एल एस हरदेनिया के विषय में जानकारी एल.एस. हरदेनिया भारतीय पत्रकारिता के परंपरागत-स्वतंत्र दौर के जीवंत उदाहरण हैं। उनका लेखन नीति-आधारित, तथ्यप्रधान और संवेदनशील दृष्टिकोण का उत्तम मिश्रण है। धर्मनिरपेक्षता, सामाजिक न्याय और पत्रकारिता की आज़ादी पर वे मजबूत और स्पष्ट आवाज बने हुए हैं। वरिष्ठ पत्रकार, सामाजिक चिंतक और राष्ट्रीय धर्मनिरपेक्षता मंच के संयोजक एल.एस. हरदेनिया (L. S. Hardenia) धर्मनिरपेक्षता, सामाजिक न्याय और मानवाधिकारों के मामलों में सक्रिय भूमिका निभाते रहे हैं। वे राष्ट्रीय धर्मनिरपेक्षता मंच (National Secular Forum) के संयोजक भी हैं। वे दैनिक स्तंभ एवं विश्लेषण लिखते हैं—जिनमें संयुक्त राष्ट्र की भूमिका, देश की सामाजिक-राजनीतिक स्थिति, कश्मीर और उत्तर प्रदेश में दलित हिंसा जैसे विषय प्रमुख हैं। एल.एस. हरदेनिया का लेख संग्रह The Truth of Communal Violence (सम्प्रदायिक दंगों का सच) प्रकाशित है, जिसमें उन्होंने ज्यादातर दंगों पर शोध-आधारित, तथ्यप्रधान विश्लेषण प्रस्तुत किया है। उन्होंने National Secular Forum के साथ कई कार्यक्रमों में भाषण दिए—जिनमें गौहाटी में आयोजित कार्यक्रम और बाबतपुर आदि शामिल हैं, जहाँ उन्होंने साम्प्रदायिकता विरोध और सामाजिक सद्भाव पर बल दिया। हरदेनिया का पत्रकारिता दृष्टिकोण धर्मनिरपेक्ष, स्वतंत्र और जनपक्षधर है। उन्होंने पत्रकारिता में सरकारी पुरस्कारों की आलोचना की —‘क्या सरकार द्वारा पत्रकारों को पुरस्कृत करना उचित है?’ जैसे विश्लेषणात्मक लेख में उन्होंने पत्रकारों की आज़ादी पर सवाल खड़े किए। वे भारत में दलित छात्रों की आत्महत्या, शिक्षा में भेदभाव जैसा संवेदनशील मुद्दा भी उठाते रहे हैं।