चर्च पर हमला : माकपा ने की हमलावरों के साथ प्रशासनिक सांठगांठ की निंदा
चर्च पर हमला : माकपा ने की हमलावरों के साथ प्रशासनिक सांठगांठ की निंदा
रायपुर. मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने बालोद जिले के दल्ली-राजहरा में पिछले माह विश्व हिन्दू परिषद् और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं द्वारा न्यू इंडिया चर्च ऑफ़ गॉड से संबंद्ध चर्च, पास्टर जैकब जोसेफ, उनकी पत्नी और अन्य महिला श्रद्धालुओं पर हमले करने तथा हमलावरों के साथ प्रशासन के अधिकारियों के सांठगांठ की तीखी निंदा की है तथा हमलावर आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार करने की मांग की है.
आज यहां जारी एक बयान में माकपा राज्य सचिव संजय पराते ने बताया कि इस दुर्भाग्यजनक घटना के एक माह बाद भी आज तक प्रशासन ने हमलावरों के खिलाफ कोई एफआईआर तक दर्ज नहीं की है और न ही किसी प्रकार की पूछताछ की गई है, जबकि चर्च में साप्ताहिक प्रार्थना सभा पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है. उन्होंने आरोप लगाया है कि इन हमलावरों में प्रशासन द्वारा गठित महिला कमांडो भी शामिल थी, जिन्होंने उस समय चर्च में उपस्थित कुछ महिला श्रद्धालुओं को अर्धनग्न कर मारपीट की, इसके बावजूद पास्टर पर दबाव डालकर हमलावरों का नाम लिखित शिकायत से कटवाया गया है.
अपनी छानबीन में माकपा ने पाया है कि यह हमला उस समय किया गया है, जब पास्टर द्वारा प्रशासन से प्रार्थना सभा संचालित करने की लिखित अनुमति प्राप्त थी. पार्टी ने आरोपों लगाया है कि बालोद प्रशासन संघी गिरोह के ईशारे पर चल रहा है तथा पुलिस से लेकर एसडीएम और कलेक्टर तक की भूमिका संदेहास्पद है, जो पूरे मामले को रफा-दफा करने की कोशिश कर रहा है तथा आम जनता व अल्पसंख्यकों के लोकतांत्रिक अधिकारों को ही कुचलने पर आमादा है.
माकपा नेता ने कहा कि पिछले कई माह से संघी गिरोह द्वारा दल्ली-राजहरा की शांति और सांप्रदायिक सौहार्द्र में सेंध लगाने की कोशिश की जा रही है और चर्च व पास्टर पर किया गया हमला इसी की एक कड़ी है. ‘हिन्दुत्व’ के नाम पर लोगों का जमावड़ा करना तथा धर्मांतरण का आरोप लगाकर अल्पसंख्यक समुदाय पर हमला कर उन्हें आतंकित करना इनका जाना-पहचाना खेल हो गया है.
माकपा ने तमाम दस्तावेजों और सबूतों के आधार पर मानवाधिकार आयोग और अल्पसंख्यक आयोग से मांग की है कि इस मामले में सकारात्मक हस्तक्षेप करें, ताकि प्रशासन को हमलावरों के खिलाफ कार्यवाही करने के लिए बाध्य किया जा सके. माकपा ने सभी धर्मनिरपेक्ष-जनवादी ताकतों को इस घटना के खिलाफ लामबंद करने के लिए व्यापक अभियान चलाने का भी निर्णय लिया है.


