दलित विरोधी है अखिलेश सरकार - दारापुरी
दलित विरोधी है अखिलेश सरकार - दारापुरी
दलित अधिकारीयों/कर्मचारियों की पदावनति के विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट जायेगा आइपीएफ
लखनऊ 26 जुलाई, 2015: उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा आरक्षण और परिणामी ज्येष्ठता के आधार पर सभी विभागों में पदोन्नति पाए दलित अधिकारियों और कर्मचारियों को पदावनत करने के फैसले पर आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट (आइपीएफ) के राष्ट्रीय प्रवक्ता व पूर्व आई.जी. एस.आर. दारापुरी ने गहरा दुःख व्यक्त किया है.
एक बयान में एस.आर. दारापुरी ने कहा कि दरअसल सुप्रीम कोर्ट में अखिलेश और मायावती दोनों की सरकारों की लचर पैरवी के कारण पदावनत होने की स्थिति बनी है. केंद्र की मोदी सरकार भी पूर्ववर्ती मनमोहन सरकार की तरह ही इस सम्बन्ध में संसद में लंबित विधेयक को पारित नहीं करा रही है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का बहाना बना कर अखिलेश सरकार पूरे तौर पर दलित विरोधी कार्वाहियाँ कर रही है. यह सर्वविदित है कि सुप्रीम कोर्ट के नागराज केस में आये निर्णय में यह कहा गया था कि सरकार जिन दलित जातियों को पदोन्नति में आरक्षण का लाभ देना चाहती है उस के लिए सरकार उनके सामाजिक-शैक्षिक पिछड़ेपन, सरकारी नौकरियों में वर्तमान प्रतिनिधित्व तथा इसका कुशलता पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में आंकड़े प्रस्तुत करे, जिसे न तो उत्तर प्रदेश में दलितों की तथाकथित रहनुमा बनने वाली मायावती और न ही अखिलेश सरकार समेत राष्ट्रीय स्तर पर मोदी और मनमोहन सरकार ने किया. इस के फलस्वरूप लगभग प्रदेश में 5000 दलित अधिकारी/कर्मचारी प्रभावित होंगे.
श्री दारापुरी ने कहा कि आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट (आइपीएफ) दलितों के हितों की रक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट में जायेगा और शीघ्र ही प्रदेश स्तरीय सम्मलेन आयोजित करेगा जिसमें इस सम्बन्ध में संसद में लंबित बिल को पारित कराने के लिए आन्दोलन की रणनीति तय की जाएगी.


