20 मई विश्व मधुमक्खी दिवस समारोह
देश | प्रकृति | दुनिया | समाचार विश्व मधुमक्खी दिवस 2023 की थीम "परागण-अनुकूल कृषि उत्पादन में संलग्न मधुमक्खी" (Bee engaged in pollinator-friendly agricultural production) है, जो परागण-अनुकूल कृषि उत्पादन का समर्थन करने के लिए वैश्विक कार्रवाई का आह्वान करता है

विश्व मधुमक्खी दिवस समारोह 2023
नई दिल्ली, 19 मई 2023. कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा 20 मई, 2023 को राजा भोज कृषि महाविद्यालय, वारासिवनी, बालाघाट, मध्यप्रदेश में विश्व मधुमक्खी दिवस (World Bee Day 20 May) मनाया जा रहा है।
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की उपस्थिति के साथ मध्यप्रदेश सरकार के कृषि मंत्री तथा मध्य प्रदेश सरकार के अ.पि.व. कल्याण आयोग के चेयरमैन की उपस्थिति में विश्व मधुमक्खी दिवस समारोह (World Bee Day in Hindi) मनाया जाएगा। इस कार्यक्रम में लगभग 1000 किसानों/ मधुमक्खीपालकों/ प्रोसेसरों/ उद्यमियों और शहद उत्पादन से जुड़े सभी हितधारकों के भाग लेने की उम्मीद है।
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की एक विज्ञप्ति के मुताबिक विश्व मधुमक्खी दिवस समारोह के दौरान, मधुमक्खी पालन क्षेत्र के मधुमक्खी पालकों, प्रोसेसरों और विभिन्न हितधारकों द्वारा मधुमक्खी पालन क्षेत्र में मधुमक्खी की विविध किस्मों और विभिन्न उत्पादों को प्रदर्शित करने के लिए 100 से अधिक स्टालों की एक प्रदर्शनी लगाई जाएगी।
तकनीकी सत्रों के आयोजन में "उत्पादन, अनुसंधान, उद्योगों के साथ साझेदारी, घरेलू और निर्यात के लिए बाजार रणनीति" और "विपणन चुनौतियां तथा समाधान (घरेलू/वैश्विक) एवं परिचर्चा" शामिल हैं, जिससे किसानों/मधुमक्खी पालकों के बीच मधुमक्खी पालन का वैज्ञानिक ज्ञान भी उन्नत होगा।
मधुमक्खी पालन का महत्व
मधुमक्खी पालन के इस महत्व को ध्यान में रखते हुए कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा प्रचुर प्रयास किये गए हैं और किये जा रहे हैं जिसमें केंद्रीय वित्तपोषित योजना "राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन व शहद मिशन" भी सम्मिलित है जिसे आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत वैज्ञानिक मधुमक्खी पालन के समग्र प्रचार व विकास तथा "मीठी क्रांति" के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रारंभ किया गया है। छोटे और सीमांत किसानों के बीच वैज्ञानिक मधुमक्खी पालन और उद्यमशीलता को समग्र रूप से बढ़ावा देने, फसलोपरांत प्रबंधन के लिए बुनियादी ढांचे के विकास और अनुसंधान एवं विकास के लिए सहायता के लिए राष्ट्रीय मधुमक्खी बोर्ड के माध्यम से एनबीएचएम लागू किया गया है।
विश्व मधुमक्खी दिवस के लिए वर्ष का विषय क्या है?
विश्व मधुमक्खी दिवस 2023 की थीम "परागण-अनुकूल कृषि उत्पादन में संलग्न मधुमक्खी" (Bee engaged in pollinator-friendly agricultural production) है, जो परागण-अनुकूल कृषि उत्पादन का समर्थन करने के लिए वैश्विक कार्रवाई का आह्वान करता है और विशेष रूप से साक्ष्य-आधारित कृषि उत्पादन प्रथाओं के माध्यम से मधुमक्खियों और अन्य परागणकों की रक्षा के महत्व पर प्रकाश डालता है।
भारत में मधुमक्खी पालन की संभावनाएं
भारत की विविध कृषि-जलवायु परिस्थितियों में मधुमक्खी पालन/शहद उत्पादन के लिए पर्याप्त संभावनाएं हैं। राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय बाजारों के लिए गुणवत्ता मानकों को बनाए रखते हुए और अन्य मधुमक्खी उत्पादों जैसे; मधुमक्खी पराग, मधुमक्खी मोम, रॉयल जेली, प्रोपोलिस और मधुमक्खी वेनोम के उत्पादन को बढ़ावा देकर शहद के उत्पादन और परीक्षण को बढ़ाने के लिए वैज्ञानिक तकनीक अपनाई जा रही है।
मधुमक्खियों का मानव जीवन में महत्व
मधुमक्खियां स्वास्थ्य सेवा और अन्य क्षेत्रों में उपयोग किए जाने वाले उच्च गुणवत्ता वाले आहार और अन्य उत्पादों को प्रदान करने में अपनी भूमिका के लिए प्रसिद्ध हैं, लेकिन मधुमक्खियों का काम इससे कहीं अधिक है। प्रभावी परागण से कृषि उपज में वृद्धि होती है और उनकी गुणवत्ता में सुधार होता है। इस प्रकार भारत में मधुमक्खी पालन एक महत्वपूर्ण कृषि-व्यवसाय गतिविधि है जिससे न केवल किसानों को अच्छा रिटर्न प्राप्त होता है बल्कि देश की खाद्य और पोषण सुरक्षा के लिए कृषि उत्पादकता बढ़ाने में भी सहायता मिलती है।


