तीन दशक में तीन गुना बढ़ गए महिलाओं में क्रोनिक किडनी रोग के मामले : नई रिपोर्ट
एक नई रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि बीतेतीन दशकों में महिलाओं में क्रोनिक किडनी रोग (सीकेडी) के मामले (Chronic kidney disease in women) तीन गुना बढ़े।

जीएआईएमएस की रिपोर्ट: तीन दशकों में महिलाओं में सीकेडी के मामलों में भारी इजाफा
टाइप 2 डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर मुख्य कारण
एक नई रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि बीतेतीन दशकों में महिलाओं में क्रोनिक किडनी रोग (सीकेडी) के मामले (Chronic kidney disease in women) तीन गुना बढ़े। विशेषज्ञों का कहना है कि टाइप 2 डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर मुख्य कारण हैं। जानिए इस रिपोर्ट के अहम निष्कर्ष।
नई दिल्ली, 26 अक्टूबर 2024: एक नए शोध में पता चला है कि पिछले तीन दशक में वैश्विक स्तर पर महिलाओं में क्रोनिक किडनी रोगों (सीकेडी) के मामले लगभग तीन गुना बढ़े हैं। यह शोध गुजरात अदाणी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (जीएआईएमएस) के शोधकर्ताओं के नेतृत्व में किया गया।
एएसएन किडनी वीक 2024 में पेश किया गया शोध
23 से 27 अक्टूबर तक अमेरिका के सैन डिएगो में आयोजित हो रहे ‘एएसएन किडनी वीक 2024’ में प्रस्तुत शोध में कहा गया है कि महिलाओं में सीकेडी से संबंधित मौतों के प्रमुख कारण (Leading causes of CKD-related deaths in women) टाइप 2 डायबिटीज और उच्च रक्तचाप हैं।
शोध के वरिष्ठ लेखक और जीएआईएमएस में इंडिपेंडेंट क्लिनिकल एंड पब्लिक हेल्थ रिसर्चर हार्दिक दिनेश भाई देसाई ने कहा, "इसके लिए तत्काल नीतिगत हस्तक्षेप, लक्षित रोकथाम कार्यक्रम और स्वास्थ्य देखभाल के बुनियादी ढांचे में निवेश की आवश्यकता है, ताकि विशेष रूप से उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों में सीकेडी की वृद्धि रोकी जा सके।"
जीएआईएमएस गुजरात सरकार और अदाणी एजुकेशन एंड रिसर्च फाउंडेशन के बीच पहला सार्वजनिक-निजी-भागीदारी (पीपीपी) प्रयास है।
महिलाओं में क्रोनिक किडनी रोग की बढ़ती दर : जानिए क्या हैं चिंताजनक आंकड़े?
"महिलाओं में क्रोनिक किडनी रोग के बोझ में 1990-2021 तक वैश्विक, राष्ट्रीय और क्षेत्रीय रुझान : एक व्यापक वैश्विक विश्लेषण" शीर्षक से प्रकाशित इस शोध के लिए 2021 में जारी एक अन्य शोध ‘ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज’ से आंकड़े लिए गए हैं, जो समय के साथ दुनिया भर में स्वास्थ्य को होने वाले नुकसान को मापने का एक प्रयास है। इस शोध में 204 देशों और क्षेत्रों से जानकारी शामिल है।
1990-2021 के बीच बढ़ी सीकेडी की व्यापकता
महिलाओं में सीकेडी की व्यापकता में 1990 से 2021 के बीच औसत वार्षिक प्रतिशत परिवर्तन 2.10 प्रतिशत, मृत्यु दर 3.39 प्रतिशत और विकलांगता-समायोजित जीवन वर्ष 2.48 प्रतिशत बढ़ा है।
क्षेत्रीय असमानताएं: विशेष रूप से अमेरिका और लैटिन अमेरिका में चिंताजनक रुझान
दुनिया भर में सीकेडी से संबंधित मृत्यु दर और घातक बीमारियों से ग्रसित होने में भी महत्वपूर्ण असमानताएं देखी गई हैं, विशेष रूप से लैटिन अमेरिका, उत्तरी अमेरिका के बुजुर्गों में इसमें उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है।
मेटाबोलिक जोखिम कारकों से मृत्यु दर में वृद्धि
अध्ययन से पता चला है कि 2000 और 2010 के बीच मामूली कमी के बाद पिछले दशक में मेटाबोलिक जोखिम कारक के कारण मृत्यु दर में चिंताजनक वृद्धि हुई है।
रोकथाम के लिए तत्काल नीतिगत हस्तक्षेप की आवश्यकता
देसाई ने कहा, "शीघ्र निदान के साथ स्वस्थ जीवनशैली, डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियों को रोकने के बारे में जन जागरूकता अभियान महत्वपूर्ण हैं।"
उन्होंने कहा, "त्वरित कार्रवाई के बिना सीकेडी में निरंतर वृद्धि स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों को प्रभावित कर सकती है और दुनिया भर में मृत्यु दर में इजाफा हो सकता है।"


