शिक्षा मित्रों ने सरकारी नीतियों का किया वृहद श्राद्ध कर्म
शिक्षा मित्रों ने सरकारी नीतियों का किया वृहद श्राद्ध कर्म
शिक्षा मित्रों ने सरकारी नीतियों का किया वृहद् श्राद्ध कर्म
सरकारी नीतियों के विरोध में शिक्षा मित्र चलाएंगे जनजागृति अभियान
लखनऊ 9 अक्टूबर। आम शिक्षक शिक्षा मित्र एसोसिएशन उत्तर प्रदेश की प्रदेश अध्यक्ष उमा देवी ने कहा है कि प्रदेश सरकार 806 शिक्षा मित्रों के निधन के बाद भी नहीं चेत रही है। अपने हक के लिए वह खुद 18 मई से ईको गार्डन में धरना प्रदर्शन कर रही हैं पर शिक्षा मित्रों की लगातार उपेक्षा हो रही है। इसलिए अब वह लोक सभा चुनाव के मद्देनजर पूरे प्रदेश में प्रदेश सरकार की गलत नीतियों के संदर्भ में जनजागृति अभियान का का संचालन करने जा रही हैं।
पितृपक्ष में रविवार को सरकारी नीतियों के विरोध में वृहद श्राद्ध कर्म किया गया।
उमा देवी ने एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि चूंकि 25 जुलाई को शिक्षा मित्रों ने सामूहिक मुंडन करवाया था, इसलिए उसी तिथि का पालन करते हुए पितृपक्ष में रविवार को श्राद्धकर्म करवाया गया। दरअसल 25 जुलाई 2017 को ही समायोजन रद्द किया गया था। प्रदर्शनकारियों की मांग है कि आईटीई एक्ट 2009 के तहत 124,000 पैरा टीचर को अपग्रेड करते हुए शिक्षा अधिकार अधिनियम कानून के तहत पूर्ण शिक्षक का दर्जा एवं उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा नियमावली के अनुसार पूर्णशिक्षक का वेतनमान दिया जाये। जो शिक्षा मित्र आरटीई एक्ट 2009 में किसी विधिक पहलू के कारण नहीं समाहित हो सकते हैं उन्हें भारत के राजपत्र 2017 के अनुसार सहायक अध्यापक पद पर रखते हुए चार वर्ष में उत्तराखंड की तर्ज पर टेट उत्तीर्ण करने की छूट प्रदान की जाये। जो शिक्षामित्र टेट उत्तीण हैं उनको बिना लिखित परीक्षा उम्र और अनुभव का भरांक देकर नियमित किया जाये। बिहार मॉडल के तर्ज पर असमायोजित शिक्षा मित्रों को समान कार्य समान वेतन के आधार पर 12 माह 62 वर्ष सेवा का अवसर दिया जाये। मृतक 806 शिक्षा मित्रों के परिवार को उचित मुआवजा और आर्थिक सुरक्षा के लिए परिवार के किसी एक सदस्य को उसकी योग्यता के अनुसार नौकरी दी जाए।
उमा देवी ने कहा कि अगर समयबद्ध निस्तारण नहीं किया गया तो आन्दोलन को वृहद किया जाएगा।
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