कर्नाटक में ‘वोट फ्रॉड’ बवाल – राहुल के आरोप, सीएम के आदेश

लोकसभा चुनावों में गड़बड़ी के आरोपों की जांच होगी तेज

कर्नाटक सीएम सिद्धारमैया ने लोकसभा चुनावों में कथित ‘वोट फ्रॉड’ पर कानून विभाग से जांच के आदेश दिए। राहुल गांधी के आरोपों पर बड़ा बयान...

नई दिल्ली, 10 अगस्त 2025. महाराष्ट्र और कर्नाटक की राजनीति के बीच अब कर्नाटक में एक नया विवाद गहराता जा रहा है।

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने शनिवार (9 अगस्त 2025) को कहा कि 2024 के लोकसभा चुनावों में कथित ‘वोट फ्रॉड’ की जांच कानून विभाग द्वारा कराई जाएगी।

मीडिया से बात करते हुए सिद्धारमैया ने स्पष्ट किया कि कानून विभाग की सिफारिशों के आधार पर जो भी कानूनी और प्रशासनिक कदम संभव होंगे, वे उठाए जाएंगे।

राहुल गांधी के गंभीर आरोप – ‘महादेवपुरा में 1 लाख से ज्यादा फर्जी वोट’

कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कुछ दिन पहले आरोप लगाया था कि बेंगलुरु के महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र में 1,00,250 फर्जी वोट बनाए गए, जिससे भाजपा को जीतने में मदद मिली।

यह दावा उन्होंने आधिकारिक रिकॉर्ड और दस्तावेजों के हवाले से किया था। राहुल ने कहा था कि यह सिर्फ महादेवपुरा तक सीमित नहीं है, बल्कि कई अन्य क्षेत्रों में भी चुनावी गड़बड़ी हुई है।

इन आरोपों का समर्थन करते हुए सिद्धारमैया ने कहा –

“राहुल गांधी ने जो तथ्य और दस्तावेज सामने रखे हैं, वे चुनाव आयोग के पास भी मौजूद हैं। हमने आंतरिक सर्वे में 16 सीटों की उम्मीद की थी, लेकिन हमें सिर्फ 9 सीटें मिलीं। irregularities का पता अध्ययन के बाद चला।”

सिद्धारमैया ने सवाल उठाया –

“एक ही कमरे में 80 लोग कैसे रह सकते हैं? यह वोटर लिस्ट में गंभीर गड़बड़ी का संकेत है।”

बीबीएमपी चुनाव से पहले होगी रिपोर्ट पेश

मुख्यमंत्री ने संकेत दिया कि इस मामले में एडवोकेट जनरल को तुरंत जांच पूरी करने और रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए जाएंगे।

उनका लक्ष्य है कि बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका (BBMP) चुनाव से पहले यह मुद्दा स्पष्ट हो जाए और चुनावी पारदर्शिता को लेकर जनता में भरोसा बहाल हो।

भाजपा का पलटवार – ‘देर से क्यों जागी कांग्रेस?’

भाजपा ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि पार्टी अब चुनाव हारने के बाद मुद्दा उठा रही है। सिद्धारमैया ने इस पर पलटवार किया –

“हम लंबे समय से कह रहे हैं कि चुनावों में हेरफेर हो रही है। मतदाता सूची और ईवीएम में गड़बड़ियां होती हैं। राहुल गांधी ने जो सबूत पेश किए हैं, वे सच हैं और सार्वजनिक हित में हैं।”

न्यायपालिका के हस्तक्षेप पर चुप्पी

जब पत्रकारों ने पूछा कि क्या न्यायपालिका को इस मामले में स्वतः संज्ञान (सुओ मोटो) लेना चाहिए, तो मुख्यमंत्री सीधा जवाब देने से बचे।

हालांकि, उन्होंने यह जरूर दोहराया कि कांग्रेस लंबे समय से चुनावी प्रक्रिया में गड़बड़ियों की बात करती रही है और अब सबूत भी सामने आ चुके हैं।

राजनीतिक पृष्ठभूमि और संभावित असर

कर्नाटक की राजनीति में यह मुद्दा 2024 लोकसभा चुनाव के बाद से लगातार गूंज रहा है।

यदि जांच में राहुल गांधी के आरोप सच साबित होते हैं, तो इसका असर न केवल बीबीएमपी चुनाव बल्कि 2028 के विधानसभा चुनावों पर भी पड़ सकता है।

भाजपा के लिए यह आरोप राजनीतिक चुनौती है, जबकि कांग्रेस इसे अपने पक्ष में माहौल बनाने का मौका मान रही है।

कथित ‘वोट फ्रॉड’ का मामला अब केवल एक चुनावी बहस नहीं, बल्कि कानूनी और संवैधानिक जांच का विषय बन चुका है। आने वाले हफ्तों में कानून विभाग की रिपोर्ट और राजनीतिक प्रतिक्रियाएं इस मुद्दे की दिशा तय करेंगी।