नई दिल्ली। जैसे अडानी ने मोदी के चुनाव अभियान के पुष्पक रथ का इंतजाम करके भारत के सारे बंदरहगाह अपने नाम लिखा लिये हैं और बेदखली की बारी है, वैसे ही अच्छे दिन बहुरे हैं रिलायंस के जिनके मालिक मुकेश अंबानी और उनके भाई ने सबसे पहले वायब्रेंट गुजरात के मौके से अमेरिका के खारिज करने से पहले मनमोहन को खारिज करके नरेंद्र भाई मोदी की ताजपोशी की शुरुआत की थी। रिलायंस ने गुजरात के अबकी दफा वायब्रेंट महफिल में डेढ़ करोड़ के निवेश का एलान किया है। डालरों की बरसात होने लगी है। तो भागवत भारत सरकार को इजराइल की राह चलने का सबक पढ़ा रहे हैं। शत प्रतिशत हिंदुत्व के एजेंडे का अनुमोदन करते हुए शाही राजकाज की शपथ लेकर भ्रष्टाचार विरोधी किरण बेदी दिल्ली की मुख्यमंत्री बनने को तैयार हैं।
कैश सब्सिडी से जो बांसों उछल रहे हैं कि खाते में आ गयी रे नकदी, उनकी जानकारी के लिए सब्सिडी की वजह से जो रिलायंस समूहे के पेट्टोल पंप देश भर में बंद पड़े पड़े जंग खाने लगे थे, वे वैश्विक बाजारों में तेल की कीमतें घटने के बहने अपने सारे पंप खोल रहे हैं। बीस फीसद खुल भी गये हैं। डीजल कीमतों को नियंत्रणमुक्त किए जाने से उत्साहित रिलायंस इंडस्ट्रीज ने अपने बंद पेट्रोल पंपों को फिर खोलना शुरू कर दिया है। कंपनी ने अपने 1,400 बंद पेट्रोल पंपों में से 20 प्रतिशत शुरू कर दिए है, शेष को भी वह एक साल के भीतर चालू करेगी। इसी के मध्य उच्चतम न्यायालय ने मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज को नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की अंतिम रिपोर्ट पर जवाब देने के लिए छह सप्ताह का समय दिया है। कैग ने कृष्णा गोदावरी बेसिन में डी 6 कुओं की खुदाई के लिए कॉन्ट्रैक्टरों को किए गए भुगतान में अनियमितताएं पाई हैं। शीर्ष अदालत ने इस मामले की सुनवाई की अगली तारीख 20 मार्च तय की है। इस दौरान न्यायालय कैग की रिपोर्ट पर रिलायंस के जवाब की समीक्षा करेगा। कैग ने अपनी रिपोर्ट में रिलायंस इंडस्ट्रीज को कुओं की खुदाई व केजी-डी 6 में कॉन्ट्रैक्टरों को किए गए भुगतान के 35.71 करोड़ डॉलर यानी लगभग 2,179 करोड़ रुपये के अनियमितताएं पायी हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पेट्रोल पंप नये सिरे से रिलायंस तब खोल रहा है जबकि रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) का संचयी शुद्ध मुनाफा चालू वित्त वर्ष की दिसंबर तिमाही में 4.5 फीसदी घटकर 5256 करोड़ रुपये रहा। पिछली तिमाही में कंपनी को 5,502 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था। एकल आधार पर कंपनी का शुद्ध मुनाफा 7.72 फीसदी घटकर 5085 करोड़ रुपये रहा। कंपनी के मुनाफे में तिमाही और सालाना दोनों आधार पर गिरावट आई है।
मोदी के एकल चुनाव प्रचार में सात सौ करोड़ खपाने की खबर आयी है, तो खर्च जाहिर है कई गुणा ज्यादा है क्योंकि मोदी निरंतर प्रचार अभियान पर है और पूरा भारत जीते बिना उनका प्रचार खत्म नहीं होने जा रहा है। जीत लेंगे तो हिंदुत्व का राजकाज कायम रखने के लिए फिर होगा लगातार प्रचार।
कारपोरेट वकील जेटली ने कह ही दिया है निवेशकों से कि सारे फैसले बजट में हों कोई जरूरी नहीं है। धूम धड़ाके से रेलवे में सुधार की बात हो रही है। बैंकों को होल्डिंग कंपनियां बनाने की बात हो रही है। कोल इंडिया के विभाजन और विनिवेश की तैयारी है और दावा भी किया जा रहा है कि निजीकरण नहीं होगा। रेलवे का निर्माण में शत प्रतिशत एफडीआई है।
इंफ्रास्ट्राक्चर में रिलायंस इंफ्रा का हिस्सा कितना होगा क्योंकि अर्थव्यवस्था फिर बीस ट्रिलियन डालर की होनी है और डालरों के बेताज बादशाह बिना शक दरअसल मुकेश अंबानी हैं जो कल्कि अइवतार के राजसूययज्ञ में मुख्य पुरोहित हैं। गौरतलब है कि रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने आगामी एक से डेढ़ साल में अपने विभिन्न प्रकार के कारोबार में एक लाख करोड़ रुपये के नए निवेश की रविवार को घोषणा की। उन्होंने यह भी कहा कि भारत दुनिया में सबसे तेजी से वृद्धि करने वाली अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। रिलायंस अपने इस निवेश से पेट्रोरसायन कारोबार की उत्पादन क्षमता का विस्तार करने के साथ-साथ चिर प्रतीक्षित 4-जी ब्राडबैंड नेटवर्क सेवा शुरू करेगा और सरकार के 'मेक इन इडिया' और 'डिजिटल इंडिया पहल' में योगदान करेगा।
एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास