योगी सरकार, मीडिया और आरएसएस तंत्र की कारस्तानी से मारा गया अतीक अहमद?
देश | राजनीति | समाचार किसकी कारस्तानी से मारा गया अतीक अहमद? योगी सरकार, मीडिया और आरएसएस तंत्र ने अतीक अहमद को पहले अपराधी से मुसलमान बनाया और फिर वो मारा गया.

किसकी कारस्तानी से मारा गया अतीक अहमद?
नई दिल्ली, 18 अप्रैल, 2023. उत्तर प्रदेश में पुलिस कस्टडी में मीडिया के कैमरों के सामने पूर्व सांसद अतीक अहमद का कत्ल देश-विदेश में चर्चा बना आ है। विपक्ष आरोप लगा है कि उत्तर प्रदेश में कानून का राज ध्वस्त हो गया है और जंगलराज आगया है। इस बीच वरिष्ठ पत्रकार प्रशांत टंडन के सिलसिलेवार ट्वीट सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं।
आइए देखते हैं क्या हैं वरिष्ठ पत्रकार प्रशांत टंडन के ट्वीट
“अतीक अहमद I: इलाहाबाद (प्रयागराज) में 90 के दशक में अखबार में रहा हूं और अतीक के कारनामों को छापा. उससे खटपट भी रही तब.
इस वक़्त कैमरों के सामने उसकी हत्या अपराधी होने की वजह से नहीं हुई.
योगी सरकार, मीडिया और आरएसएस तंत्र ने उसे पहले अपराधी से मुसलमान बनाया और फिर वो मारा गया.
अतीक अहमद II: अतीक और अशरफ़ को पुलिस कस्टडी में कैमरों के सामने जी श्रीराम के नारों के बीच गोलियों से भून देने की साजिश किसकी है ये तो ईमानदार जांच से ही सामने आयेगा लेकिन इस हत्याकांड के राजनीतिक मतलब निकाले जायेंगे.
योगी के राजनीतिक करियर पर प्रश्नचिन्ह लगायेगा ये हत्याकांड.
अतीक अहमद III: क्या योगी आदित्यनाथ बुलडोज़र, ठोक दो, 80-20 करके कभी दिल्ली आ पायेंगे?
जवाब है नहीं.
नरेंद्र मोदी को 2002 की परछाई से निकलने में 10 साल लगे. एप्को वर्ल्डवाइड जैसी इमेज बिल्डिंग कंपनी लगी, कॉर्पोरेट को तमाम छूट देकर दोस्ती की गई, गुजरात मॉडल की कहानी गढ़ी गई.
इमेज ठीक करने के लिये मोदी की विदेश यात्राएं कराई गईं, थिंक टैंक्स, प्रतिष्ठित संस्थानों में बुलवाया गया, मीडिया को साधा गया, पार्टी के अंदर मोदी विरोधियों को किनारे किया गया.
2002 से वोट मिले लेकिन दिल्ली का रास्ता बड़ी लाइन खींचने से साफ़ हुआ.
योगी आरएसएस के बाहर से हैं और ट्रैप में आ गये. यूपी में ध्रुवीकरण बीजेपी की जरूरत है, यूपी के बाहर उन्हे ध्रुवीकरण की राजनीति का ब्रांड एम्बेसडर बनाया गया. उनका रोल बस वहीं तक रहेगा.
अब आरएसएस को अंतर्राष्ट्रीय स्वीकृति चाहिये. योगी को आरएसएस ने इसके लिये तैयार ही नहीं किया.
अतीक अहमद IV: आरएसएस जितनी भी कोशिश कर ले कैमरों के सामने जय श्रीराम के नारों के साथ हुये इस हत्याकांड से पिंड नहीं छुड़ा पाएगी. राहुल गांधी ने आरएसएस की जो तस्वीर दुनिया को दिखाई है इस तरह की वारदातें उन्हे सही ही ठहराती हैं. 40 सेकेंड का वीडियो लंबे समय के लिये चिपक गया है.”
अतीक अहमद I: इलाहाबाद (प्रयागराज) में 90 के दशक में अखबार में रहा हूं और अतीक के कारनामों को छापा. उससे खटपट भी रही तब.
इस वक़्त कैमरों के सामने उसकी हत्या अपराधी होने की वजह से नहीं हुई.
योगी सरकार, मीडिया और आरएसएस तंत्र ने उसे पहले अपराधी से मुसलमान बनाया और फिर वो मारा गया.
— Prashant Tandon (@PrashantTandy) April 18, 2023
अतीक अहमद II: अतीक और अशरफ़ को पुलिस कस्टडी में कैमरों के सामने जी श्रीराम के नारों के बीच गोलियों से भून देने की साजिश किसकी है ये तो ईमानदार जांच से ही सामने आयेगा लेकिन इस हत्याकांड के राजतीतिक मतलब निकाले जायेंगे.
योगी के राजनीतिक करियर पर प्रश्नचिन्ह लगायेगा ये हत्याकांड.
— Prashant Tandon (@PrashantTandy) April 18, 2023
अतीक अहमद III: क्या योगी आदित्यनाथ बुलडोज़र, ठोक दो, 80-20 करके कभी दिल्ली आ पायेंगे?
जवाब है नहीं.
नरेंद्र मोदी को 2002 की परछाई से निकलने में 10 साल लगे. एप्को वर्ल्डवाइड जैसी इमेज बिल्डिंग कंपनी लगी, कॉर्पोरेट को तमाम छूट देकर दोस्ती की गई, गुजरात मॉडल की कहानी गढ़ी गई.
— Prashant Tandon (@PrashantTandy) April 18, 2023
योगी आरएसएस के बाहर से हैं और ट्रैप में आ गये. यूपी में ध्रुवीकरण बीजेपी की जरूरत है, यूपी के बाहर उन्हे ध्रुवीकरण की राजनीति का ब्रांड एम्बेसडर बनाया गया. उनका रोल बस वहीं तक रहेगा.
अब आरएसएस को अंतर्राष्ट्रीय स्वीकृति चाहिये. योगी को आरएसएस ने इसके लिये तैयार ही नहीं किया.
— Prashant Tandon (@PrashantTandy) April 18, 2023
अतीक अहमद IV: आरएसएस जितनी भी कोशिश कर ले कैमरों के सामने जय श्रीराम के नारों के साथ हुये इस हत्याकांड से पिंड नहीं छुड़ा पाएगी. राहुल गांधी ने आरएसएस की जो तस्वीर दुनिया को दिखाई है इस तरह की वारदातें उन्हे सही ही ठहराती हैं. 40 सेकेंड का वीडियो लंबे समय के लिये चिपक गया है.
— Prashant Tandon (@PrashantTandy) April 18, 2023
इस बयान को कौन गंभीरता से लगा? pic.twitter.com/i0j0h7YTBA
— Prashant Tandon (@PrashantTandy) April 18, 2023


