The future of a generation of children is at stake in a Sudan ravaged by war, hunger and disease

नई दिल्ली, 28 अगस्त 2023: मानवीय राहत मामलों के लिए संयुक्त राष्ट्र प्रमुख मार्टिन ग्रिफ़िथ्स ने चिन्ता जताई है कि सूडान में हिंसक टकराव और भूख का संकट, देश को तबाह कर सकता है और बच्चों की एक पूरी पीढ़ी का भविष्य दाँव पर लगा है.

युद्ध के चलते सूडान में गहरे सदमे में हैं युवा

यूएन अवर महासचिव के अनुसार, सूडान में जारी लड़ाई की वजह से युवाओँ को गहरा सदमा पहुँचा है और लड़ाई में बच्चों का इस्तेमाल किए जाने की चिन्ताजनक रिपोर्टें सामने आई हैं.

मार्टिन ग्रिफ़िथ्स ने आगाह किया कि देश में लाखों बच्चे कुपोषण का शिकार है और उपचार के अभाव में उनकी जान के लिए ख़तरा है. इन बच्चों के बीमारियों का शिकार बनने का जोखिम है, जबकि देश में स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं का अभाव है.

मध्य-अप्रैल में सूडान के सशस्त्र बलों और अर्द्धसैनिक बल (RSF) के बीच लड़ाई भड़कने से अब तक बड़ी संख्या में लोगों की मौत हो चुकी है और हज़ारों लोग घायल हुए हैं.

स्वास्थ्यकर्मियों पर भी हो रहे हैं हमले

यूएन एजेंसियों के अनुसार स्वास्थ्यकर्मियों और सुविधा केन्द्रों पर भी हमले किए गए हैं, जिससे ज़रूरी सेवाओं की सुलभता पर असर पड़ा है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बताया कि देश में हिंसाग्रस्त क्षेत्रों में 67 प्रतिशत से अधिक मुख्य अस्पतालों में 31 मई के बाद से कामकाज ठप है. केवल 29 अस्पताल पूर्ण या आंशिक रूप से संचालित हैं और चिकित्सा स्टाफ़, आपूर्ति, जल और बिजली की क़िल्लत के कारण उनके भी बन्द होने की आशंका है.

सूडान युद्ध से स्वास्थ्य देखभाल सैक्टर को बड़ा नुक़सान

मार्टिन ग्रिफ़िथ्स ने कहा कि हिंसक टकराव की वजह से सूडान में स्वास्थ्य देखभाल सैक्टर को भीषण नुक़सान पहुँचा है.

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी ने आगाह किया है कि मातृत्व, बाल देखभाल समेत अहम स्वास्थ्य सेवाओं को अनेक इलाक़ों में रोकना पड़ा है.

बच्चों में नाटेपन और उनका विकास अवरुद्ध हो जाने के मामले बढ़े हैं और देश भर में डेंगू, ख़सरा, दस्त समेत अन्य बीमारियों का प्रकोप है.

घातक मिश्रण’

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) और अन्य यूएन मानवीय राहत संगठनों ने देश में युवाओं के भविष्य के प्रति एक ऐलार्म जारी किया है.

यूएन एजेंसियों के अनुसार, ख़सरा, कुपोषण और विस्थापन का जानलेवा मिश्रण बच्चों की ज़िन्दगियों के लिए एक बड़ा ख़तरा है, और जल्द क़दम उठाए जाने होंगे.

यूनीसेफ़ का कहना है कि कम से कम 20 लाख बच्चों को हिंसक टकराव शुरू होने के बाद बेघर होने के लिए मजबूर होना पड़ा है. संगठन ने बताया कि जितना यह संकट लम्बा खिंचेगा, युवा सूडानी नागरिकों के शिक्षा से वंचित रह जाने का जोखिम भी बढ़ जाएगा.

हिंसा का बढ़ता दायरा

मानवतावादियों ने आशंका जताई है कि हिंसक टकराव पूरे देश को अपनी चपेट में ले सकता है. यूएन अवर महासचिव ने कहा कि कोर्दोफ़ान क्षेत्र में हिंसा और फिर खाद्य सामग्री की क़िल्लत उत्पन्न हुई है.

क्षेत्र की राजधानी काडुग्ली में खाद्य भंडार समाप्त हो रहे हैं जबकि लड़ाई और सड़कों पर अवरोधों के कारण राहतकर्मियों के लिए ज़रूरतमन्दों तक पहुँच पाना कठिन है.

मार्टिन ग्रिफ़िथ्स ने कहा कि पश्चिमी कोर्दोफ़ान के ऐल फूला में मानवीय राहत कार्यालयों में लूटपाट हुई है. वहीं, देश के पूर्वी हिस्से में स्थित अल जज़ीरा में आम नागरिकों की सुरक्षा के लिए ख़तरा है.

यह इलाक़ा गेहूँ उत्पादन के लिए जाना जाता है और हिंसक टकराव के देश के इस हिस्से में पहुँचने का चिन्ताजनक माना गया है.

सहायता धनराशि की क़िल्लत

सूडान में हिंसा के कारण सीमा-पार विस्थापित होने वाले लोगों की संख्या 10 लाख के आँकड़े के नज़दीक पहुँच रही है.

अवर महासचिव ग्रिफ़िथ्स ने कहा कि सूडान में लड़ाई के लम्बा ख़िचने से पूरे क्षेत्र में मानवीय तबाही की स्थिति उत्पन्न हो सकती है.

उन्होंने युद्धरत पक्षों से शक्ति व संसाधनों के बजाय सूडान की जनता व उनके हितों को सर्वोपरि रखे जाने की अपील की है और कहा कि अन्तरराष्ट्रीय समुदाय को हालात की गम्भीरता के अनुरूप क़दम उठाने होंगे.

सूडान के लिए 2.57 अरब डॉलर की मानवीय राहत अपील जारी की गई थी, जिसमें से केवल 26 प्रतिशत का ही प्रबन्ध हो पाया है, जबकि पड़ोसी देशों की सहायता के लिए प्रस्तावित धनराशि में केवल 30 प्रतिशत ही जुटाने में सफलता मिली है.

(स्रोत: संयुक्त राष्ट्र समाचार)

Torn by war, hunger and disease in Sudan, the future of a generation of children is at stake