can shoe bites cause sepsis?

नई दिल्ली, 17 सितंबर। क्या जूते का काटना भी खतरनाक सेप्सिस या सेप्टिसीमिया का कारण हो सकता है ? जी हाँ ऐसा हो सकता है ! द डेली मेल की एक खबर Girl, four, catches life-threatening sepsis from trying on new SHOES in a shop while barefoot के मुताबिक एक चार साल की लड़की को सेप्सिस हो गया जब वह कार्डिफ़ में एक दुकान पर बिना मोजे पहने जूते पहन-पहनकर देख रही थी।

शॉपिंग करने के एक दिन बाद तकलीफ बढ़ने पर छोटी बच्ची को अस्पलाल में भर्ती कराया गया जहां डॉक्टरों ने उसमें सेप्सिस की पहचान की।

छोटी बच्ची ने अस्पताल में 5 दिन गुजारे।

डॉक्टर ने संक्रमण को देखते ही एक पेन से संक्रमण के स्थान पर लाइन खींचकर घेरा बना दिया, जहां से संक्रमण फैल रहा था।

द डेली मेल की एक खबर में कहा गया है कि एबरफ़ान, दक्षिण वेल्स के एमएस थॉमस ने कहा: 'अगले दिन तक वह अपना पैर फैला रही थी और उसका बुखार बढ़ रहा था।"

ख़बर के मुताबिक यूके सेपसिस ट्रस्ट के चीफ एक्जीक्यूटिव डॉ. रॉन डेनियल ने कहा कि इस डरावने मामले से हम देख सकते हैं कि सेप्सिस अंधाधुंध रूप से हमला करता है और किसी भी समय किसी को भी प्रभावित कर सकता है।

विश्व की सर्वाधिक मृ्त्यु का कारण बनने वाली बीमारी सेप्सिस के विशेषज्ञ डॉ. डेनियल ने कहा कि संभवतः पीड़ित बच्ची के पैर की त्वचा में एक "ब्रीच" (breach) था या जूते के कायने से हुआ।

डॉ. डेनियल ने आगे कहा कि अगर कभी भी इन्फेक्शन के चिन्ह दिखाई दें तो लोगों को तत्काल ध्यान देना चाहिए और पूछना चाहिे क्या यह सेप्सिस है ?

उन्होंने कहा कि 'बेहतर जागरूकता हर साल हजारों लोगों को बचा सकती है।'

द यूके सेप्सिस ट्रस्ट के मुताबिक सेप्सिस (रक्त विषाक्तता के रूप में भी जाना जाता है) एक संक्रमण या चोट के लिए प्रतिरक्षा प्रणाली की अतिसंवेदनशीलता है। आम तौर पर हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली (इम्यून सिस्टम) संक्रमण (Infection) से लड़ती है, लेकिन कभी-कभी, कई ऐसे कारणों से जो अभी भी समझे नहीं जा सके हैं, ये हमारे शरीर के ऊतकों और अंगों पर आक्रमण करती है। यदि इसका तुरंत इलाज न कराया जाए तो सेप्सिस के कारण अंग काम करना बंद कर सकते हैं और मृत्यु भी हो सकती है। लेकिन समय रहते इसके पहचान होने पर एंटीबायोटिक्स से इसका इलाज संभव है।

सेप्सिस के लक्षण

द यूके सेप्सिस ट्रस्ट के मुताबिक सेप्सिस प्रारंभ में फ्लू, गैस्ट्रोएंटेरिटिस या छाती के संक्रमण की तरह दिख सकता है। इसका कोई भी एक संकेत नहीं है, और वयस्कों और बच्चों के में इसके अलग-अलग लक्षण पाए जाते हैं।

(नोट – यह समाचार चिकित्सकीय परामर्श नहीं है, यह आम जनता में जागरुकता के उद्देश्य से किए गए अध्ययन का सार है। आप इसके आधार पर कोई निर्णय न लें, चिकित्सक से परामर्श करें।)

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