काला धन सफ़ेद करने के लिए सरकार ने लिया काली कंपनी का सहारा !
विक्की कुमार

काला धन उजागर करने के लिए हमारे देश में नोटबंदी के बाद चलाये गए 2000 के नए नोट मार्केट में आने से पहले ही काले (भ्रष्टाचार में लिप्त) हैं।
आपको आश्चर्य हुआ न।
लग रहा होगा यह क्या अनाप - शनाप बोल रहा है।
ठहरिये- ठहरिये आपको सब समझाते हैं।
बात दरअसल यह है कि भारत के प्रधानमंत्री ने 8 नवंबर की संध्या देश के नाम अपने संबोधन में कुछ ऐसा कह डाला था जिसके कारण तब से लेकर अब तक लोग प्रभावित हैं और शायद आगे भी कई महीनों तक प्रभावित ही रहेंगे। क्योंकि हमारे पीएम ने अचानक देश में चल रहे 500 एवं 1000 के पुराने नोटों को बंद करने का ऐलान कर दिया।

लोग समझ नहीं पा रहे थे कि यह कैसे हो सकता है ? किंतु यह हो चुका था।
ऐलान के अगले दिन से बैंकों में लंबी - लंबी लाइनें लगना शुरू हो गईं।
हर कोई अपने घरों में जमा 500 और 1000 के पुराने नोटों को लेकर बैंक की तरफ भाग रहा था या कहे अब भी भाग ही रहा है।
भागने के क्रम में अब तक लगभग 80 लोगों की मौत हो चुकी है। देश के कई इलाकों में बैंकों के साथ छोटे-मोटे झगड़े आम हो गए हैं।
कहीं-कहीं तो बैंकों के बाहर खड़े लोगों पर पुलिस द्वारा लाठियां भी बरसाई गईं। यहाँ तक कि पैसों की किल्लत के चलते कई शादियां टूटने लगी हैं या फिर उनकी शादी की डेट आगे बढ़ा दी गई है।

इन सब तकलीफों को जानकर हमारे प्रधानमंत्री ने लोगों से आग्रह किया कि देश को काले धन से स्वच्छ करने के लिए लोग उनका साथ अगले 50 दिनों तक दें।
ऐसा नहीं कि हमारे पीएम ने लोगों की सुविधा के लिए कुछ नहीं किया। बैंकों को रविवार के दिन की छुट्टी रद्द कर दी। शादी वाले घरो में शादी के लिए अपने बैंक खाते से 2.5 लाख बैंकों से निकालने की छूट दी। पुराने नोट को नए नोट में बदलने की एक सीमित छूट दी।
लेकिन यह क्या प्रधानमंत्री जी आपने देश को कालेधन से स्वच्छ करने के उद्देश्य से पुराने 500 और 1000 के नोट को बंद कर नए 500 और 2000 के नोट को लोगों के समक्ष पहुंचाया वह तो पहले से ही काला निकाला। देखें इंडियन एक्सप्रेस की खबर http://indianexpress.com/article/india/india-news-india/panama-papers-currency-maker-offered-payoff-for-its-india-deal/

अर्थात् 2000 के नए नोट का कागज जिस कंपनी से आया है, उसने आरबीआई से ठेका लेने के लिए एक भारतीय एजेंट को 15 प्रतिशत का कमीशन खिलाया था।
https://sabrangindia.in/article/are-our-currency-notes-being-printed-companies-earlier-blacklisted-printing-counterfeit
साथ ही आपको मालूम होना चाहिए कि नकली नोट छापने में शामिल होने के कारण भारत सरकार ने 2011 में ब्रिटेन की उस कंपनी को ब्लैक लिस्ट कर दिया था। लेकिन आपने पुनः पहले से भ्रष्ट उसी कंपनी को 2000 के नए नोट के कागज के लिए ठेका दे डाला। क्यों? क्यों? क्यों?
ज्ञात हो आपने नोटबंदी को सही ठहराते हुए यह भी कहा है कि देश में बहुत बड़ी मात्रा में नकली नोट चलन में आ गए हैं जिसका आतंकी संगठन फायदा उठाते हैं। लेकिन आपने उसी नकली नोट छापने वाली दोषी कंपनी को पुनः ठेका दे डाला। http://www.indiainvestmentjournal.indiaincorporated.com/giving-make-india-currency-succeed/
क्यों? अगर आपने जवाब नहीं दिया तो ऐसे हम कह सकते हैं कि काला धन सफ़ेद करने के लिए आपने लिया काली कंपनी का सहारा।