दिल्ली। 27 सितम्बर 2014. भगत सिंह के 107 वें जन्मदिवस के अवसर पर अम्बेडकर भवन में कल से शुरू तीन दिवसीय नौजवान भारत सभा के प्रथम राष्ट्रीय सम्मेलन के दूसरे दिन आज देश-विदेश के विभिन्न महत्वपूर्ण सामाजिक-राजनीतिक मुद्दों पर प्रस्ताव पारित किये गये एवं संगठन के केन्द्रीय परिषद, केन्द्रीय कार्यकारिणी एवं पदाधिकारियों का चुनाव किया गया। भगत सिंह जैसे महान युवा क्रान्तिकारी के विचारों से प्रेरित इस संगठन के प्रथम राष्ट्रीय सम्मेलन को आयोजित करने का इससे बेहतर मौका कोई नहीं हो सकता था।

गौ़रतलब है कि 1926 में भगतसिंह और उनके साथियों ने औपनिवेषिक गुलामी के विरुद्ध भारत के क्रान्तिकारी आन्दोलन को नया वैचारिक आधार देने के लिए और एक नये सिरे से संगठित करने के लिए युवाओं का जो संगठन बनाया था उसका नाम भी नौजवान भारत सभा ही था। यह नाम अपने आप में उस महान क्रान्तिकारी विरासत को पुनर्जागृत करने और उसे आगे बढ़ाने के संकल्प का प्रतीक है।

सम्मेलन में दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, बिहार और महाराष्ट्र के अलग- अलग हिस्सों से चुने हुए 150 से भी ज़्यादा नौजवान प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं।

आज के पहले सत्र में निम्न प्रस्ताव पारित हुए :

  1. शहीदों के लिए श्रद्धांजलि प्रस्ताव :
  2. इस प्रस्ताव में पिछले दिनों हमारे देश और पूरी दुनिया में जनता के लिए लड़ते हुए शहीद हुए क्रान्तिकारियों को श्रद्धांजलि दी गयी।
  3. मोदी सरकार की जनविरोधी नीतियों के विरोध में प्रस्तावः इस प्रस्ताव में गत चार महीनों के दौरान मोदी सरकार द्वारा लागू की गयीं विभिन्न जनविरोधी आर्थिक नीतियों और मज़दूर विरोधी श्रम ‘‘सुधारों’’ की कड़े शब्दों में निन्दा की गयी।
  4. दुनिया भर में बढ़ रहे धार्मिक कट्टरपंथ के खि़लाफ़ प्रस्ताव- इस प्रस्ताव में दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में उभर रहे विभिन्न किस्म के धार्मिक कट्टरपंथ मसलन इस्लामिक स्टेट, बोको हरम आदि की निन्दा की गयी और इन्हें साम्राज्यवादियों द्वारा खड़ा किया गया भस्मासुर बताया गया।
  5. फिलीस्तीनी जनता के मुक्ति संघर्ष के समर्थन में प्रस्ताव- इस प्रस्ताव में इज़रायल द़्वारा पिछले दिनों गाज़ा में किये गये बर्बर नरसंहार के की पुरज़ोर भर्त्सना करने के साथ ही साथ फिलीस्तीन की जनता द्वारा किये जा रहे बहादुराना संघर्ष का समर्थन किया गया।
  6. दुनिया भर में चल रहे जनान्दोलनों के समर्थन में प्रस्ताव
  7. देश भर में चल रहे जनान्दोलनों के समर्थन में प्रस्ताव

संयोजन समिति की ओर से प्रस्तुत उपरोक्त प्रस्तावों के अतिरिक्त सदन की ओर से भी कुछ सदस्यों द्वारा प्रस्ताव पारित किया गये। सदन की ओर से प्रस्तुत प्रस्तावों में मुख्य थे- संघ परिवार द़वारा चलायी जा रही लव जिहाद की झूठी मुहिम पर निन्दा प्रस्ताव, पंजाब के काले कानून पर विरोध प्रस्ताव, स्त्री-विरोधी अपराधों पर प्रस्ताव, दलित और जनजाति उत्पीड़न के खिलाफ़, देश भर में जारी छात्र आन्दोलनों के बर्बर दमन के खि़लाफ़ प्रस्ताव, पूँजीवाद द्वारा की जा रही पर्यावरण की तबाही पर प्रस्ताव, नौजवान भारत सभा के मुखपत्र के चयन सम्बन्धी प्रस्ताव।

भोजनावकाश के बाद दूसरे सत्र में नौभास की केन्द्रीय परिषद, केन्द्रीय कार्यकारणी एवं पदाधिकारों का चुनाव किया गया। षाम को एक विशेष सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें बिहार के मुजफ्फरपुर से आयी विकल्प सांस्कृतिक मंच ने क्रान्तिकारी गीतों की प्रस्तुति की एवं नौजवान भारत सभा की दिल्ली इकाई ने राजा का बाजा नाटक का मंचन किया।

सम्मेलन में कल तीसरे दिन 28 सितंबर को शहीदे आज़म भगतसिंह के 107 वें जन्मदिवस पर एक खुले सत्र का आयोजन होगा जिसमें प्रतिनिधियों के अतिरिक्त नौभास के शुभचिन्तक और समर्थक हिस्सा ले सकते हैं। सम्मेलन का समापन शहीदे आज़म भगतसिंह की याद में नौजवानों की एक रैली निकाल कर किया जायेगा

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