसने YouTube पर "पूजा व्लॉग जय माता दी" नाम से खुद का एक चैनल बनाया। इस काम में उसके बेटे ने काफी मदद की. इस चैनल पर पूजा ने सिलाई-कटाई से जुड़ी की जानकारियां साझा की. जिसे महिलाओं द्वारा काफी पसंद भी किया जाने लगा.
हालांकि शरुआती दौर में पूजा को कई प्रकार की दिक्कतों का सामना करना पड़ा. उसके घरवालों को उसका वीडियो बनाना पसंद नहीं था. जिसके कारण उसका YouTube चैनल एक बार उन्हीं के घरवालों द्वारा डिलीट कर दिया गया, जिसमें उसने अपनी 28 वीडियो साझा की थी. लेकिन पूजा ने हिम्मत नहीं हारी और एक बार फिर से YouTube पर अपने काम से संबंधित वीडियो अपलोड करने लगी.
सोशल मीडिया पर वीडियो बनाकर डालना पूजा के लिए एक नया अनुभव था. हालांकि घर के काम के साथ-साथ सोशल मीडिया के लिए वीडियो बनाकर और उसे एडिट करके डालना उनके लिए काफी मुश्किल होता था. वह कहती हैं कि पहले वह कैमरे के सामने आने से डरती और घबराती थी. परन्तु धीरे-धीरे अपने आत्मविश्वास और दृढ़ निश्चय के साथ उन्होंने अपने दैनिक जीवन और सिलाई ट्रिक्स की वीडियो को साझा करके एक विशेष दर्शक वर्ग की समृद्धि कर ली. आज उनके यूट्यूब चैनल पर 5000 सब्सक्राइबर हैं और उनका YouTube चैनल उनके लिए स्वतंत्रता और आत्मनिर्भरता का माध्यम बन चुका है.
पूजा कहती हैं कि “सोशल मीडिया ने मुझे जीना सिखाया है क्योंकि आर्थिक तंगी और पारिवारिक झगड़ों के कारण मैं खुद को काफी अकेला महसूस करती थी. लेकिन YouTube पर वीडियो डालने से मुझे ख़ुशी मिलती है. इसने न केवल मुझे सशक्त बनाया है बल्कि आर्थिक रूप से भी मज़बूत किया है. अब मैं खुद कमाती हूं. मुझे किसी पर भी निर्भर होने की जरुरत नहीं हैं." इस संबंध में उनके पति सन्नी पांडे कहते हैं कि "पूजा के सशक्तिकरण में डिजिटल दुनिया का भी महत्वपूर्ण रोल है। पहले मैं भी घर वालों के दबाव में मना करता था। लेकिन समय बीतने के साथ मुझे एहसास हुआ कि वह कोई गलत काम नहीं कर रही है बल्कि अपने हुनर से दुनिया को परिचित कराती है। वह सिलाई-कटाई में दक्ष है। जिसका उपयोग वह YouTube पर करती है। अब मैं उसे इस काम से नहीं रोकता हूँ।"
पूजा हमारे समाज की एक मिसाल है. जिसने अपने आप को उन सभी लोगों के बीच शामिल किया जो आज के समय डिजिटल साक्षर होकर अपने जीवन को एक नयी दिशा दे रहे हैं. यह पूजा की ही इकलौती कहानी नहीं हैं. ऐसी अनेकों कहानियां आज हमारे आसपास देखने को मिल जाएंगी. लेकिन इसके बावजूद एक हकीकत यह है कि भारत में महिला और पुरुष द्वारा मोबाइल फोन और इंटरनेट के उपयोग के मामले में एक बड़ा लैंगिक अंतर देखने को मिलता है. वैश्विक मोबाइल उद्योग संघ (जीएसएमए) द्वारा प्रकाशित मोबाइल लिंग अंतर रिपोर्ट 2022 में महिला और पुरुष के बीच मोबाइल और इंटरनेट के इस्तेमाल से संबंधित अलग अलग आंकड़े जारी किए हैं। रिपोर्ट के अनुसार भारत में 81 प्रतिशत पुरुषों और 70 प्रतिशत महिलाओं द्वारा मोबाइल फोन का इस्तेमाल किया जाता है, यानी 11 प्रतिशत का अंतर है, जबकि मोबाइल इंटरनेट के इस्तेमाल के मामले में यह अंतर और भी अधिक गहरा हो जाता है। रिपोर्ट के अनुसार जहां 52 प्रतिशत पुरुष मोबाइल पर इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं वहीं मात्र 31 प्रतिशत महिलाएं मोबाइल इंटरनेट की पहुंच रखती हैं।
इस अंतर का एक प्रमुख कारण महिलाओं और किशोरियों के पास डिजिटल साक्षरता तथा डिजिटल उपकरणों को इस्तेमाल करने की जानकारी नहीं होना है। जिसके कारण यह वर्ग डिजिटल डिवाइस के साथ सहज नहीं हैं। जबकि एक महिला के हाथ में स्मार्टफोन न केवल उसे और उसके परिवार को, बल्कि उसके पूरे समुदाय को शिक्षित और सशक्त बनाता है। डिजिटल उपकरणों का सही तरीके से उपयोग करके महिलाएं अपने अद्वितीय क्षमताओं को पहचान सकती हैं। यह हमें दिखाता है कि उत्साह, संघर्ष और उन्नति की दिशा में किसी भी स्थिति में सकारात्मक कदम उठाना संभव है। डिजिटल उपकरणों का सही तरीके से उपयोग किसी भी महिला को उसके सपनों की पूर्ति में सहायक हो सकता है। इसमें सोशल मीडिया एक शक्तिशाली साधन है जो उसे स्वतंत्रता और समृद्धि की ओर एक कदम बढ़ाने में सहायक सिद्ध हो सकता है।
महिला सशक्तीकरण के लिए अवसरों की विविधता प्रदान करता है डिजिटलीकरण
डिजिटलीकरण स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, सामाजिक सुरक्षा, वित्त, विकलांगता और आजीविका जैसे अधिकारों और लाभों तक पहुंच के माध्यम से समुदायों को सशक्त बनाने के लिए जानकारी प्रदान करता है और कल्याणकारी योजनाओं के वितरण की सुविधा प्रदान करता है। डिजिटल साक्षरता आज के समाज का एक अभिन्न अंग बन चुका है, जिसका महत्व भारत के साथ-साथ दुनिया का हर देश महसूस कर रहा है।
साक्षर होना तो हर किसी के लिए जरूरी है लेकिन वर्तमान में डिजिटल साक्षरता सामान्य साक्षरता से भी अधिक महत्वपूर्ण बन गया है क्योंकि आज दुनिया का हर एक व्यक्ति कहीं-न-कहीं किसी-न-किसी प्रकार से अगर एक दूसरे के संपर्क में है तो वह डिजिटल, तकनीकी विकास और इंटरनेट के कारण है।
अर्थव्यवस्था और रोजमर्रा की ज़िन्दगी में डिजिटल साक्षरता की भूमिका
डिजिटल साक्षरता (digital literacy) वर्तमान और भविष्य की बढ़ती अर्थव्यवस्था और रोजमर्रा की ज़िन्दगी में सबसे बड़ी भूमिका निभा रही है और निभाने वाली है। बहुत जल्द दुनिया पूरी तरह से डिजिटल पर आश्रित हो जाएगी, ऐसे में उसके सामने सबसे बड़ी चुनौती होगी डिजिटल साक्षरता। ऐसे में हमें इसकी महत्ता को समझना जरूरी है। इसे महिलाओं और किशोरियों तक आसान पहुंच बनाने का प्रयास करना चाहिए क्योंकि आधी आबादी को नज़रंदाज़ कर पूरी तरह से डिजिटल दुनिया की कल्पना असंभव है।
ज्योति
दिल्ली (चरखा फीचर)
यह आलेख संजॉय घोष मीडिया अवॉर्ड 2023 के तहत लिखा गया है।
(Article on Women becoming comfortable on Social Media by rural writer Jyoti from Delhi. This article has been written under the Sanjoy Ghose Media Awards 2023.)