हनुमान जी और सेक्स एजुकेशन !- हिन्दू धर्म को बदनाम न करो
हनुमान जी और सेक्स एजुकेशन !- हिन्दू धर्म को बदनाम न करो

भारतीय संस्कृति के रक्षकों द्वारा इस देश में देवी देवताओं के चित्रों को लगाकर कोई भी कार्य किया जाए, वह कार्य अति उत्तम श्रेणी का होता है।
आसाराम कारागार में बंद हैं. उनकी छवि सुधारने के लिए तमाम सारे महापुरुषों व हनुमान जी की तस्वीर लगाकर किताबें बांटी गयी हैं और उसी आधार पर परीक्षा भी ली गयी है। इस प्रकरण पर कभी भी साध्वी ऋतंभरा, उमा भारती, प्राची सहित तमाम सारी बड़बोलेपन की शिकार समाज में वैमनस्य फैलाने वाली यह नेत्रियाँ इस सम्बन्ध में कोई बात नहीं करेंगीं।
ज्ञातव्य है कि मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि दिव्य प्रेरणा प्रकाश ज्ञान परीक्षा के लिए आसाराम समर्थकों ने स्कूलों में बच्चों को किताबें बांटी हैं। यह किताबें शर्मशार करने वाली हैं। इन किताबों में यौन शिक्षा के नाम पर आपत्तिजनक और अश्लील बातें लिखी है। दसवीं और बारहवीं के बच्चे यह किताबें पढ़ रहे हैं। दिव्य प्रेरणा प्रकाश नाम की इस किताब के कवर पर बजरंग बली तथा अन्य महापुरुषों की तस्वीरें छपी हैं। और अंदर यौवन शक्ति बढ़ाने और सुरक्षित यौन संबंध के टिप्स दिए गए हैं।
छत्तीसगढ़ सरकार दुष्कर्म मामले के आरोपी और जेल में बंद आसाराम की छवि को सुधारने के लिए यह सब कर रही है।
मीडिया रिपोर्ट्सके मुताबिक महासमुंद और आसपास के कई स्कूलों में बापूजी के समर्थकों ने परीक्षा भी ले ली। योग वेदांत सेवा समिति के सदस्यों ने दावा किया कि स्कूलों में उन्हें संस्था प्रमुखों ने बेहद सरलता के साथ परीक्षा लेने दी है। परीक्षा के लिए बच्चों से शुल्क भी लिया गया। शिक्षकों ने ही इसकी वसूली की। जानकारी मिली है कि महासमुंद के पांच स्कूलों में शुक्रवार को यह परीक्षा एक साथ ली गई।
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और उसके अनुषांगिक संगठन उसी बात पर बोलते हैं और प्रचार करते हैं जिससे धार्मिक विवाद पैदा हो और बहुसंख्यक आबादी में दुष्प्रचार कर घृणा के वातावरण का लाभ लेकर अपने राजनीतिक मुखौटे भारतीय जनता पार्टी को लाभ पहुँचाना है।
गिरिराज सिंह से लेकर साक्षी की जबान को ताला लग जाता है अब वह इस प्रकरण पर चुप्पी साधे रहेंगे। आसाराम उनकी राजनीति का प्रतीक चिन्ह हैं, प्रधानमन्त्री मोदी, राजनाथ से लेकर संघ प्रमुख मोहन भगवत के आसाराम दुलारे रहे हैं। आसाराम किस प्रकार जेल से बाहर आये, उसके लिए समय-समय पर नागपुरी मुख्यालय के निर्देशों पर तरह-तरह के कार्य हो रहे हैं। उनके ऊपर चल रहे मुकदमों में गवाहों की हत्याएं तेजी से की जा रही हैं और जब अदालतों को गवाह नहीं मिलेंगे तो साक्ष्य के अभाव में आसाराम बरी हो सकते हैं।
रणधीर सिंह सुमन


