त्रिपुरा में भाजपा से हार गए “सरकार” तो नगालैंड में भाजपा और मेघालय में कांग्रेस आगे
त्रिपुरा में भाजपा से हार गए “सरकार” तो नगालैंड में भाजपा और मेघालय में कांग्रेस आगे
त्रिपुरा में भाजपा सरकार बनाने की ओर
नई दिल्ली 03 मार्च। पूर्वोत्तर के तीन राज्यों के विधानसभा चुनावों के अब तक घोषित परिणामों और रूझानों के अनुसार त्रिपुरा व नगालैंड में भारतीय जनता पार्टी गठबंधन सरकार बनाने की ओर अग्रसर है जबकि मेघालय में कांग्रेस सबसे बड़े दल के रूप में उभर रही है। त्रिपुरा में रूझान चौंकाने वाले हैं। वहां भाजपा लगातार पिछले 25 वर्षों से सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिट पार्टी को पछाड़कर अपने दम पर सत्ता में आने की ओर से अग्रसर है। राज्य की 60 सीटों में से 59 पर चुनाव हुए थे और इनके रूझानों के अनुसार भाजपा 32 और उसकी गठबंधन सहयोगी इंडिजिनस पीपुल्स फ्रंट आफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) आठ सीटों पर आगे हैं। माकपा मात्र 19 सीटों पर बढ़त बनाये हुए है।
नगालैंड में भी 60 मे से 59 सीटों पर चुनाव हुए थे। यहां भाजपा पांच सीटों पर तथा उसकी गठबंधन सहयोगी नेशनल डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (एनडीपीपी) 15 सीटों पर और जनता दल यू (जद यू ) तीन सीटों पर जबकि 19 सीटों पर नागा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ)आगे है। दो सीटों पर नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) तथा दो पर निर्दलीय उम्मीदवार बढ़त बनाये हुए हैं। भाजपा ने राज्य में एनडीपीपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ा है लेकिन एनपीएफ ने भी भाजपा के साथ सरकार बनाने की बात कही है।
त्रिपुरा विधानसभा चुनाव की मतगणना में भाजपा और उसकी गठबंधन पार्टी इंडिजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा राज्य में सरकार बनाने की दिशा में आगे बढ़ रही है। राज्य में बीते 25 वर्षो में सत्तासीन मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेतृत्व में वाममोर्चा सत्ता से बेदखल होता दिख रहा है।
राज्य की 59 सीटों के ताजा रुझानों के मुताबिक, दो दौर की मतगणना पूरी होने के बाद भाजपा 32 सीटों पर आगे है जबकि जनजातीय पार्टी आठ सीटों पर आगे है।
रुझानों के मुताबिक, भाजपा-आईपीएफटी गठबंधन 40 सीटों पर बढ़त बनाए हुए हैं, जो बहुमत की 31 सीटों से नौ सीटें अधिक हैं।
वाममोर्चा सिर्फ 19 सीटों पर आगे है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भाजपा महासचिव राम माधव ने संवाददताओं को बताया,
"हम त्रिपुरा के रुझानों से खुश हैं, जहां भाजपा 40 से अधिक सीटों से सरकार बनाती दिख रही है।"
उन्होंने स्वीकार किया कि माकपा ने त्रिपुरा में कड़ी टक्कर दी है लेकिन लोगों ने बदलाव के लिए मतदान किया है।
साल 2013 के विधानसभा चुनाव में वाममोर्चे ने 50 सीटें जीती थी। कांग्रेस खाता तक खोलने में असफल रही थी। कई उम्मीदवारों की तो जमानत तक जब्त हो गई थी।
भाजपा के विजेताओं में राज्य इकाई के भाजपा अध्यक्ष बिप्लब कुमार देब (बनामालीपुर), सुदीप रॉय बर्मन (अगरतला), रतनलाल नाथ (मोहनपुर), ए.रामपदा जमातिया (बगमा), दिलीप कुमार दास (बरजाला), दिबा चंद्र रांगकावल (करमचरा), आशीष कुमार साहा (बोरोवाली), रतन चक्रबर्ती (खायेरपुर), अतुल देबबर्मा (कृष्णपुर), सुशांत चौधरी (मजलिसपुर) हैं।
आईपीएफटी की ओर से आगे चल रहे उम्मीदवारों में नरेंद्र चंद्र देबबर्मा (तकराजला), मेवार कुमार जमातिया (आश्रमबाड़ी) और प्रशांत देबबर्मा (रामचंद्रघट) हैं।
दिग्गज वाम उम्मीदवारों में निवर्तमान जनजातीय कल्याण मंत्री अघोर देबबर्मा (आश्रमबाड़ी), वन एवं ग्रामीण विकास मंत्री नरेश चंद्र जमातिया (बगमा), उपसभापति पबित्रा कर (खायेरपुर), विजय लक्ष्मी सिन्हा (कमालपुर), समिरन मलाकर (पबियाचारा), मनोरंजन देबबर्मा (मंडई बाजार), रतन दास (रामनगर), महिंद्रा चंद्र दास (कल्याणपुर-प्रमोदनगर) और मुख्य सचेतक बसुदेब मजूमदार (बेलोनिया) पीछे चल रहे हैं।
वाममोर्चे के जो उम्मीदवार आगे चल रहे हैं, उनमें मुख्यमंत्री और माकपा पोलितब्यूरो के सदस्य माणिक सरकार (धनपुर), स्वास्थ्य एवं लोककल्याण मंत्री बादल चौधरी (ऋषमुख), शिक्षा मंत्री तपन चक्रबर्ती (चांदीपुर), सूचना, खाद्य एवं नगारिक आपूर्ति मंत्री भानूलाल साहा (बिशालगढ़), खेल एवं युवा मामलों के मंत्री शाहिद चौधरी, विधानसभा अध्यक्ष रामेंद्र चंद्र देबबर्मा और जेल मंत्री महिंद्रा रेंग हैं।


