दक्षिण अमेरिका में रिकॉर्ड तोड़ सर्दी: चिली और अर्जेंटीना में हड्डियाँ कंपा देने वाली ठंड
South America experiences a cold so intense, it chills you to the bone. दक्षिण अमेरिका के कई हिस्सों में जून-जुलाई 2025 के दौरान असामान्य रूप से भयंकर सर्दी पड़ रही है

यूरोप में लू, दक्षिण अमेरिका में कड़ाके की सर्दी
-
- WMO की चेतावनी और ध्रुवीय उच्च-दाब प्रणाली का असर
- अर्जेंटीना और चिली में जीवन पर पड़ा असर
- बर्फ़बारी ने तोड़े रिकॉर्ड, मरुस्थल तक बर्फ़ से ढका
- जलवायु परिवर्तन के स्पष्ट संकेत
- प्राकृतिक गैस की कमी और व्यापार पर असर
- कृषि क्षेत्र पर पड़ी ठंड की मार
दक्षिण अमेरिका के कई हिस्सों में जून-जुलाई 2025 के दौरान असामान्य रूप से भयंकर सर्दी पड़ रही है। चिली और अर्जेंटीना जैसे देशों में तापमान -15°C तक गिर गया है। संयुक्त राष्ट्र समाचार की इस खबर से जानिए इस ध्रुवीय शीत लहर के पीछे का कारण और इसके सामाजिक-आर्थिक असर।
दक्षिण अमेरिका में, हड्डियों तक में सिहरन पैदा करने वाली सर्दी
3 जुलाई 2025 जलवायु और पर्यावरण
जहाँ एक तरफ़ यूरोप और दक्षिण एशिया के कई देश भीषण गर्मी की चपेट में हैं, ऐसे में दक्षिण अमेरिका के कुछ हिस्सों में मौसम ने उलटी करवट ली है. चिले और अर्जेंटीना जैसे देशों में कड़ाके की सर्दी ने दस्तक दी है, और ठिठुरन इस क़दर बढ़ गई है कि लोगों की हड्डियाँ तक काँप उठी हैं.
विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) की नवीनतम रिपोर्ट के मुताबिक़, दक्षिण अमेरिका के निचले इलाक़ों में तापमान शून्य से 15 डिग्री सेल्सियस नीचे तक गिर गया है, जो इस मौसम में एक दुर्लभ ध्रुवीय शीत लहर का संकेत है.
एक तरफ़ तो दुनिया के कई हिस्से लू और सूखे से जूझ रहे हैं, वहीं दक्षिण अमेरिका के कुछ इलाक़ों में, इस विपरीत मौसम का यह रुख़ वैज्ञानिकों के लिए भी एक नई चुनौती बनकर उभरा है.
चिले और अर्जेंटीना 30 जून को, ध्रुवीय क्षेत्रों से बाहर, पृथ्वी के सबसे ठंडे स्थानों में शामिल रहे.
WMO के अनुसार, दोनों देशों की सरकारों ने इस अत्यधिक ठंड की स्थिति के पीछे मौजूद "ध्रुवीय मूल के उच्च-दाब क्षेत्र" (polar-origin anticyclone) को देखते हुए पहले से ही चेतावनियाँ जारी की थीं.
झुलसता यूरोप, ठिठुरता दक्षिणी अमेरिका
दक्षिण अमेरिका में ठंड की यह लहर उस समय आई है, जब उत्तरी गोलार्द्ध, विशेष रूप से यूरोप, भीषण गर्मी से झुलस रहा है.
यह स्थिति न केवल लोगों की जान को जोखिम में डाल रही है, बल्कि यह इस बात को और भी स्पष्ट करती है कि जलवायु परिवर्तन के प्रभाव किस तरह से और अधिक गम्भीर होते जा रहे हैं.
अर्जेंटीना के मार डेल प्लाटा शहर में आमतौर पर सर्दियाँ ज़्यादा ठंडी नहीं होतीं और तापमान मुश्किल से शून्य के नीचे जाता है. लेकिन, इस बार पड़ी ज़बरदस्त ठंड की वजह से वहाँ हीटर चलाने में इस्तेमाल होने वाली प्राकृतिक गैस की आपूर्ति पर असर पड़ा है.
शहर में मौजूद एक यूएन कर्मचारी ने बताया कि गैस की बचत करने के लिए वहाँ कारोबारियों से कहा गया है कि वे अपनी दुकानें बन्द रखें, ताकि घरों में गर्मी बनाए रखने के लिए गैस की आपूर्ति बनी रहे.
स्कूल व सरकारी इमारतें भी गुरुवार को बन्द कर दिए गए, और शुक्रवार को भी बन्द रहने का अन्देशा है.
तोड़ डाले रिकॉर्ड
अर्जेंटीना के मध्य और दक्षिण इलाक़ों में तापमान सामान्य से 10 से 15 डिग्री सेल्सियस तक कम दर्ज किया गया है.
26 जून से शुरू हुई इस असामान्य ठंड की लहर ने, 30 जून को चरम सीमा पर पहुँचते हुए, दक्षिण अमेरिका के कई हिस्सों में रिकॉर्ड तोड़ न्यूनतम तापमान दर्ज किए.
WMO ने बताया कि एंडीज़ पर्वत और पटागोनिया जैसे ठंडे इलाक़ों में सर्दियाँ आम हैं, लेकिन इस बार की ठंड की तीव्रता असाधारण थी और इसका असर यहाँ तक कि निचले क्षेत्रों तक भी पड़ा.
उच्च-दाब वाली स्थिति के कारण मौसम स्थिर रहा, जिससे साफ़ आसमान और भारी ठंड के साथ जमी बर्फ़बारी हुई.
मरुस्थल में गिरी बर्फ़
चिले के सैंटियागो, रानकागुआ और टाल्का जैसे शहरों में ठंडी हवा के जम जाने से प्रदूषण बढ़ा और वायु गुणवत्ता ख़राब हुई.
अचरज की बात ये रही कि पृथ्वी के सबसे सूखे इलाके़, अटाकामा मरुस्थल पर दशकों बाद पहली बार बर्फ़ गिरी.
इसके अलावा मार डेल प्लाटा, कॉर्डोबा के कालामुचिता घाटी और उत्तर पटागोनिया के पहाड़ी इलाक़ों में भी बर्फ़बारी हुई, जो सामान्य रूप से इस तरह की जगहों पर नहीं होती.
इस भीषण ठंड का सामाजिक और आर्थिक असर दूरगामी हो रहा है. चिले के मध्य क्षेत्र और उत्तर पटागोनिया के किसानों ने शुरुआती कड़क ठंड की वजह से फ़सलों को नुक़सान पहुँचने की बात कही है.
भविष्य के लिए जलवायु वैज्ञानिकों की चेतावनी