जो चुप रहेगी जबान खंजर से/ लहू पुकारेगा आस्तीन का

लगेगी आग तो आएँगे घर कई ज़द में

यहाँ पे सिर्फ़ हमारा मकान थोड़ी है"

जहां देश भर में पिछले दो सालों से गाय सबसे बड़ा मुद्दा बना हुआ है, इसी गाय के नाम पर कई बेगुनाहों की बलि ले ली गई है तो कई दलितों व पिछड़ों को जु़ल्म का निशाना बनाया जा चुका है। अखलाक़ व नोमान से मंदसौर की महिलाओं तक को इसी गाय की रक्षा के नाम पर सूली दे दी गयी है।

देश भर में गौरक्षा को एक मिशन और मुहिम बना दिया गया है। हर जगह गाय पर चर्चा गर्म है!

गाय को गौरक्षकों ने देश का सबसे बडा़ मसअला बना दिया है।

इसी कड़ी में बुधवार को दक्षिण कर्नाटक के उडुपी जिले के हेबरी पुलिस लिमिट में गौरक्षा के नाम पर जो कुछ हुआ, यकीनी तौर पर देश इससे शर्मसार हुआ है।

Gau rakshaks beat BJP worker to death near Udupi

ब्रह्मावारा नाम की जगह पर बुधवार को रात में करीब 10.30 बजे जैसे ही तीन बछड़ों को लेकर एक टैम्पो पहुंचा तो अचानक 17 युवकों ने उसे घेर लिया। उन्होंने ड्राइवर और उसके साथ बैठे युवक की डंडों से जमकर पिटाई की और उन्हें वहीं कराहता हुआ छोड़कर भाग गए।

कई को तो हास्पिटल में पुलिस ने भर्ती कराया पर एक की मौत हो गई।

murder of BJP worker Praveen Poojary in Udupi district,

मृतक की शिनाख्त 29 साल के प्रवीण पुजारी के तौर पर हुई है।

पुलिस के मुताबिक शुरुआती जांच में पता चला है कि मृतक प्रवीण बीजेपी का कार्यकर्ता था।

इस हमले में घायल हुए अक्षय का इलाज चल रहा है।

उडुपी जिले के पुलिस अधीक्षक बालकृष्ण ने जानकारी दी कि "हमला हिन्दू जागरण वेदिके के कार्यकर्ताओं ने किया है।"

यहाँ तक तो ऐसी ख़बर है जिसने हम सभी को हिला कर रख दिया है, क्योंकि कथित गौरक्षा के नाम पर आज देश में जो आतंक मचाया जा रहा है वह देश के भविष्य के लिए ज़हर है।

और ऐसा शायद पहली बार कथित गौ रक्षको ने एक कथित भाजपाई को, जो खुद भी एक तरह से गौ रक्षक विचारों का ही होगा, उसे ही मार दिया।

मुसलमानों और दलितों के बाद भाजपाई का भी नम्बर लग गया।

मौत अपने पराये मे भेद नहीं करती।

बीजेपी की लगाई गयी आग अपने ही घर को जला रही है.

पर इस आतंक का जि़म्मेदार कौन है??

किसने इन संगठनों को इतना बल दे दिया है कि वे देश भर में खून की होली खेल रहे हैं??

इसका सीधा जवाब यह है कि इसके जिम्मेदार नेता और सरकार है, अपाहिज सिस्टम है।

गाय जैसी नरम और कमज़ोर छवि वाला जानवर जिसे सोच कर ही हर इंसान के दिल में दया की भावना पैदा हो जाती है, उसे गंदी राजनीति में घसीट कर एक तरफ़ तो उसकी कथित रक्षा के नाम पर सैंक़ड़ों की बलि दी जा रही है, तो दूसरी तरफ़ हकीक़त यह है कि गौ मरण पहले से अब कहीं ज्यादा हो गया है।

और इसकी वजह गंदी राजनीति है, क्योंकि अगर कल अख़लाक़, नोमान और मंदसौर की महिलाओं व ऊना के दलितों पर जु़ल्म ढाने वाले गौवादियों पर सरकार ने शिकंजा कसा होता तो आज खुद एक भाजपाई को इस आतंक का निशाना ना बनना पड़ता।

पर इस पर क्या कोई कार्रवाई होगी??

जबकि इसी महीने के शुरू में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कथित गौ रक्षकों, जो दुर्भाग्य से मानव भक्षक बन चुके हैं, को जम कर लताड़ा था।

प्रधान मंत्री ने ऐसे भक्षकों के खिलाफ कार्यवाही की बात की थी।

प्रधान मंत्री ने कहा था 80 फीसद कथित गौ रक्षक रात में असामाजिक गतिविधियां चलाते हैं और दिन में गौ सेवा का चोला ओढ़ लेते हैं।

लेकिन प्रधान मंत्री की यह बात सिर्फ कथनी साबित हुयी है।

पिछले साल भारतीय वायुसेना में काम कर रहे एक टेक्नीशियन के पिता श्री मोहम्मद अख़लाक़ की भी बीफ को लेकर हत्या कर दी गयी थी उसके बाद झारखण्ड में दो भैंस गड़रियों को मार कर पेड़ से लटका दिया था जिनमें एक 14 वर्षीय नाबालिग था।

पिछले महीने गुजरात के ऊना में भी चार दलितों को सड़क पर निर्वस्त्र करके पीटा गया था और दो महिलाओं के साथ भी अभद्र व्यवहार किया गया था।

अब हम तो इस इस बात की प्रतीक्षा कर रहे हैं कि आखिर कब इस तरह की हत्याओं को आतंकवाद की श्रेणी में रखा जायेगा ?

आखिर कब पंजाब, गुजरात और उत्तरप्रदेश के साबुन, मांस और डेरी व्यवसायियों को आतंकित करने वाले इन कथित गौ रक्षको को आतंकवाद की श्रेणी में डाला जायेगा ?

जहां एक तरफ हर दो महीने में किसी न किसी समुदाय विशेष के युवकों को जिन्हें नेशनल सेक्यूरिटी फोर्सेज द्वारा आतंकी बताकर जेल में ठूंसे गया था और 10 से 15 साल जेल में गुज़ारने के बाद उनके निर्दोष छूटने की खबर आती है, तो वहीं दूसरी तरफ देश भर में आतंक फैलाकर जान लेने वाले अभी तक किसी की नज़र में आतंकी नहीं।

भाजपा सदस्य प्रवीण पुजारी की हत्या गौ रक्षको ने नहीं, बल्कि उन लोगों ने की है जो सत्ता में हैं, सब कुछ देख कर भी चुप हैं और ऐसी घटनाओं को आत्मसात भी कर रहे हैं। यह कर्मा है, जो देंगे वो वापस घूमकर मिलेगा। प्यार हो भाईचारा हो धोखा हो या अत्याचार।

आग लगेगी तो ज़द में पड़ोसी भी आयेंगें।

अब देखते है एक भाजपाई की निर्मम हत्या के आरोप में गिरफ़्तार किये गये 17 दोषियों को क्या सजा़ मिलती है??

या बी.जे.पी अख़लाक़ की तरह प्रवीण पुजारी को भी गौ तस्करी की रिपोर्ट दायर करके मौत के बाद दोषी ठहरायेगी??

यह तो समय ही बतलायेगा कि केन्द्र सरकार इस पर क्या करेगी ??

पर गौरक्षा के नाम पर जो मानसिकता हमारे देश के नौजवानों की बनती जा रही है, यह हिंसक मिज़ाज देश के लिए,देश वासियों के लिए, विधिता के लिए,लोकतंत्र के लिए बहुत ही ख़तरनाक है..

देशभक्ति की यह परिभाषा जिसमें सिर्फ़ नारे लगाये जाते हैं और रक्षा की बात कही जाती है, इस लेबल को लगाने बाद रक्षक भी सबसे बड़ा भक्षक बन जाता है।

इस भेस को धारण करने बाद हत्या, शोषण, हिंसा, बलवा सब राष्ट्रवाद बन जाता है।

इसी से देश को बचाने के लिए 125 करोड़ देश वासियों, सेक्यूलरिज़म को सब कुछ समझने वाले बुद्दजीवियों और अम्बेडकरवादियों को आगे आना होगा।

और देश की आपसी सौहार्द,अमन व चैन को लुटने व मिटने से बचाना होगा।

वरना आज वो तो कल हमारी बारी होगी।

क्योंकि

"जो चुप रहेगी जबान खंजर से

लहू पुकारेगा आस्तीन का"

मेहदी हसन एैनी रायबरेली

मेहदी हसन एैनी रायबरेली (लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं)