भाजपा बंदूक की नोंक पर लोगों को राष्ट्रगान के लिए खड़े होने पर मजबूर कर रही है: महबूबा मुफ़्ती

पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ़्ती ने भाजपा पर कश्मीरियों को "बंदूक की नोक पर" राष्ट्रगान के लिए खड़े होने पर मजबूर करने का आरोप लगाया और हाल ही में पुलिस द्वारा की गई हिरासत को सरकार की विफलता बताया। उन्होंने इसकी तुलना पहले स्वैच्छिक सम्मान से की। मुफ़्ती ने अधिकारियों से श्रीनगर के सार्वजनिक खेल मैदानों को संरक्षित करने की भी अपील की और चेतावनी दी कि उनका धर्म परिवर्तन युवाओं को गुमराह कर सकता है और दुर्भावना को बढ़ावा दे सकता है।

कुछ चित्र पोस्ट करते हुए महबूबा ने एक्स पर लिखा-

"आज मैं चट्टबाल में टैबेला ग्राउंड और बाग़ात बरज़ुल्ला में MET ग्राउंड गई। स्थानीय निवासियों, खासकर युवाओं में यह चिंता बढ़ रही है कि खेल और मनोरंजन गतिविधियों के लिए इस्तेमाल होने वाले ये ज़रूरी खुले मैदान सेना या पुलिस के कब्ज़े में न चले जाएं। इससे उन्हें स्वस्थ गतिविधियों और समुदाय के साथ बातचीत के लिए उपलब्ध कुछ ही सार्वजनिक जगहों में से एक जगह से वंचित होना पड़ेगा।

मैं सेना और पुलिस अधिकारियों से इस तरह के किसी भी कदम पर दोबारा विचार करने का आग्रह करती हूं। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि जेनरेशन Z को हाशिए पर न धकेला जाए, ऐसा करने से लंबे समय में गंभीर परिणाम हो सकते हैं। इन जगहों को आम लोगों के इस्तेमाल के लिए बचाना सिर्फ़ ज़मीन का मामला नहीं है, बल्कि यह हमारे युवाओं की उम्मीद, अवसर और जुड़ाव की भावना की रक्षा करने का भी मामला है।"